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उपराष्ट्रपति श्री सी. पी. राधाकृष्णन को सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) तथा नीति आयोग की प्रमुख गतिविधियों और कार्यान्वयन के बारे में जानकारी दी गई

प्रविष्टि तिथि: 21 NOV 2025 8:20PM by PIB Delhi

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय और योजना मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), तथा संस्कृति राज्य मंत्री श्री राव इंद्रजीत सिंह ने आज संसद भवन में उपराष्ट्रपति श्री सी. पी. राधाकृष्णन से भेंट की। इस अवसर पर नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी. वी. आर. सुब्रह्मण्यम, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) के सचिव डॉ. सौरभ गर्ग तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

बैठक के दौरान, उपराष्ट्रपति को नीति आयोग की कार्यप्रणाली, प्रमुख कार्यक्रमों और आगामी योजनाओं के साथ-साथ विकसित भारत@2047 के लिए विजन तथा रणनीतिक रोडमैप के बारे में जानकारी दी गई।

उपराष्ट्रपति ने नीति आयोग की केंद्रीय मंत्रालयों एवं राज्य सरकारों के साथ सक्रिय साझेदारी की प्रशंसा की, जिसने विभिन्न क्षेत्रों में नीतिगत ढांचों को मजबूत करने, कार्यक्रमों की प्रभावी रूपरेखा तैयार करने और उनके जमीनी स्तर पर समुचित कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने आकांक्षी ज़िला कार्यक्रम सहित नीति आयोग की अन्य प्रमुख पहलों की भी सराहना की।

उपराष्ट्रपति को सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय सांख्यिकी प्रणाली की संरचना और उसकी कार्यप्रणाली का व्यापक विवरण प्रस्तुत किया गया। इस प्रस्तुति में डेटा के संग्रहण और संकलन की प्रक्रियाओं से लेकर प्रमुख राष्ट्रीय आर्थिक संकेतकों के प्रकाशन तक के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया। इसके तहत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) एवं औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) जैसे अहम संकेतकों को तैयार करने और जारी करने की प्रक्रिया का भी विस्तार से उल्लेख किया गया।

श्री सी. पी. राधाकृष्णन ने आधिकारिक सांख्यिकी के निर्माण और प्रसार में उच्चतम मानकों तथा वैश्विक सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को बनाए रखने के लिए सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के निरंतर प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता-युक्त, भरोसेमंद और समय पर उपलब्ध आंकड़े न केवल प्रभावी नीति-निर्माण में सहायक होते हैं, बल्कि प्रशासनिक क्षमता बढ़ाने तथा राष्ट्र के सर्वांगीण विकास की ठोस आधारशिला भी रखते हैं। उपराष्ट्रपति ने यह भी दोहराया कि 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में रणनीतिक योजना और डेटा-आधारित निर्णय लेने की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने विशेष रूप से रेखांकित करते हुए कहा कि डेटा-संचालित शासन ही भारत के भविष्य को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।

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पीके/केसी/एनके/एसएस


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