विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम (एनआईसीडीसी) ने भारत के औद्योगिक गलियारों में नवोन्मेषण प्रोत्साहित करने के लिए साझेदारी की
Posted On:
12 NOV 2025 4:46PM by PIB Delhi
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम (एनआईसीडीसी) ने आज भारत के आगामी औद्योगिक गलियारों में सीएसआईआर की अनुसंधान एवं विकास विशेषज्ञता और नवोन्मेषी प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने के लिए एक सहयोगात्मक ढांचा स्थापित करने हेतु एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. एन. कलैसेल्वी और एनआईसीडीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक श्री रजत कुमार सैनी, आईएएस की उपस्थिति में इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। नई दिल्ली स्थित सीएसआईआर मुख्यालय में सीएसआईआर की विख्यात वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी प्रबंधन निदेशालय प्रमुख डॉ. विभा मल्होत्रा साहनी और एनआईसीडीसी के महाप्रबंधक (सीएस एवं मार्केटिंग) श्री विकास गोयल द्वारा इस पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किए गए। दोनों संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
इस कार्यनीतिक साझेदारी से मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसी प्रमुख राष्ट्रीय पहलों के साथ आत्मनिर्भर, नवोन्मेषण-केन्द्रित औद्योगिक इकोसिस्टम को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। यह सहयोग उद्योग-अकादमिक-अनुसंधान संबंधों को सुदृढ़ करने और उच्च तकनीक उद्यमों के विकास में तेजी लाने के लिए स्मार्ट शहरों के भीतर अनुसंधान एवं विकास केंद्रों, औद्योगिक इन्क्यूबेटरों और नवोन्मेषण केंद्रों की स्थापना को बढ़ावा देगा।
इस साझेदारी का मुख्य उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादकता, प्रचालनगत दक्षता और पर्यावरणीय स्थिरता बढ़ाने के लिए उन्नत तकनीकों की पहचान, अनुकूलन और कार्यान्वयन करना होगा। प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में औद्योगिक स्वचालन, जैव प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, उन्नत सामग्री, डिजिटल विनिर्माण, रोबोटिक्स, एयरोस्पेस, बुनियादी ढांचा इंजीनियरिंग, रसायन, फार्मास्यूटिकल्स, चिकित्सा उपकरण, वैज्ञानिक उपकरण, कृषि-प्रसंस्करण और स्थिरता-केन्द्रित सुविधा केंद्र शामिल हैं।
यह समझौता ज्ञापन वैज्ञानिक नवोन्मेषण को औद्योगिक विकास के साथ समेकित करने की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम है, जिससे वैश्विक विनिर्माण और प्रौद्योगिकी क्षेत्र के अग्रणी देश के रूप में भारत की स्थिति मजबूत होगी।
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पीके/केसी/एसकेजे/जीआरएस
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