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देशभक्ति का जोश अपने चरम पर! वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में वर्ष भर चलने वाले समारोह का उत्साहपूर्ण शुभारंभ


1.25 करोड़ भारतीयों ने पहले ही वंदे मातरम के अपने गायन रिकॉर्ड कर लिए हैं

पूरे देश के 36 राज्यों और 653 जिलों में कार्यक्रम अब भी आयोजित किए जा रहे हैं

विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 11,632 विद्यालयों और 554 महाविद्यालयों में वंदे मातरम से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं

Posted On: 14 NOV 2025 3:36PM by PIB Delhi

वंदे मातरम की भावना और भारत के इतिहास में इसकी अद्वितीय भूमिका का महत्व दर्शाने के लिए वंदे मातरम के 150 वर्ष, एक राष्ट्रीय स्मारक पहल है। वंदे मातरम केवल एक गीत नहीं है; यह भारत की सामूहिक चेतना है और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान स्वतंत्रता सेनानियों का नारा था।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 1 अक्टूबर को 'वंदे मातरम' की 150वीं वर्षगांठ के लिए देशव्यापी समारोहों को स्वीकृति दी थी, ताकि नागरिकों, विशेषरूप से हमारे युवाओं और विद्यार्थियों को इस गीत की मौलिक, क्रांतिकारी भावना से जोड़ने के लिए एक प्रभावशाली आंदोलन को प्रोत्साहन दिया जा सके। ये समारोह इस शाश्वत संदेश का सम्मान करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि इसकी विरासत पूरी तरह से मनाई जाए और अगली पीढ़ी के दिलों में समाहित हो।

बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित, वंदे मातरम पहली बार उनके प्रसिद्ध उपन्यास आनंदमठ में प्रकाशित हुआ था, जो बंगाली साहित्यिक पत्रिका बंगदर्शन में धारावाहिक रूप में प्रकाशित हुआ था और समय के साथ भारत के स्वतंत्रता संग्राम का नारा बन गया। मातृभूमि को दिव्य बताते हुए, जो प्रकृति और राष्ट्र दोनों का प्रतीक है, इस भावपूर्ण आह्वान ने भारतीयों की पीढ़ियों को एक साझा भावनात्मक और सांस्कृतिक पहचान दी।

वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में उद्घाटन समारोह

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में 'वंदे मातरम के 150 वर्ष' के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह का शुभारंभ दिल्ली में एक भव्य राष्ट्रीय उद्घाटन समारोह के साथ हुआ, जिसमें प्रमुख कलाकार, युवा प्रतिनिधि और समाज के विभिन्न वर्गों के अन्य लोग सम्मिलित हुए। इस अवसर पर एक विशेष स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया गया।

वंदे मातरम संगीत कार्यक्रम: नाद एकम रूपम अनेकम

वंदे मातरम: नाद एकम, रूपम अनेकम, एक सांस्कृतिक उत्सव है, जिसमें गायकों और संगीतकारों ने राष्ट्रीय गीत की मनमोहक प्रस्तुति दी। इस प्रस्तुति ने विविधता में एकता की भावना को खूबसूरती से प्रतिबिंबित किया और संगीत की शक्ति को गर्व और एकजुटता की प्रेरणा देने वाला दिखाया। यह उस शाश्वत गीत के प्रति एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि थी जो आज भी हर भारतीय के दिल में गूंजता है।

वंदे मातरम संगीत कार्यक्रम देखें - नाद एकम रूपम अनेकम - नाद एकम रूपम अनेकम

वंदे मातरम का सामूहिक गायन

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में इस कार्यक्रम में पूर्ण वंदे मातरम का ऐतिहासिक सामूहिक गायन भी हुआ। इसके साथ ही, पूरे देश के मुख्यमंत्रियों, राज्यपालों, उपराज्यपालों, विद्यालयों और महाविद्यालयों के विद्यार्थियों, अधिकारियों और नागरिकों ने वंदे मातरम के सामूहिक गायन में भाग लिया। यह राष्ट्रगीत की शाश्वत अपील के सम्मान में देशभक्ति के उत्साह और एकता का अद्भुत प्रदर्शन था, जिसने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को प्रज्वलित किया और आज भी मातृभूमि के प्रति एकता, गौरव और समर्पण की प्रेरणा देता है।

36 राज्यों और 653 जिलों में वंदे मातरम से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए गए।

वंदे मातरम से संबंधित कार्यक्रमों और आयोजनों ने गति पकड़ ली है। इस अभियान की वेबसाइट पर 39,783 से अधिक कार्यक्रम पहले ही अपलोड किए जा चुके हैं। ये आयोजन 36 राज्यों और 653 जिलों में आयोजित किए गए हैं।

भारत सरकार के मंत्रालय और विभाग भी वंदे मातरम के सामूहिक गायन पर केंद्रित कार्यक्रमों और जनसंपर्क गतिविधियों के माध्यम से वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने का उत्सव मना रहे हैं। भारत सरकार के 52 मंत्रालयों ने पहले ही अपने कार्यक्रमों और गतिविधियों को अभियान की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।

दुनिया भर में वंदे मातरम से संबंधित कार्यक्रम

दुनिया भर में भारतीय मिशन और केंद्र स्थानीय लोगों की उपस्थिति में भारतीय समुदाय की सक्रिय भागीदारी के साथ वंदे मातरम के सामूहिक गायन पर केंद्रित कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं।

विद्यालयों और महाविद्यालयों में कार्यक्रम

पूरे भारत के विद्यालय और महाविद्यालय वंदे मातरम के सामूहिक गायन के सामूहिक आंदोलन में शामिल हो गए हैं। विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 11,632 विद्यालयों और 554 महाविद्यालयों में पहले ही वंदे मातरम से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं।

कई विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों और संकाय सदस्यों ने भी 7 नवंबर, 2025 को दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम को सजीव प्रसारण के माध्यम से देखा है।

1.25 करोड़ भारतीय पहले ही वंदे मातरम का अपना गायन रिकॉर्ड कर चुके हैं। वंदे मातरम के पूरे गीत की रिकॉर्डिंग सुनें और अपना गायन यहाँ - https://www.vandemataram150.in/ अपलोड करें।

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पीके/केसी/एमकेएस/


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