सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
दिव्यां गजन सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार 2025
एक समाज जो हर व्यक्ति की क्षमताओं को अपनाता है, वह अधिक सशक्त, अधिक मानवीय और अधिक समृद्ध बनता है: राष्ट्रपति
प्रविष्टि तिथि:
03 DEC 2025 8:03PM by PIB Delhi
भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु, ने आज दिव्यांगजन सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार 2025 में एक सशक्त संदेश के माध्यम से राष्ट्र को प्रेरित किया, यह पुष्टि करते हुए कि “एक समाज जो हर व्यक्ति की क्षमताओं को अपनाता है, वह अधिक सशक्त, अधिक मानवीय और अधिक समृद्ध बनता है।” अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर विज्ञान भवन में सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने देश को याद दिलाया कि समावेशन, गरिमा और समान अवसर ही राष्ट्रीय प्रगति के सच्चे मानक हैं। उन्होंने इस दिन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह “हमारी सामूहिक जिम्मेदारी की याद दिलाता है कि हम एक ऐसा समाज बनाएं जो प्रत्येक नागरिक के लिए, विशेष रूप से हमारे दिव्यांगजनों के लिए, न्यायसंगत, समावेशी और सक्षमकारी हो।”

राष्ट्रपति ने दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने और उत्कृष्टता को सम्मानित करने के भारत के लंबे समय से चल रहे संकल्प को उजागर किया, यह बताते हुए कि ये पुरस्कार न केवल असाधारण उपलब्धियों को मान्यता देते हैं बल्कि करुणा, जिम्मेदारी और कुछ करने के लिए भी प्रेरित करते हैं। उन्होंने 32 पुरस्कार विजेताओं के साहस तथा नेतृत्व की सराहना की और उन्हें “भारत की गरिमा, समानता और समावेशन के प्रति प्रतिबद्धता के चमकते उदाहरण” बताया। दिव्यांगजन अधिनियम, 2016 के परिवर्तनकारी प्रभाव को याद करते हुए, राष्ट्रपति ने भारत के अधिकार-आधारित ढांचे की ओर बदलाव को रेखांकित किया, जो शिक्षा और सार्वजनिक सेवाओं तक पहुँच, उचित व्यवस्था, कानूनी सुरक्षा और प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करता है। उन्होंने विशेष रूप से उन दिव्यांग बच्चों की प्रशंसा की जिन्होंने अपनी अक्षमताओं के बावजूद अपनी क्षमताओं में उत्कृष्टता दिखाई। राष्ट्रपति भवन में दिव्यांगजनों के लिए कई पहलें की जा रही हैं, और वहाँ एक पर्पल फेस्ट भी आयोजित किया गया।

समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व और दूरदृष्टि के चलते सरकार दिव्यांगजनों को अमूल्य मानव पूंजी मानती है और समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है। उन्होंने यूडीआईडी, सुगम्य अवसंरचना पहल और एडीआईपी योजना के तहत लगभग 33 लाख लाभार्थियों को वितरण जैसी उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जब भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के माध्यम से देश को आत्मनिर्भर बनाने की बात करते हैं, तो हमारे दिव्यांगजनों का योगदान और प्रयास भी उस विज़न का एक अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।

अपने स्वागत भाषण में दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की सचिव श्रीमती वी. विद्यावती ने सभी पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को शुभकामनाएं देते हुए इस वर्ष के राष्ट्रीय पुरस्कारों को लेकर देशभर में दिखाई दे रहे उल्लेखनीय उत्साह पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल के माध्यम से कुल 2,423 आवेदन प्राप्त हुए, जो दिव्यांगजन समुदाय में बढ़ती जागरूकता और आत्म-विश्वास का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि सरकार सुगम्य अवसंरचना, प्रारंभिक चरण में हस्तक्षेप सेवाओं, क्षमता-विकास संस्थानों और प्रौद्योगिकी आधारित सुधारों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है, जो एक अधिक समान और बाधा-मुक्त भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि उनकी उपलब्धियां देशभर में लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
*****
पीके/केसी/पीके
(रिलीज़ आईडी: 2198580)
आगंतुक पटल : 98