कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
जन शिक्षण संस्थान योजना
प्रविष्टि तिथि:
01 DEC 2025 5:22PM by PIB Delhi
जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस) योजना का उद्देश्य भारत सरकार से शत प्रतिशत अनुदान के साथ पंजीकृत सोसायटियों (एनजीओ) के माध्यम से लाभार्थी के दरवाजे पर गैर-औपचारिक तरीके से कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है। इस योजना को 1967 में श्रमिक विद्यापीठ (एसवीपी) के रूप में शुरू किया गया था। योजना का उद्देश्य कौशल विकास प्रशिक्षण के माध्यम से स्व/मजदूरी रोजगार को बढ़ावा देकर घरेलू आय में वृद्धि करना है। योजना के लक्षित लाभार्थी निरक्षर, नव-साक्षर और प्रारंभिक स्तर की शिक्षा प्राप्त व्यक्ति, 15-45 वर्ष की आयु के 12वीं कक्षा तक स्कूल छोड़ने वाले लोग हैं। दिव्यांगजन और अन्य पात्र मामलों, विशेषकर महिलाओं को आयु में छूट दी जाती है। प्राथमिकता समूह ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी निम्न-आय वाले क्षेत्रों में महिलाएं, एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक हैं।
2018 से 31 अक्टूबर 2025 तक जेएसएस योजना के अंतर्गत देश भर में कुल 32,53,965 लाभार्थियों को प्रशिक्षित किया गया है। इसका विवरण अनुलग्नक-I में दिया गया है।
पिछले दो वित्तीय वर्षों के दौरान योजना का परिव्यय और वर्षवार उपयोग अनुलग्नक-II में दिया गया है।
वर्ष 2018 से 31 अक्टूबर 2025 तक जेएसएस योजना के अंतर्गत प्रशिक्षित महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लाभार्थियों की संख्या अनुलग्नक-III में दी गई है।
योग्य मामलों विशेषकर महिलाओं को आयु सीमा में छूट दी जाती है। प्राथमिकता वाले समूहों में ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी निम्न-आय वाले क्षेत्रों की महिलाएँ, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक शामिल हैं। योजना के प्रमुख उद्देश्यों के अनुरूप प्रशिक्षित लाभार्थियों में से अधिकांश महिलाएँ (लगभग 83 प्रतिशत) हैं।
फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
जन शिक्षण संस्थान योजना के अंतर्गत प्रत्येक जेएसएस को स्थापना के समय 20 लाख रुपये का एकमुश्त नॉन रिकरिंग अनुदान और प्रशिक्षण कार्यक्रम के संचालन हेतु प्रतिवर्ष चार समान किश्तों में 50 लाख रुपये का वार्षिक रिकरिंग अनुदान दिया जाता है। इस रिकरिंग अनुदान को आगे तीन मदों में विभाजित किया गया है: कार्यक्रम व्यय (24 लाख रुपये), पारिश्रमिक (20 लाख रुपये) और कार्यालय व्यय (06 लाख रुपये)।
पाठ्यक्रम का चयन स्थानीय बाज़ार की माँग और घर-घर जाकर किए गए सर्वेक्षणों के माध्यम से लाभार्थियों की आवश्यकताओं के आधार पर किया जाता है। एकरूपता और कौशल मानकों को बनाए रखने के लिए सभी पाठ्यक्रमों को एनएसक्यूएफ मानकों के अनुरूप बनाया गया है।
मंत्रालय केंद्र और राज्य सरकारों की प्रमुख योजनाओं और पहलों के साथ तालमेल बिठाकर इकोसिस्टम को मज़बूत करने के लिए कई उपाय कर रहा है। इसका उद्देश्य आजीविका के अवसरों को बढ़ाना, उद्यमिता को बढ़ावा देना और कौशल विकास पहलों को राष्ट्रीय प्राथमिकताओं, जैसे आत्मनिर्भर भारत अभियान, एक ज़िला एक उत्पाद (ओडीओपी) और अन्य के साथ जोड़ना है। सरकार की अन्य योजनाओं के साथ जेएसएस योजना के विभिन्न तालमेल का विवरण अनुबंध IV में दिया गया है ।
चालू वित्त वर्ष 2025-26 में महाराष्ट्र राज्य में कुल 21 जेएसएस केंद्र कार्यरत हैं। जेएसएस योजना के अंतर्गत चालू वित्त वर्ष में महाराष्ट्र में कार्यरत जेएसएस केंद्रों का विवरण अनुलग्नक-V में दिया गया है ।
वित्त वर्ष 2018-19 से 31 अक्टूबर 2025 तक महाराष्ट्र में जेएसएस योजना के अंतर्गत कुल 2,63,937 लाभार्थियों को प्रशिक्षित किया गया है। प्रशिक्षित लाभार्थियों में ग्रामीण और शहरी मलिन बस्तियों के शैक्षिक रूप से वंचित और सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े समूह शामिल हैं। योजना के प्रमुख उद्देश्यों के अनुरूप प्रशिक्षित लाभार्थियों में से अधिकांश महिलाएँ (82.59 प्रतिशत) हैं। इसका विवरण अनुबंध-VI में दिया गया है।
अनुबंध- मैं
जेएसएस योजना के अंतर्गत प्रशिक्षित एवं प्रमाणित लाभार्थी (2018 से 31 अक्टूबर 2025 तक)
अनुबंध- II
पिछले दो वित्तीय वर्षों के दौरान योजना का परिव्यय और वर्षवार उपयोग
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वास्तविक उपयोग
