पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

आईआईएसएफ 2025 से पहले, केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने संभावित नवप्रवर्तकों के लिए “राष्ट्रव्यापी नवाचार चुनौती” का शुभारंभ किया


केन्द्रीय मंत्री ने विद्यार्थियों, स्टार्टअप और “जेन जेड” से पुरस्कार योग्य नवीन विचारों के साथ आगे आने और भारत के वैज्ञानिक भविष्य को आकार देने का आह्वान किया

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में भारत की यात्रा ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक छलांग लगाकर देश को डीपटेक के एक उभरते हुए पावरहाउस के रूप में स्थापित किया है

Posted On: 19 NOV 2025 5:51PM by PIB Delhi

आगामी आईआईएसएफ 2025 से पहले, डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज एक “राष्ट्रव्यापी नवाचार चुनौती” का शुभारंभ किया। यह चुनौती सभी क्षेत्रों के संभावित नवप्रवर्तकों के लिए खुली है और इसमें भारत की “जेन जेड” से नेतृत्व करने का विशेष आह्वान किया गया है।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में भारत की यात्रा ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक छलांग लगाकर देश को डीपटेक के एक उभरते हुए पावरहाउस के रूप में स्थापित किया है। केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा आज जारी एक वीडियो संदेश में यह घोषणा की गई।

अपने संदेश में, डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि भारत में अब 6,000 से अधिक डीपटेक स्टार्टअप हैं, जैव अर्थव्यवस्था 14 गुना बढ़ गई है, अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में निवेश दोगुना हो गया है, अंतरिक्ष क्षेत्र निजी कंपनियों के लिए खुल गया है जिससे 8 बिलियन अमेरिकी डॉलर की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था तैयार हो गई है और भारत ने अपना पहले  राष्ट्रीय क्वांटम मिशन का शुभारंभ किया है, जिससे क्वांटम प्रौद्योगिकी से जुड़े स्टार्टअप की एक नई लहर शुरू हुई है।

केन्द्रीय मंत्री ने वीडियो संदेश में कहा, “यह केवल प्रगति नहीं है। भारत भविष्य को आकार दे रहा है। और अगली सफलता आपसे मिल सकती है।”

यह चुनौती 6 दिसंबर से शुरू होने वाले भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) 2025 से पहले ‘विज्ञान से समृद्धि: आत्मनिर्भर भारत के लिए’ विषय पर शुरू की गई है।

विद्यार्थियों, स्टार्टअप, शोधकर्ताओं, किसानों, रचनाकारों और नागरिकों सहित देश भर से प्रतिभागियों को इसमें आमंत्रित किया गया है और उन्हें एआई, क्वांटम, अंतरिक्ष, जैव प्रौद्योगिकी, जलवायु तकनीक, स्वास्थ्य सेवा, कृषि, शिक्षा या किसी भी उभरते क्षेत्र में एक नवाचार प्रस्तुत करना है, बशर्ते उसमें कम से कम 1,000 लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की क्षमता हो।

अवधारणाएं, प्रोटोटाइप और प्रायोगिक परियोजना (पायलट प्रोजेक्ट) भी स्वीकार किए जायेंगे, बशर्ते उनमें स्पष्टता, उद्देश्य और विस्तार की क्षमता दर्शायी गई हो।

मायगव प्लेटफॉर्म पर निम्नलिखित लिंक: https://www.mygov.in/task/one-innovation-towards-self-reliant-india/ का उपयोग करके प्रस्तुतियां जमा की जा सकती हैं। इस लिंक को केन्द्रीय मंत्री के सोशल मीडिया पर दिए गए वीडियो संदेश में भी साझा किया गया है।

आईआईएसएफ 2025 के दौरान सर्वोत्तम विचारों को मान्यता दी जाएगी और डीएसटी, डीबीटी, सीएसआईआर और बीआईआरएसी के सहयोग से उन्हें आगे बढ़ाने के लिए एक व्यवस्थित  मार्ग प्रदान किया जाएगा। केन्द्रीय मंत्री ने श्रेष्ठ नवाचारों को व्यक्तिगत रूप से रेखांकित करने   और उन्हें आगे बढ़ने में मदद करने हेतु मार्गदर्शन देने की भी प्रतिबद्धता जताई है।

इस पहल के पीछे की भावना के बारे में बोलते हुए, केन्द्रीय महोदय ने कहा कि भारत एक ऐसे निर्णायक दौर से गुजर रहा है, जहां नवाचार से जुड़ा इकोसिस्टम परिपक्व हो रहा है, उच्चस्तरीय प्रौद्योगिकी मिशन प्रगति पर हैं और विज्ञान राष्ट्र निर्माण का केन्द्रबिंदु बन रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगर सही मंच उपलब्ध कराया जाए, तो कक्षाओं, सामुदायिक प्रयोगशालाओं, कार्यशालाओं, खेतों और दूरदराज के जिलों से भी वास्तविक दुनिया से जुड़े समाधान निकल सकते हैं।

युवाओं के लिए संदेश स्पष्ट है: “सभी नवप्रवर्तकों, विशेषकर जेन जेड के लिए: भारत सुन रहा है।”

अब जबकि देश आईआईएसएफ 2025 की तैयारियों में जुटा है, इस चुनौती का उद्देश्य देश की वैज्ञानिक सोच को जागृत करना और वैश्विक चुनौतियों के लिए उपयुक्त भारतीय समाधानों को प्रोत्साहित करना है। युवा प्रतिभाओं और जमीनी स्तर के नवाचारों की क्षमता को सक्रिय करके, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय विज्ञान को समृद्धि एवं आत्मनिर्भरता, दोनों की एक शक्ति के रूप में देख रहा है।

केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “आइए, हम विज्ञान के साथ भविष्य का निर्माण करें। आइए, हम आत्मनिर्भर भारत के लिए नवाचार करें।”

*****

पीके/ केसी/ आर /डीके


(Release ID: 2191835) Visitor Counter : 34
Read this release in: English , Urdu , Tamil