अणु ऊर्जा विभाग
संसद प्रश्न: काकरापार यूनिट-3 की स्थिति
प्रविष्टि तिथि:
04 DEC 2025 6:21PM by PIB Delhi
काकरापार यूनिट-3 (केएपीएस-3) की सफल कमीशनिंग जून 2023 में की गई, जो देश में स्वदेशी प्रेशराइज्ड हेवी वॉटर रिएक्टर (पीएचडब्ल्यूआर) की पहली इकाई है। यह उपलब्धि 2070 तक नेट-जीरो लक्ष्य के लिए स्वच्छ बेस-लोड क्षमता जोड़ने की भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। न्यूक्लियर पावर क्षमता स्थापित करने के दौरान अक्षय ऊर्जा तथा स्टोरेज के विस्तार को किसी भी प्रकार से कमतर नहीं किया जा रहा है, क्योंकि नेट-जीरो लक्ष्य प्राप्त करने के लिए बड़े पैमाने पर स्वच्छ ऊर्जा क्षमता की आवश्यकता होगी। इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए स्टोरेज सहित अक्षय ऊर्जा तथा परमाणु ऊर्जा संयंत्र — दोनों की बड़े पैमाने पर स्थापना आवश्यक है।
केएपीएस-3, उन्नत सुरक्षा विशेषताओं वाले 700 मेगावाट क्षमता के पहले स्वदेशी पीएचडब्ल्यूआर का डिज़ाइन एनपीसीआईएल द्वारा किया गया है। इसके सभी घटकों/उपकरण की आपूर्ति भारतीय उद्योगों द्वारा की गई और निर्माण कार्य भारतीय ठेकेदारों द्वारा निष्पादित किया गया। पूरी तरह स्वदेशी 700 मेगावाट पीएचडब्ल्यूआर भविष्य में भारतीय परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम की मुख्य आधारशिला होगा और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य में योगदान देगा।
केएपीएस-3 की कोर डैमेज फ़्रीक्वेंसी एवं डिज़ाइन आधार भूकम्प से अधिक का सीज़्मिक मार्जिन क्रमशः 6.34 × 10⁻⁰⁸ प्रति रिएक्टर प्रति वर्ष और 33% है।
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पीके/केसी/पीके
(रिलीज़ आईडी: 2199201)
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