रक्षा मंत्रालय
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13वीं भारत-ओमान संयुक्त सैन्य सहयोग समिति की बैठक नई दिल्ली में आयोजित हुई


भारत की ओर से रक्षा सचिव और ओमान के रक्षा मंत्रालय के महासचिव ने संयुक्त विकास, प्रौद्योगिकी साझाकरण और विस्तारित उत्पादन भागीदारी पर बल दिया

Posted On: 24 NOV 2025 5:52PM by PIB Delhi

रक्षा सचिव श्री राजेश कुमार सिंह और ओमान के रक्षा मंत्रालय के महासचिव डॉ. मोहम्मद बिन नसीर बिन अली अल ज़ाबी ने 24 नवंबर, 2025 को नई दिल्ली में 13वीं संयुक्त सैन्य सहयोग समिति की बैठक की सह-अध्यक्षता की। दोनों अधिकारियों ने दोनों देशों के बीच मज़बूत रक्षा सहयोग की समीक्षा और सराहना की तथा विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और मज़बूत करने के तरीकों पर चर्चा की। उन्होंने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा घटनाक्रमों, विशेष रूप से हिंद महासागर क्षेत्र से संबंधित मुद्दों पर भी अपनी दृष्टिकोण साझा किए।

दोनों पक्षों ने रक्षा औद्योगिक सहयोग को गहरा करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, जिसमें संयुक्त विकास, प्रौद्योगिकी साझाकरण और विस्तारित उत्पादन साझेदारी पर बल दिया गया। दोनों अधिकारियों ने आपूर्ति श्रृंखलाओं को मज़बूत करने, अंतर-संचालनीयता बढ़ाने और उभरती हुई रक्षा प्रौद्योगिकियों में नवाचार को बढ़ावा देने के महत्व को रेखांकित किया।

चर्चा उन दीर्घकालिक रूप रेखाओं को बनाने पर केंद्रित थी जो उन्नत प्लेटफार्मों के सह-विकास का समर्थन करती हैं, स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देती हैं और रणनीतिक मजबूती में सुधार करती हैं। दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि क्षेत्रीय स्थिरता, पारस्परिक सुरक्षा हितों और सतत रक्षा आधुनिकीकरण के लिए रक्षा औद्योगिक सहयोग अत्यन्त आवश्यक है। इस बैठक ने भारत और ओमान के बीच मज़बूत रणनीतिक साझेदारी की पुनः पुष्टि की और नियमित उच्च-स्तरीय संवाद बनाए रखने के लिए दोनों देशों की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।

अपनी यात्रा के दौरान ओमान के रक्षा मंत्रालय के महासचिव डॉ. मोहम्मद बिन नसीर बिन अली अल ज़ाबी ने रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ से भी मुलाकात की और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर चर्चा की। उन्होंने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान के साथ भी बैठक की।

भारत और ओमान के बीच मज़बूत राजनीतिक, रक्षा, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों पर आधारित एक रणनीतिक साझेदारी है। प्रमुख रणनीतिक बिंदुओं में तेल और गैस व्यापार के माध्यम से आर्थिक सहयोग और ऊर्जा सुरक्षा तथा क्षेत्रीय स्थिरता और आतंकवाद-रोधी सहयोग तथा समुद्री सुरक्षा में साझा हित शामिल हैं।

 

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पीके/केसी/आईएम/केएस


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