(करोड़ में)
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अनुबंध- III
जेएसएस योजना के अंतर्गत प्रशिक्षित महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की संख्या
अनुलग्नक – IV
जेएसएस योजना के अंतर्गत अभिसरण पहलों का विवरण निम्नानुसार है: और
1. धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (डी ए जे जी यू ए) (जनजातीय मामलों का मंत्रालय)
धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का उद्देश्य 17 मंत्रालयों/विभागों द्वारा समन्वित 25 हस्तक्षेपों के माध्यम से बुनियादी ढाँचे, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और आजीविका में गंभीर कमियों को दूर करके जनजातीय क्षेत्रों और समुदायों के व्यापक विकास की परिकल्पना करना है। 2024-25 से 2028-29 की अवधि के लिए जनजातीय समुदायों के 1 लाख लाभार्थियों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
डीएजेजीयूए के अंतर्गत देश के 15 राज्यों के 30 जनजातीय जिलों में 30 जनजातीय कौशल केन्द्र (टीएससी) स्थापित किए गए हैं।
2. समाज में सभी के लिए आजीवन शिक्षा की समझ के साथ अभिसरण ( उल्लास) योजना (शिक्षा मंत्रालय):
उल्लास योजना के अंतर्गत , जेएसएस साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत लाभार्थियों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं।
● जेएसएस राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरणों (एसएलएमए) और जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरणों (डीएलएमए) के साथ सक्रिय रूप से समन्वय कर रहे हैं।
● 15-45 वर्ष आयु वर्ग के उल्लास लाभार्थियों को परामर्श दिया जा रहा है तथा उन्हें जेएसएस में पंजीकृत किया जा रहा है।
● अब तक 26 जेएसएस ने इस अभिसरण के अंतर्गत 400 लाभार्थियों को प्रशिक्षित किया है ।
3. पीएम विश्वकर्मा:
जेएसएस को पीएम विश्वकर्मा के अंतर्गत कारीगरों और शिल्पकारों के लिए प्रशिक्षण केंद्रों के रूप में पहचाना गया है। अक्टूबर 2025 तक, 118 जेएसएस ने 23 राज्यों में 18 व्यवसायों में 26,201 कारीगरों के लिए प्रशिक्षण और मूल्यांकन आयोजित किया है ।
4. पीएम जनमन:
जनजातीय कार्य मंत्रालय की प्रधानमंत्री जनमन योजना के अंतर्गत, जेएसएस, एनआईईएसबीयूडी के सहयोग से परामर्श एजेंसियों के रूप में कार्य करते हैं।
● इसका ध्यान विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के लिए कौशल, व्यावसायिक प्रशिक्षण, उद्यमिता विकास और क्षमता निर्माण पर केंद्रित है।
● अब तक 1,774 लाभार्थियों ने उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम (ईएपी) प्रशिक्षण पूरा कर लिया है , और 1,738 लाभार्थियों ने उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीपी) प्रशिक्षण पूरा कर लिया है ।
5. कौशल हब पहल (पीएमकेवीवाई तीसरा चरण):
राज्य शिक्षा विभागों/एजेंसियों के सहयोग से एनएसडीसी के माध्यम से क्रियान्वित यह पहल जेएसएस को कौशल केंद्र के रूप में स्थापित करती है।
● 288 जेएसएस को 34,560 लाभार्थियों (प्रति जेएसएस 120) का कुल प्रशिक्षण लक्ष्य आवंटित किया गया।
● 217 जेएसएस द्वारा 12,971 लाभार्थियों का प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया गया है ।
6. नव्या पहल:
जून 2025 में कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की संयुक्त पहल के रूप में शुरू की गई, नव्या (नव्या) आकांक्षी जिलों में किशोरियों (16-18 वर्ष) को कुशल बनाने पर केंद्रित है। इस पहल के लिए 15 जेएसएस का चयन किया गया है। 2 जेएसएस में प्रशिक्षण शुरू हो चुका है ।
अनुलग्नक – V
वित्तीय वर्ष 2025-26 में महाराष्ट्र में कार्यरत जेएसएस की सूची
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जेएसएस चंद्रपुर-I (वीजीवीएसएम)
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जेएसएस चंद्रपुर-II (वीबीएस)
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अनुबंध- VI
तालिका: महाराष्ट्र राज्य में प्रशिक्षित लाभार्थियों की संख्या (लिंगवार)
यह जानकारी कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयंत चौधरी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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पीके/ केसी/ एसके /डीके
(रिलीज़ आईडी: 2197205)
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