अणु ऊर्जा विभाग
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संसद प्रश्न: स्वदेशी परमाणु विद्युत उत्पादन क्षमता

प्रविष्टि तिथि: 04 DEC 2025 6:20PM by PIB Delhi

वर्तमान स्थापित परमाणु विद्युत क्षमता 8780 मेगावाट (आरएपीएस-1 को छोड़कर) है।

तीन 700 मेगावाट पीएचडब्ल्यूआर इकाइयाँ — राजस्थान के रावतभाटा में आरएपीएस-8 (700 मेगावाट) और हरियाणा के गोरखपुर में जीएचएवीपी-1 एवं 2 (2 × 700 मेगावाट) — वर्तमान में सक्रिय निर्माणाधीन हैं। इसके अतिरिक्त, दस रिएक्टर (प्रत्येक 700 मेगावाट) विभिन्न पूर्व-परियोजना गतिविधियों के चरणों में हैं — कर्नाटक के कैगा, मध्य प्रदेश के छुतका और हरियाणा के गोरखपुर में दो-दो तथा राजस्थान के माहि बाँसवाड़ा में चार।

बीएआरसी ने निम्नलिखित एसएमआर पर डिजाइन और विकास कार्य प्रारंभ किया है —

i. 200 मेगावाट विद्युत क्षमता वाला भारत स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (बीएसएमआर-200),
ii. 55 मेगावाट विद्युत क्षमता वाला स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (एसएमआर-55), तथा

iii. हाइड्रोजन उत्पादन के लिए निर्धारित 5 मेगावाट थर्मल तक की क्षमता वाला उच्च तापमान गैस कूल्‍ड रिएक्टर।

यह प्रस्तावित है कि प्रौद्योगिकी प्रदर्शन के लिए इन रिएक्टरों की अग्रणी इकाइयों का निर्माण डीएई स्थल पर किया जाए। परियोजना के लिए स्‍वीकृतियां प्राप्त होने के बाद इन प्रदर्शन रिएक्टरों का निर्माण लगभग 60 से 72 महीनों में किया जाना संभावित है।

बीएसएमआर-200 और एसएमआर-55 को कैप्टिव पावर प्लांट के रूप में ऊर्जा-गहन उद्योगों जैसे एल्युमिनियम, इस्पात, धातु आदि के लिए, बंद होने जा रहे जीवाश्म ईंधन आधारित विद्युत संयंत्रों के पुनःउपयोग हेतु, और दूरस्थ तथा ऑफ-ग्रिड क्षेत्रों में ऊर्जा उपलब्ध कराने के लिए उपयोग किया जा सकता है। वहीं, उच्च तापमान गैस कूल्‍ड रिएक्टरों से उत्पन्न हाइड्रोजन परिवहन क्षेत्र और प्रसंस्करण उद्योगों में स्वच्छ ईंधन के रूप में उपयोग की जा सकती है। इस प्रकार, ये एसएमआर आने वाले दशक में विद्युत क्षेत्र, ऊर्जा-गहन उद्योगों और परिवहन क्षेत्र के डीकार्बनाइजेशन तथा स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के प्रमुख योगदानकर्ताओं के रूप में तैनात हैं।

परमाणु ऊर्जा 24×7 उपलब्ध बेस लोड विद्युत का स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल स्रोत है। अब तक परमाणु ऊर्जा ने पर्यावरण में लगभग 822 मिलियन टन कार्बन-डाई-ऑक्‍साइड के समतुल्य उत्सर्जन को होने से रोका है। परमाणु ऊर्जा मिशन का लक्ष्य वर्ष 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु विद्युत क्षमता प्राप्त करना है, जो वर्ष 2070 तक नेट ज़ीरो के लक्ष्य तक पहुँचने के लिए भारत के क्‍लीन एनर्जी ट्राज़ीशन में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

वर्तमान परमाणु विद्युत क्षमता 8780 मेगावाट (आरएपीएस-1 को छोड़कर) से बढ़कर 2025-26 में 9480 मेगावाट, 2026-27 में 11480 मेगावाट, 2029-30 में 13480 मेगावाट तथा 2031-32 में 21880 मेगावाट होने की उम्‍मीद है, जो कार्यान्वयनाधीन परियोजनाओं की क्रमिक प्रगति पर निर्भर है। इसके अतिरिक्त, भाविनी (भारतीय नाभिकीय विद्युत निगम लिमिटेड ) की 500 मेगावाट क्षमता वाली प्रोटोटाइप फ़ास्ट ब्रीडर रिएक्टर (पीएफबीआर) इकाई कमीशनिंग के अंतिम चरण में है।

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पीके/केसी/पीके


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