नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय
केन्द्रीय मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा से जुड़े बदलाव से संबंधित क्षेत्रीय कार्यशाला की अध्यक्षता की
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा की अपार संभावनाओं पर जोर दिया
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए नई लघु जलविद्युत नीति का शुभारंभ करेगा
असम भारत में व्यापक एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति को अधिसूचित करने वाले अग्रणी राज्यों में से एक है
असम के धुबरी, बारपेटा और होजाई को पीएमएसजी के तहत छत पर सौर पैनलों की स्थापना में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिलों के रूप में सम्मानित किया गया: एमबीवाई
Posted On:
31 OCT 2025 8:35PM by PIB Delhi
भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा से जुड़े बदलावों को गति देने के उद्देश्य से गुवाहाटी में नवीकरणीय ऊर्जा से संबंधित एक क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन किया। केन्द्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव श्री संतोष सारंगी, पूर्वोत्तर राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में इस कार्यशाला का उद्घाटन किया।
अपने संबोधन में, श्री जोशी ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में सौर, लघु जलविद्युत और बायोमास ऊर्जा की अपार संभावनाओं पर जोर दिया और राज्यों से पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना और पीएम-कुसुम जैसी योजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाने का आग्रह किया। समावेशी विकास पर सरकार के जोर को रेखांकित करते हुए, उन्होंने भारत के तेज आर्थिक विस्तार और नवीकरणीय ऊर्जा पहलों के जरिए हो रहे बदलावों का उल्लेख किया।
श्री जोशी ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में केवल लगभग 54,545 परिवारों को ही प्रधानमंत्री-सूर्य घर योजना का लाभ मिला है और उन्होंने राज्यों से इस योजना को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने इस क्षेत्र की विशाल 122 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का उल्लेख किया, जबकि स्थापित क्षमता मात्र 5.1 गीगावाट ही है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व में असम राज्य की भी सराहना की। असम भारत के उन अग्रणी राज्यों में से एक है जिसने एक व्यापक एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति को अधिसूचित किया है।
उन्होंने घोषणा की कि नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय शीघ्र ही एक नई लघु जलविद्युत नीति का शुभारंभ करेगा जिससे पूर्वोत्तर क्षेत्र को अत्यधिक लाभ होगा। केन्द्रीय मंत्री ने इस क्षेत्र में स्वच्छ ऊर्जा के विकास हेतु नीतिगत और वित्तीय सहायता प्रदान करने के प्रति नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की प्रतिबद्धता दोहराई।
असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, सिक्किम, मेघालय और त्रिपुरा के ऊर्जा मंत्रियों ने नवीकरणीय ऊर्जा के कार्यान्वयन में अपनी प्रगति और चुनौतियों पर चर्चा की। कार्यशाला में हरित हाइड्रोजन, विकेंद्रीकृत नवीकरणीय ऊर्जा और क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने हेतु वित्तपोषण के मॉडल पर चर्चा हुई। केन्द्रीय मंत्री ने पीएम-कुसुम के तहत त्रिपुरा एवं अरुणाचल प्रदेश और पीएम-सूर्य घर के तहत असम एवं मिज़ोरम के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें प्रमाण पत्र प्रदान किया। पूर्वोत्तर क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले डिस्कॉम, जिलों और विक्रेताओं को भी सम्मानित किया गया।
कार्यशाला का समापन केन्द्र, पूर्वोत्तर राज्यों और उद्योग हितधारकों के बीच पूर्वोत्तर क्षेत्र की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का दोहन करने तथा इस क्षेत्र के लिए एक टिकाऊ एवं ऊर्जा के मामले में सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने हेतु व्यापक सहयोग के आह्वान के साथ हुआ।




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