जनजातीय कार्य मंत्रालय
भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती और वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में जनजातीय गौरव वर्ष 2025 के तहत देश भर में विभिन्न समारोह का आयोजन
Posted On:
08 NOV 2025 7:27PM by PIB Delhi
जनजातीय गौरव वर्ष 2025 समारोह के अंतर्गत, आज विभिन्न राज्यों में धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती और प्रतिष्ठित राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। ये समारोह देशभक्ति, एकता और भारत की जीवंत जनजातीय विरासत की स्थायी भावना को प्रदर्शित करते हैं।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस ऐतिहासिक अवसर का उत्सव मनाने में राष्ट्र का नेतृत्व किया, तथा सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के दृष्टिकोण के तहत जनजातीय सशक्तिकरण और सांस्कृतिक गौरव के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।
जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम के मार्गदर्शन में, जनजातीय कार्य मंत्रालय भगवान बिरसा मुंडा की विरासत और राष्ट्र की यात्रा में भारत के जनजातीय समुदायों के समृद्ध योगदान का सम्मान करने के लिए देश भर में विभिन्न कार्यक्रमों, आउटरीच अभियानों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है।
ओडिशा में, एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता और छात्र सहभागिता कार्यक्रम सहित कई रोचक कार्यक्रम आयोजित किए गए, जो युवा शिक्षार्थियों को जनजातीय इतिहास, संस्कृति और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय प्रतीकों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में उनकी समझ को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। ओडिशा राज्य जनजातीय संग्रहालय में एक विशेष भगवान बिरसा मुंडा गैलरी और जनजातीय कलाकारों द्वारा एक चित्रकला प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें भगवान बिरसा मुंडा के जीवन और यात्रा तथा जनजातीय जीवन और संस्कृति की समृद्ध विविधता को प्रदर्शित किया गया। छात्रों ने संग्रहालय भ्रमण, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक फोटो सत्रों में भाग लिया और जनजातीय गौरव वर्ष की भावना का उत्सव मनाया।
आंध्र प्रदेश में, टीआरआई ने प्रतिभागियों के बीच राष्ट्रीय गौरव और एकता की भावना को बढ़ावा देते हुए वंदे मातरम् के सामूहिक गायन का आयोजन किया। इसी प्रकार, तेलंगाना में, टीआरआई हैदराबाद ने नेहरू शताब्दी जनजातीय संग्रहालय में देशभक्ति की भावना का उत्सव मनाते हुए स्कूली छात्रों के साथ वंदे मातरम के सामूहिक गायन का आयोजन किया।
जम्मू-कश्मीर में, जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा के अंतर्गत, करगिल के सरकारी हाई स्कूल काकसर में एक एथनिक फूड फेस्टिवल का आयोजन किया गया। जनजातीय अनुसंधान संस्थान, लद्दाख विश्वविद्यालय (टीआरआई-यूओएल) द्वारा समर्थित और जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित, इस कार्यक्रम में पारंपरिक व्यंजनों के माध्यम से क्षेत्र की जीवंत जनजातीय विरासत का उत्सव मनाया गया। इस फेस्टिवल में मुख्य अतिथि के रूप में करगिल के मुख्य शिक्षा अधिकारी और विशिष्ट अतिथि के रूप में भारतीय सेना के कमांडिंग ऑफिसर उपस्थित थे, जो एकता और सांस्कृतिक गौरव की भावना को दर्शाता है।
भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली झारखंड में, विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) की बस्ती में जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम ने स्थानीय जनजातीय समुदायों को एकता और सम्मान की भावना के साथ एकजुट किया तथा पारंपरिक कला, संगीत और सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों पर प्रकाश डाला जो भगवान बिरसा मुंडा की स्थायी विरासत और झारखंड की जनजातीय विरासत के गौरव को दर्शाती हैं। इसके अलावा, जनजातीय अनुसंधान संस्थान ने छात्रों और जनजातीय प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी के साथ वंदे मातरम् का सामूहिक गायन आयोजित किया।
बिहार में, जनजातीय गौरव वर्ष 2025 की थीम पर आयोजित निबंध और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं में छात्रों ने सक्रिय रूप से भाग लिया, जिसमें भारत की जनजातीय विरासत के गौरव, दृढ़ता और एकता के मूल्यों पर प्रकाश डाला गया। शिक्षा और सशक्तिकरण के व्यापक लक्ष्यों के अनुरूप, जनजातीय छात्रों में जागरूकता बढ़ाने और उन्हें आवश्यक जीवन कौशल से लैस करने के लिए ईएमआरएस संस्थानों में वित्तीय एवं डिजिटल साक्षरता कार्यशालाएं भी आयोजित की गईं।
गुजरात में आयोजित समारोहों में, माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल द्वारा अंबाजी से जनजाति गौरव यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना करना मुख्य आकर्षण रहा। वलसाड के उमरगाम से शुरू हुई यह यात्रा 7 से 13 नवंबर 2025 तक एकतानगर (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी) की ओर बढ़ रही है। एक विशाल काफिले और व्यापक सामुदायिक भागीदारी के साथ, इस यात्रा का उद्देश्य भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में भारत के इतिहास में जनजातीय नायकों के योगदान के बारे में जागरूकता फैलाना और उनकी अदम्य भावना व विरासत का सम्मान करना है।
तमिलनाडु में, श्री भगवान बिरसा मुंडा जनजातीय गौरव दिवस समारोह के अंतर्गत, जुगा पहल के तहत एएचएस सुड्डापल्ली में एक ड्राइंग प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें जनजातीय छात्रों को रचनात्मक अभिव्यक्ति को प्रदर्शित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
सिक्किम के रेशीथांग स्थित खेल गांव में जनजातीय छात्र खेलकूद प्रतियोगिता एवं स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) के छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और जिसमें जनजातीय युवाओं में शारीरिक फिटनेस, खेल भावना व स्वास्थ्य जागरूकता के महत्व पर ज़ोर दिया गया।
इस बीच, नागालैंड में, ईएमआरएस स्कूलों ने कहानी सुनाने और पारंपरिक पोशाक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया, जिसमें राज्य के विविध जनजातीय समुदायों की समृद्ध मौखिक परंपराओं, लोक कथाओं और जीवंत परिधानों का प्रदर्शन किया गया। इन पहलों ने छात्रों को अपनी जड़ों से जुड़ने, अपनी संस्कृति का उत्सव मनाने और अपने पूर्वजों की विरासत को गर्व के साथ आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।
जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा (1-15 नवंबर 2025) के अंतर्गत ये गतिविधियां जनजातीय पहचान, संस्कृति और उपलब्धियों का उत्सव मनाने की जनजातीय कार्य मंत्रालय की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। ये पहल समावेशी विकास और समृद्ध जनजातीय विरासत के संरक्षण के प्रति राष्ट्र के समर्पण की पुष्टि करती हैं।
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