विधि एवं न्‍याय मंत्रालय
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विधायी विभाग ने वंदे मातरम स्मरणोत्सव गायन कार्यक्रम का आयोजन किया और राष्ट्रीय गीत की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में वर्ष भर चलने वाले समारोह की शुरुआत की

Posted On: 07 NOV 2025 7:48PM by PIB Delhi

वंदे मातरम स्मरणोत्सव समारोह आज विधायी विभाग, कमरा संख्या 440, सम्मेलन कक्ष, शास्त्री भवन, नई दिल्ली में आयोजित किया गया। सुबह 9.50 बजे शुरू हुए इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सचिव डॉ. राजीव मणि ने की, जिसमें अपर सचिव श्री आर.के. पटनायक, अपर सचिव डॉ. के.वी. कुमार और विधायी विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर राष्ट्रीय गीत "वंदे मातरम" के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में वंदे मातरम स्मृति वर्ष 2025-26 की औपचारिक शुरुआत हुई। विधायी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों, जिनमें राजभाषा शाखा (ओएलडब्ल्यू) और विधि साहित्य प्रकाशन (वीएसपी) के कर्मचारी भी शामिल थे, ने बड़े उत्साह और देशभक्ति की भावना के साथ इस कार्यक्रम में भाग लिया।

वंदे मातरम गीत की रचना श्री बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने वर्ष 1875 में की थी और इसे उनके उपन्यास 'आनंदमठ' में शामिल किया गया था। यह गीत साहित्य के दायरे से आगे बढ़कर जल्‍द ही राष्ट्र के प्रति समर्पण का एक चिरस्थायी प्रतीक बन गया - एक ऐसा गीत जिसने देश के लोगों को औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता और मुक्ति के लिए अपने संघर्ष को और तेज करने के लिए प्रेरित किया। वंदे मातरम एक गीत से कहीं अधिक है, यह हमारी मातृभूमि भारत के प्रति एक सम्मान है तथा राष्ट्र और इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रति हमारे कर्तव्य की एक शाश्वत याद दिलाता है।

इस अवसर पर बोलते हुए, विधायी विभाग के सचिव ने एकता और राष्ट्रीय गौरव को प्रेरित करने में वंदे मातरम की निरंतर प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि, "वंदे मातरम" केवल एक गीत नहीं है, बल्कि भारत की स्वतंत्रता, दृढ़ता और सांस्कृतिक एकता की भावना की एक भावपूर्ण अभिव्यक्ति है। जैसा कि हम इसके 150 वर्ष पूरे होने का स्मरण कर रहे हैं, आइए हम अपने राष्ट्र के आदर्शों के प्रति अपनी सामूहिक प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि करें।”

वंदे मातरम! जय हिंद।

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पीके/केसी/डीवी/एसएस


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