युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय
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डॉ. मनसुख मांडविया ने भारतीय हॉकी के शताब्दी समारोह के शुभारंभ के अवसर पर कहा कि हॉकी ने भारत को ओलंपिक में गौरवपूर्ण स्थान दिलाया है


भारतीय हॉकी के शताब्दी समारोह के शुभारंभ के अवसर पर प्रदर्शनी मैच, दिग्गजों का सम्मान और एक विशेष फोटो प्रदर्शनी का अनावरण

राष्ट्रव्यापी हॉकी महोत्सव में 500 जिलों के 36,000 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया

मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में भारतीय हॉकी के 100 वर्षों का वर्णन करने वाली स्मारक पुस्तक का अनावरण

Posted On: 07 NOV 2025 3:46PM by PIB Delhi

भारतीय खेल प्राधिकरण और हॉकी इंडिया ने भारतीय हॉकी के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में नई दिल्ली के मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में शुक्रवार को एक भव्य शताब्दी समारोह का आयोजन किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर केंद्रीय युवा कार्य एवं खेल तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया, संसदीय एवं अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू, तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री थिरु उदयनिधि स्टालिन, ओडिशा के खेल एवं युवा सेवा मंत्री श्री सूर्यवंशी सूरज, अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के अध्यक्ष तैय्यब इकराम सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, हॉकी के दिग्गज और राष्ट्रीय टीमों के सदस्य उपस्थित थे।

यह समारोह वर्ष 1925 में भारतीय हॉकी की शुरुआत से लेकर आधुनिक युग में इसके पुनरुत्थान तक की यात्रा के सम्मान, खेल उत्कृष्टता, गौरव और एकता की एक शताब्दी का प्रतीक है।

केंद्रीय खेल मंत्री डॉ. मांडविया ने इस उपलब्धि का हिस्सा बनने पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा, "इस खेल ने कई पड़ाव देखे हैं, और ओलंपिक में हॉकी के माध्यम से ही हमने दुनिया को दिखाया कि भारत खेलों में क्या हासिल कर सकता है। तब से हमने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। अपने समृद्ध इतिहास के साथ, भारतीय हॉकी एक और ओलंपिक पदक की ओर बढ़ रही है। आज जब देश भर में 1,000 से ज़्यादा मैच खेले जा रहे हैं, तो पूरा भारत इस गौरवशाली क्षण का आनंद ले रहा है। भारत सरकार हमारे खिलाड़ियों और खेल को हर संभव तरीके से समर्थन देना जारी रखेगी। मैं हॉकी इंडिया, खिलाड़ियों, कोचों और प्रशंसकों को इस उल्लेखनीय यात्रा का हिस्सा बनने के लिए बधाई देता हूं।"

संसदीय एवं अल्पसंख्यक कार्य मंत्री, श्री किरेन रिजिजू ने इस अवसर पर कहा, "मैं इस विशेष अवसर पर खेल के दिग्गजों के बीच उपस्थित होकर खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं। भारतीय हॉकी के लिए यह एक लंबी और प्रेरणादायक यात्रा रही है। मैं हॉकी इंडिया को हमारे महान खिलाड़ियों को सम्मानित करने और हमारे समृद्ध इतिहास को हमारे उज्ज्वल भविष्य के साथ जोड़ने के लिए तथा इस अविश्वसनीय यात्रा का हिस्सा रहे सभी लोगों को बधाई देता हूं।"

एफआईएच के अध्यक्ष तैय्यब इकराम ने कहा, "भारतीय हॉकी के इस ऐतिहासिक पड़ाव का हिस्सा बनना हमारे लिए खुशी की बात है। आज हम अपने दिग्गजों, खिलाड़ियों, प्रशंसकों और प्रशासकों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने इस यात्रा को आकार दिया है। भारत ने 100 वर्षों के नवाचार के माध्यम से विश्व हॉकी में अग्रणी भूमिका निभाई है। मैं भारत सरकार और हॉकी इंडिया को उनके निरंतर सहयोग के लिए धन्यवाद देता हूं। टोक्यो और पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने इस खेल के पुनरुत्थान और उसकी ताकत को दर्शाया है, और मुझे विश्वास है कि अगले 100 वर्ष भारतीय हॉकी के लिए और भी उज्जवल होंगे।"

