पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय
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भारत 06 दिसंबर से चंडीगढ़ में चार-दिवसीय भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ 2025) की मेजबानी करेगा


केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आईआईएसएफ 2025 की तैयारियों की समीक्षा की; कहा कि यह महोत्सव भारत के विज्ञान-आधारित, नवाचार-संचालित राष्ट्र में रूपांतरण को प्रदर्शित करेगा

डॉ. जितेंद्र सिंह ने आईआईएसएफ 2025 की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि नीतियां अब विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर आधारित हैं

केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विज्ञान-आधारित शासन की ओर भारत के निर्णायक बदलाव पर बल दिया

आईआईएसएफ 2025 विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भारत की यात्रा का उत्सव मनाएगा

Posted On: 02 NOV 2025 4:50PM by PIB Delhi

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा विभाग तथा अंतरिक्ष विभाग के राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 06 से 09 दिसंबर, 2025 तक चंडीगढ़ में आयोजित होने वाले भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) की तैयारियों का आकलन करने के लिए आज एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।

29 सितंबर 2025 को आयोजित पिछली समीक्षा बैठक के विचार-विमर्श को आगे बढ़ाते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस वर्ष का आईआईएसएफ एक शक्तिशाली राष्ट्रीय नैरेटिव स्थापित करेगा, जो प्रदर्शित करेगा कि कैसे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विज्ञान, अनुसंधान और नवाचार के प्रति भारत का दृष्टिकोण मौलिक रूप से परिवर्तित हुआ है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विज्ञान-आधारित शासन की ओर भारत के निर्णायक बदलाव पर बल देते हुए कहा, "आज नीतियां विज्ञान आधारित हैं। वे दिन गए जब विज्ञान को नीति का इंतज़ार करना पड़ता था; आज नीतियां विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी द्वारा निर्देशित होती हैं।"

केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर बल दिया कि सरकार नियंत्रक नहीं बल्कि सुविधा प्रदाता बन गई ह तथा उसने एक सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण किया है, जहां निजी क्षेत्र, स्टार्टअप और युवा नवप्रवर्तक डीप टेक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, जैव प्रौद्योगिकी, क्वांटम प्रौद्योगिकी और स्वच्छ ऊर्जा नवाचारों को आगे बढ़ा रहे हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह कार्यक्रम मंत्रालयों, अकादमिक, उद्योग और स्टार्टअप्स में भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति का उत्सव मनाएगा जो आत्मनिर्भर भारत की भावना को दर्शाता है।

मंत्री ने कहा कि इस वर्ष का आईआईएसएफ उन प्रमुख क्षेत्रों में भारत की उपलब्धियों को प्रदर्शित करेगा जो राष्ट्रीय आत्मनिर्भरता के स्तंभ बन गए हैं। उन्होंने कहा कि आईआईएसएफ 2025 वैज्ञानिक आदान-प्रदान के एक मंच के रूप में कार्य करने के साथ-साथ प्रमुख तकनीकी क्षेत्रों में भारत की आत्मनिर्भरता का उत्सव भी होगा।

इस बैठक में भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय कुमार सूद, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन; डॉ. अजीत कुमार मोहंती, सचिव, परमाणु ऊर्जा विभाग; प्रो. अभय करंदीकर, सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी); डॉ. राजेश गोखले, सचिव, जैव प्रौद्योगिकी विभाग; तथा वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग की सचिव और सीएसआईआर की महानिदेशक डॉ. एन. कलैसेल्वी के साथ-साथ विज्ञान भारती के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया।

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पीके/केसी/एके/डीए


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