वित्त मंत्रालय
भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशानिर्देशों में बैंकों को क्षेत्रीय भाषाओं में ग्राहक सेवाएँ प्रदान करने के निर्देश सम्मिलित हैं
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को त्रिभाषी सामग्री जारी करने, स्थानीय अधिकारियों की नियुक्ति करने और प्रभावी ग्राहक संपर्क के लिए कर्मचारियों की स्थानीय भाषा दक्षता सुनिश्चित करने का परामर्श दिया गय है
प्रविष्टि तिथि:
02 DEC 2025 5:52PM by PIB Delhi
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के ग्राहक सेवाओं पर बैंकों को जारी दिशानिर्देश, क्षेत्रीय भाषाओं के प्रयोग पर व्यापक निर्देश प्रदान करते हैं ताकि बैंक क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुसार अपनी सेवा प्रदान कर सकें। बैंकों को शाखाओं के सामान्य प्रबंधन के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति बनाने का भी परामर्श दिया गया है। इसमें अन्य बातों के साथ-साथ, सभी काउंटरों पर संकेतक बोर्ड प्रदर्शित करना, ग्राहकों को बैंक में उपलब्ध सेवाओं और सुविधाओं के सभी विवरणों वाली पुस्तिकाएँ प्रदान करना, खुदरा ग्राहकों द्वारा उपयोग किए जाने वाली सभी मुद्रित सामग्री जैसे कि खाता खोलने के फॉर्म, भुगतान पर्ची, पासबुक आदि उपलब्ध कराना, ग्राहक निवारण आदि को हिंदी, अंग्रेजी और संबंधित क्षेत्रीय भाषा में उपलब्ध कराना शामिल है। इसके अलावा, बैंकों के पास क्षेत्रीय भाषाओं में बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करने और सहायता प्रदान करने के लिए बहुभाषी संपर्क केंद्र और डिजिटल चैनल हैं।
वित्तीय सेवा विभाग ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) को बैंकों में ग्राहक सेवा के बारे में संबंधित क्षेत्रीय भाषाओं के प्रयोग पर भारतीय रिज़र्व बैंक के निर्देशों का पालन करने का भी परामर्श दिया है। इसके अलावा, भारतीय रिज़र्व बैंक ने अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) को भेजे अपने पत्र में फिर से कहा है कि ग्राहकों को सभी पत्र-व्यवहार अनिवार्य रूप से त्रिभाषी प्रारूप - हिंदी, अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषा में जारी किए जाने चाहिए। साथ ही, भारतीय बैंक संघ (आईबीए) ने सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को भेजे अपने पत्र में परामर्श दिया है कि वे स्थानीय ग्राहकों के साथ उनकी स्थानीय भाषा में, विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी केंद्रों में, प्रभावी संचार सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय बैंक अधिकारियों (एलबीओ) की भर्ती के लिए एक नीति बना सकते हैं, और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा इसका सक्रिय रूप से पालन किया जा रहा है। इसके अलावा, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में ग्राहक सेवा का कार्य मुख्य रूप से ग्राहक सेवा सहयोगियों (सीएसए) द्वारा किया जाता है, जहाँ भर्ती प्रक्रिया के दौरान, सीएसए को अब उस राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की आधिकारिक भाषा के लिए एक स्थानीय भाषा प्रवीणता परीक्षा (एलपीटी) उत्तीर्ण करनी होगी जहाँ कर्मचारी तैनात होंगे। इससे क्षेत्रीय भाषाओं में निर्बाध संचार की सुविधा मिलती है और इससके परिणामस्वरूप प्रभावी ग्राहक सेवाएं मिलती हैं।
वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
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पीके/केसी/एमकेएस/डीके
(रिलीज़ आईडी: 2197816)
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