युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरदार@150 एकता मार्च की राष्ट्रीय पदयात्रा 26 नवंबर को आरम्भ होगी
गुजरात और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य नेता राष्ट्रीय पदयात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे
‘माईभारत’ के स्वयंसेवक वल्लभ विद्यानगर से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक होने वाले 11 दिन के एकता मार्च में युवाओं की भागीदारी की अगुआई करेंगे
150 विषयगत पड़ाव, ग्राम सभाएँ, स्वच्छता अभियान और स्वदेशी पहलकदमियां सरदार पटेल की विरासत को आज की नागरिक ज़िम्मेदारी से जोड़ेंगी
प्रविष्टि तिथि:
25 NOV 2025 5:44PM by PIB Delhi
युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय 'माईभारत' के ज़रिए, 26 नवंबर को संविधान दिवस के अवसर पर शास्त्री मैदान, वल्लभ विद्यानगर (गुजरात) से सरदार@150 एकता मार्च की राष्ट्रीय पदयात्रा आरम्भ करेगा। पिछले कई हफ्तों में पूरे देश में निर्मित गति को आगे बढ़ाते हुए, यह राष्ट्रीय मार्च प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण से प्रेरित एक व्यापक एकता-संचालित आंदोलन की परिणति का प्रतिनिधित्व करता है।
राष्ट्रीय पदयात्रा को कई प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामयी उपस्थिति में हरी झंडी दिखाई जाएगी जिनमें गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्रभाई पटेल, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री श्रीमती निमूबेन बांभणिया, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल, भाजपा गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष श्री जगदीशभाई विश्वकर्मा, गुजरात सरकार के खाद्य, नागरिक और उपभोक्ता मामले मंत्री श्री रमनभाई सोलंकी, गुजरात सरकार के वित्त राज्य मंत्री श्री कमलेशभाई पटेल, खेल, युवा सेवा और सांस्कृतिक गतिविधियाँ राज्य मंत्री डॉ. जयरामभाई गामित, गुजरात विद्यापीठ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. हर्षदभाई पटेल, सरदार पटेल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. निरंजन पी. पटेल, पैरालंपिक पदक विजेता सपना व्यास और मानसी जोशी, अहिरी शिवोहम् और पूर्व क्रिकेटर श्री राकेश चौहान शामिल हैं। इनके साथ ही 'माई भारत' के स्वयंसेवक और हजारों उत्साही युवा भी भागीदारी करेंगे।
देश भर में इस अभियान को मिली ज़बरदस्त प्रतिक्रिया, पूरे देश में पहले से हो रही गतिविधियों से उत्पन्न हुई है। यह अभियान 24 नवंबर तक, 780 ज़िलों में से 613 ज़िलों में पहुँच चुका है और ज़िला और विधानसभा के स्तर पर 1,422 पदयात्राएँ पूरी कर चुका है, जो 431 लोकसभा सीटों तक फैली हुई हैं। ये पदयात्राएँ अब तक कुल मिलाकर 7,200 किलोमीटर से ज़्यादा की दूरी तय कर चुकी हैं, इनकी दूरी 2 से 15 किलोमीटर तक की है। इनको हर इलाके के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखकर अंतिम रूप दिया गया है, जो एकता, अनुशासन और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक हैं। इन पदयात्राओं में 14.3 लाख से ज़्यादा नागरिकों ने हिस्सा लिया। यह युवाओं की ज़बरदस्त भागीदारी को दिखाता है और देश भर में राष्ट्रीय पदयात्रा का मंच तैयार करता है।
राष्ट्रीय पदयात्रा 26 नवंबर को सुबह 9:00 बजे गणमान्य व्यक्तियों द्वारा करमसद में सरदार पटेल के पैतृक निवास पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ शुरू होगी। इसके बाद वल्लभ विद्यानगर के शास्त्री मैदान में सरदार सभा होगी जहाँ नेता, विद्वान और युवा प्रतिनिधि सरदार पटेल की प्रासंगिकता के बारे में बताएँगे। औपचारिक कार्यवाही दोपहर 12 बजे पदयात्रा को हरी झंडी दिखाने के साथ समाप्त होगी, यह केवड़िया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक लगभग 180 किलोमीटर की 11-दिवसीय यात्रा की शुरुआत होगी।
पहले दिन, पदयात्रा सरदार पटेल विश्वविद्यालय, शहीद चौक, भाईकाका सर्कल, टाउन हॉल सर्कल, बोरसद चौकड़ी, जितोदिया रोड और अंधारिया चौकड़ी से होकर नवली पहुंचेगी। शाम को नवली में पड़ाव होगा। यहाँ पर स्थानीय प्रदर्शन, नृत्य, लोक कलाएँ और सामुदायिक भागीदारी होगी, जो सरदार पटेल के मूल्यों और गुजरात की सांस्कृतिक पहचान के बीच एक जीवंत सेतु का निर्माण करेगी।
पूरे मार्ग पर, 150 विषयगत पड़ाव होंगे जहाँ 'माई भारत' स्वयंसेवकों के नेतृत्व में प्रदर्शनियाँ, स्थानीय शिल्प कौशल, सरकारी योजनाएँ और पारस्परिक सवांद के सत्र आयोजित किए जाएँगे। दैनिक 'सरदार गाथा' सत्रों में सरदार पटेल के जीवन के प्रसंगों का वर्णन किया जाएगा, जो ऐतिहासिक चिंतन को समकालीन नागरिक जिम्मेदारी से जोड़ेंगे। ग्राम सभाओं, स्वच्छता अभियानों, 'एक पेड़ माँ के नाम' और अन्य जागरूकता गतिविधियों के माध्यम से सामुदायिक भागीदारी को मज़बूत किया जाएगा जिससे पदयात्रा के सेवा और स्वदेशी के सिद्धांतों को बल मिलेगा।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप, प्रतिभागियों को खादी पहनने और स्थानीय कारीगरों का समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। मार्ग में स्थापित स्वदेशी स्टॉल, महिला स्वयं सहायता समूह और युवा नवोन्मेषी आत्मनिर्भर भारत की भावना को बढ़ावा देंगे, यह सुनिश्चित करते हुए कि यह पदयात्रा स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करते हुए इतिहास का सम्मान भी करती है।
पदयात्रा 6 दिसंबर को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर एक राष्ट्रीय समारोह के साथ समाप्त होगी, जहां पदयात्री सामूहिक रूप से सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे, जिनके नेतृत्व में 562 रियासतों को एकीकृत करके आधुनिक भारत की नींव रखी गई थी।
राष्ट्रीय पदयात्रा का विवरण, जिसमें मार्ग मानचित्र, कार्यक्रम और स्वयंसेवक की जानकारी 'माई भारत' पोर्टल (https://mybharat.gov.in/) पर सरदार@150 एकता मार्च के तहत उपलब्ध है। यह पदयात्रा देश भर के युवाओं को जिम्मेदार नागरिक बनकर देश को जोड़ने और एक भारत, आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत के आदर्शों को आगे बढ़ाने में सहायक होगी।
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पीके/केसी/एसके/एसएस
(रिलीज़ आईडी: 2194292)
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