रक्षा मंत्रालय
डीआरडीओ ने बारूदी सुरंग निरोधक अभियानों के लिए नई पीढ़ी के मानव-पोर्टेबल ऑटोनोमस अंडरवॉटर व्हीकल्स विकसित किए
Posted On:
14 NOV 2025 5:31PM by PIB Delhi
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल), विशाखापत्तनम ने बारूदी सुरंग निरोधक अभियानों के लिए मानव-पोर्टेबल ऑटोनोमस अंडर-वाटर व्हीकल्स (एमपी-एयूवी) की एक नई पीढ़ी का सफलतापूर्वक विकास किया है। इस प्रणाली में बारूदी सुरंग जैसी वस्तुओं का वास्तविक समय में पता लगाने और वर्गीकरण के लिए प्राथमिक पेलोड के रूप में साइड स्कैन सोनार और अंडर-वाटर कैमरों से सुसज्जित कई एयूवी शामिल हैं। ऑनबोर्ड डीप लर्निंग आधारित टारगेट रिकॉग्निशन एल्गोरिदम ऑटोनोमस क्लासिफिकेशन को सक्षम बनाते हैं, जिससे ऑपरेटर का कार्यभार और मिशन का समय अत्यंत कम हो जाता है।

इसके अतिरिक्त, परिचालन के दौरान अंतर-एयूवी डेटा विनिमय को सुगम बनाने के लिए एक मजबूत अंतर्जलीय ध्वनिक संचार को एकीकृत किया गया है, जिससे स्थितिजन्य जागरूकता में वृद्धि सुनिश्चित होती है।
एनएसटीएल/हार्बर में हाल ही में संपन्न हुए प्रक्षेत्र परीक्षणों ने प्रमुख प्रणाली मापदंडों और महत्वपूर्ण मिशन उद्देश्यों का सफलतापूर्वक सत्यापन किया है। इस प्रणाली के निर्माण में कई उद्योग भागीदार शामिल हैं और यह प्रणाली अगले कुछ महीनों में उत्पादन के लिए तैयार हो जाएगी।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने एमपी-एयूवी के सफल विकास के लिए एनएसटीएल टीम की सराहना की है और इसे तैनाती योग्य, बुद्धिमान और नेटवर्कयुक्त माइन काउंटरमेज़र समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया है। उन्होंने कहा कि यह नौसैनिक माइन युद्ध अनुप्रयोगों के लिए निम्न परिचालन जोखिम और लॉजिस्टिक उपलब्धता के साथ त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता प्रदान करता है।
***
पीके/केसी/एसकेजे/एमपी
(Release ID: 2190131)
Visitor Counter : 135