इस समारोह की शुरुआत डॉ. मनसुख मांडविया और डॉ. दिलीप तिर्की के नेतृत्व वाली हॉकी इंडिया XI के बीच एक प्रदर्शनी मैच के साथ हुई। इस मैच में खेल मंत्रालय की टीम ने ब्यूटी डुंगडुंग, सलीमा टेटे और कृष्णा पाठक के गोलों की बदौलत 3-1 से जीत हासिल की, जबकि हॉकी इंडिया XI के लिए मनप्रीत सिंह ने गोल किया।

हॉकी इंडिया ने सबसे प्रतिष्ठित खिलाड़ियों को खेल में उनके अमिट योगदान और नये खिलाड़ियों को प्रेरित करने के लिए सम्मानित किया। सम्मानित होने वाले इन दिग्गज खिलाड़ियों में श्री गुरबक्श सिंह, श्री हरबिंदर सिंह, श्री अजित पाल सिंह, श्री अशोक कुमार, श्री बी.पी. गोविंदा, श्री असलम शेर खान, श्री ज़फर इकबाल, ब्रिगेडियर हरचरण सिंह वीएसएम, श्री विनीत कुमार, श्री रोमियो जेम्स, श्री असुंता लाकड़ा और सुश्री सुभद्रा प्रधान शामिल थे।

इस अवसर पर स्मारक पुस्तक "भारतीय हॉकी के 100 वर्ष" का विमोचन किया गया। यह पुस्तक  भारतीय हॉकी की एक शताब्दी की विजय, चुनौतियों और पुनरुत्थान की यात्रा का वर्णन करती है। एक विशेष फोटो प्रदर्शनी में वर्ष 1928 के एम्स्टर्डम ओलंपिक से लेकर आज तक के खेल के विकास को दर्शाती पुरानी तस्वीरों, ओलंपिक के यादगार पलों और यादगार वस्तुओं के माध्यम से भारतीय हॉकी के उल्लेखनीय इतिहास की एक दुर्लभ झलक भी प्रस्तुत की गई।

तमिलनाडु एफआईएच हॉकी पुरुष जूनियर विश्व कप 2025 की मेज़बानी करेगा और इसी के साथ 20 शहरों में प्रतिष्ठित ट्रॉफी के प्रदर्शन की भी शुरुआत की गई है। इस समारोह में गायक और संगीतकार सिद्धार्थ महादेवन ने अपने गीतों से उपस्थित लोगों का मन मोह लिया।

उत्सव में एकजुट राष्ट्र

भारतीय हॉकी के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में देश के 500 जिलों में एक साथ राष्ट्रव्यापी हॉकी महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें 1,000 से अधिक प्रदर्शनी मैचों में 36,000 से अधिक खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। इस पहल में स्कूली एथलीटों, अनुभवी खिलाड़ियों और सामुदायिक टीमों के एक साथ आने से भारतीय हॉकी की उपलब्धियों ने इस समारोह को राष्ट्रीय उत्सव में बदल दिया।

हॉकी इंडिया के अध्यक्ष डॉ. दिलीप तिर्की ने कहा, "मेरे लिए उसी स्टेडियम में खड़ा होना सम्मान की बात है जहां मैंने अपना पहला कैंप देखा था और अपना पहला बड़ा टूर्नामेंट खेला था। आज का दिन उन सभी खिलाड़ियों को श्रद्धांजलि है जिन्होंने एक सदी पहले भारतीय हॉकी की नींव रखी थी और यह दिन हर उस खिलाड़ी को समर्पित है जिसने इस खेल के माध्यम से देश को गौरवान्वित किया है। हमें उन सभी हितधारकों का भी सम्मान करना चाहिए जो हॉकी के प्रचार-प्रसार के लिए अथक प्रयास करते हैं, जिसमें भारत सरकार भी शामिल है जिसने हमें अपार समर्थन दिया है। मुझे विश्वास है कि आने वाले वर्षों में हमारे लिए गर्व के कई और पल आएंगे।"

हॉकी इंडिया के महासचिव श्री भोलानाथ सिंह ने इस उपलब्धि को संभव बनाने वाले सभी लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा: "इस उत्सव को साकार करने के लिए भारत सरकार और आज यहाँ उपस्थित सभी सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों का विशेष धन्यवाद। यह क्षण पूरे हॉकी जगत का है और हमें इसे हर राज्य में मनाने पर गर्व है। मैं खेल को आगे बढ़ाने में निरंतर समर्थन और योगदान के लिए हमारी राज्य सदस्य इकाइयों का भी धन्यवाद करता हूं।"

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पीके/केसी/जेके/एसके


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