कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय, एसपीईएफएल कौशल परिषद और ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट ने "स्पोर्टएज मेरठ" - भारत के मॉडल स्पोर्ट्स हब पर कार्यशाला आयोजित की


स्पोर्टएज (विकास और उत्कृष्टता के लिए खेल और उद्यमिता विकास), मेरठ आजीविका को बढ़ावा देगा, महिला उद्यमियों को सशक्त बनाएगा और युवा खेल प्रतिभाओं को पोषित करेगा

मेरठ का 1,500 करोड़ रुपये का खेल सामग्री उद्योग कौशल, निर्यात और महिला-केन्द्रित उद्यम के संचालक के रूप में उभरा

उद्योग जगत के अग्रणी व्यक्तियों ने अनुसंधान एवं विकास, डिजाइन नवोन्मेषण, मजबूत उद्योग प्रतिनिधित्व और उन्नत वैश्विक मानकों की अपील की

Posted On: 14 NOV 2025 6:39PM by PIB Delhi

भारत की खेल अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के एक उल्लेखनीय कदम के रूप में, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने खेल, शारीरिक शिक्षा, फिटनेस और अवकाश कौशल परिषद (एसपीईएफएल-एससी) और ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट (बीएटी) के साथ मिलकर "स्पोर्टएज मेरठ" - विकास और उत्कृष्टता के लिए खेल और उद्यमिता विकास - पर एक कार्यशाला की घोषणा की और उसका सफलतापूर्वक संचालन किया। यह मेरठ को भारत के मॉडल स्पोर्ट्स हब के रूप में विकसित करने की एक प्रमुख पहल है।

इस पहल का उद्देश्य आर्थिक विकास को गति देने, कौशल-आधारित आजीविका को बढ़ावा देने और स्थानीय प्रतिभाओं, विशेष रूप से महिलाओं और युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए मेरठ की खेल विरासत का उपयोग करना है। एसपीईएफएल-एससी कार्यक्रम को क्षेत्रीय कौशल आवश्यकताओं उद्योग साझेदारियों और मानकों के साथ समन्वित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जबकि एमएसडीई केंद्रीय और राज्य मंत्रालयों, उद्योग निकायों और खेल संघों के साथ समन्वय करके संयोजन और मापनीयता सुनिश्चित करेगा।

कार्यशाला में सरकार, उद्योग, वित्त और विकास सेक्टरों के विभिन्न हितधारकों ने भाग लिया, जो एक जीवंत और समावेशी खेल अर्थव्यवस्था के निर्माण के साझा विजन को साझा करते हैं। प्रतिभागियों में एशियाई विकास बैंक (एडीबी), विश्व बैंक, ओएनजीसी फाउंडेशन, माइक्रोसॉफ्ट, अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन और एसबीआई फाउंडेशन के प्रतिनिधि शामिल थे। वित्त, कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व, प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और जमीनी स्तर के विकास जैसे क्षेत्रों में उनकी विविध विशेषज्ञता ने विचार-विमर्श को अत्यधिक मूल्यवान बना दिया। एक साथ मिलकर, उन्होंने स्पोर्टएज मेरठ के एक ऐसे राष्ट्रीय मॉडल के रूप में उभरने की क्षमता को रेखांकित किया। यह खेल, कौशल और उद्यमिता को विकास और सशक्तिकरण के एकीकृत इंजन में समेकित करता है।

मेरठ: भारत की खेल अर्थव्यवस्था का इंजन

मेरठ भारत के सबसे बड़े खेल सामग्री विनिर्माण क्लस्टरों में से एक है और उत्तर प्रदेश की एक ज़िला एक उत्पाद (ओडीओपी) पहल का एक प्रमुख ज़िला है। यह ज़िला राज्य की अर्थव्यवस्था में सालाना लगभग 1,500 करोड़ रुपये और भारत के खेल सामग्री निर्यात में 40 प्रतिशत से अधिक का योगदान देता है। इस क्लस्टर में 3 लाख से अधिक कारीगर, महिला कर्मचारी और छोटे उद्यमी कार्यरत हैं, जिनकी कारीगरी ने मेरठ को वैश्विक स्तर पर ख्याति दिलाई है।

स्पोर्टएज मेरठ के माध्यम से, इस इको-सिस्टम का लक्ष्य प्रतिस्पर्धात्मकता, नवोन्मेषण और सामाजिक प्रभाव के लिए एक वैश्विक मानक के रूप में स्थापित करने का है। यह कार्यक्रम विनिर्माण और डिज़ाइन से लेकर ब्रांडिंग, मार्केटिंग और सतत उद्यम विकास तक, संपूर्ण मूल्य श्रृंखला को सुदृढ़ बनाएगा।

नेतृत्व विज़न

इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षा राज्य मंत्री श्री जयंत चौधरी ने कहा: "मुझे स्पोर्टएज मेरठ (विकास एवं उत्कृष्टता के लिए खेल एवं उद्यमिता विकास) के अंतर्गत मेरठ स्पोर्ट्स हब विकास मॉडल की घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है। यह पहल खेल, कौशल और उद्यमिता को विकास के एकल, भविष्य के लिए तैयार इंजन में एकीकृत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। आज खेल का अर्थ केवल जीतना ही नहीं है; यह एक जीवन कौशल है जो चरित्र निर्माण, अनुशासन का निर्माण और आजीविका एवं उद्यम के नए अवसर प्रदान करता है।"

भारत का तीसरा सबसे बड़ा खेल सामग्री निर्यातक मेरठ इस बात का उदाहरण है कि कैसे एक मज़बूत विनिर्माण इको-सिस्टम वैश्विक उत्कृष्टता को बढ़ावा दे सकता है। इस मॉडल के साथ, हमारा लक्ष्य खेल विनिर्माण में उद्यमिता को बढ़ावा देकर, एमएसएमई और स्टार्टअप्स को नवाचार करने, नई तकनीकों को अपनाने और बाज़ार में अपनी उपस्थिति बढ़ाने में सक्षम बनाकर इस विरासत को मज़बूत और व्यापक बनाना है।

नीतिगत समर्थन, उद्योग साझेदारी, प्रशिक्षण संस्थानों और स्थानीय समुदाय को एक साथ लाकर, स्पोर्टएज मेरठ एक जीवंत, आत्मनिर्भर खेल अर्थव्यवस्था बनाने में मदद करेगा जो महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों की सहायता करता है और भविष्य के चैंपियन, रचनाकारों और नवप्रवर्तकों को पोषित करता है।

यह हमारे सामूहिक संकल्प को दर्शाता है: जब हमारे युवाओं को सशक्त बनाने की बात आती है, तो हम एकजुट हैं। एमएसडीई एक समन्वयकारी भूमिका निभाता रहेगा ताकि हर हितधारक - कारीगर, निर्माता, प्रशिक्षक, एथलीट, स्टार्टअप और स्थानीय संस्थान एक साथ प्रगति कर सकें। हमारा विज़न स्पष्ट है: खेलों को प्रत्येक युवा भारतीय के लिए आकांक्षा, सम्मान और अवसर का मुख्यधारा, कौशल-आधारित और उद्यम-संचालित मार्ग बनाना।

संस्थागत तालमेल और वैश्विक संयोजन

इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एमएसडीई की सचिव सुश्री देबाश्री मुखर्जी ने कहा: "मेरठ की कहानी हमें याद दिलाती है कि हर खेल उपलब्धि के पीछे लाखों कारीगरों, उद्यमियों और नवप्रवर्तकों का मौन कौशल छिपा होता है, जो कच्चे माल को राष्ट्रीय गौरव में बदल देते हैं। स्पोर्टएज मेरठ पहल के माध्यम से, हमारा लक्ष्य नीति, उद्योग और लोगों को एक साथ लाकर इस पारंपरिक समूह को कौशल, खेल और स्थिरता के वैश्विक प्रतीक में बदलना है। जब खेल आजीविका और उद्यमिता का माध्यम बन जाते हैं, तो हम केवल चैंपियन ही नहीं बनाते बल्कि एक मज़बूत, आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करते हैं।"

उद्योग अंतर्दृष्टि और भावी परिदृश्य

उद्योग जगत के अग्रणी व्यक्तियों और इको-सिस्टम विशेषज्ञों ने खेल इको-सिस्टम के भीतर अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी), डिज़ाइन नवाचार और प्रौद्योगिकी एकीकरण को सुदृढ़ करने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने विनिर्माताओं का सामूहिक प्रतिनिधित्व करने और वैश्विक स्थिति तथा नीतिगत समर्थन को आकार देने के लिए युवा मामले एवं खेल मंत्रालय के साथ मिलकर काम करने के लिए मज़बूत उद्योग महासंघ के निर्माण की अपील की।

हितधारकों ने निम्नलिखित की आवश्यकता पर भी बल दिया:

  • विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों के नेतृत्व में खेल इंजीनियरिंग, उपकरण डिजाइन और सामग्री विज्ञान में अनुसंधान एवं विकास तथा एप्लॉयड रिसर्च।
  • वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए उत्पाद डिजाइन, आईपी निर्माण और डिजिटल विनिर्माण में नवाचार।
  • नये अंतर्राष्ट्रीय बाजार खोलने के लिए किफायती कच्चे माल तक पहुंच, उन्नत प्रमाणन प्रणाली और सुसंगत गुणवत्ता मानक।
  • प्रतिभागियों ने एक मजबूत उद्योग-नेतृत्व वाले संगठन या महासंघ की आवश्यकता रेखांकित की तथा इस बात पर बल दिया कि इस क्षेत्र को एकीकृत आवाज प्रस्तुत करनी चाहिए तथा नीति और वैश्विक स्थिति को आकार देने के लिए खेल मंत्रालय के साथ मिलकर काम करना चाहिए।

यह पहल पारदर्शिता, जवाबदेही और मापनीय प्रभाव पर केंद्रित एक मजबूत शासन संरचना विकसित करने के लिए सीएसआर भागीदारों, घरेलू फाउंडेशनों और निजी योगदानकर्ताओं को एक साथ लाएगी।

अगले कदम के रूप में, एमएसडीई, एसपीईएफएल कौशल परिषद और बीएटी परिचालन ढांचे को अंतिम रूप देने के लिए स्थानीय सरकार, उद्योग प्रतिनिधियों और वित्त पोषण भागीदारों के साथ परामर्श शुरू करेंगे, जिसके बाद एक औपचारिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।

कार्यान्वित होने के बाद, स्पोर्टएज, मेरठ का लक्ष्य खेल और उद्यम-आधारित विकास के लिए एक राष्ट्रीय मॉडल के रूप में कार्य करना है जो यह प्रदर्शित करेगा कि कैसे स्थानीय शक्तियों को कौशल विकास और वैश्विक सहयोग के साथ जोड़कर समुदायों और अर्थव्यवस्था के लिए रूपांतरकारी  अवसरों को खोला जा सकता है।

***

पीके/केसी/एसकेजे/एमपी


(Release ID: 2190203) Visitor Counter : 33
Read this release in: English , Urdu