वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय
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केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने मोबाइल एवं इलेक्ट्रॉनिक उपकरण निर्यात संवर्धन परिषद की चौथी वार्षिक आम बैठक को संबोधित किया


भारत का 2030 तक 500 अरब अमेरिकी डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन का लक्ष्य

अप्रैल-सितंबर 2025 के दौरान भारत का इलेक्ट्रॉनिक निर्यात 41.9% बढ़कर 22.2 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया; स्मार्टफोन निर्यात में 58% की वृद्धि

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन निर्यातक बना

Posted On: 29 OCT 2025 8:49PM by PIB Delhi

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल आज वाणिज्य भवन, नई दिल्ली में आयोजित मोबाइल एवं इलेक्ट्रॉनिक उपकरण निर्यात संवर्धन परिषद (एमईडीईपीसी) की चौथी वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में मुख्य अतिथि थे। बैठक का आयोजन वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के वरिष्ठ अधिकारियों और भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मोबाइल निर्यात पारिस्थितिकी तंत्र के प्रमुख प्रतिनिधियों की उपस्थिति में किया गया।

इस अवसर पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल ने इलेक्ट्रॉनिक्स मूल्य श्रृंखला में घरेलू क्षमताओं को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि तैयार उत्पादों और घटकों, दोनों में अधिक आत्मनिर्भरता भारत के निर्यात की गति को बनाए रखने और आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए महत्वपूर्ण होगी।

भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र अभूतपूर्व परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है - जो दूरदर्शी नीतिगत पहलों, रिकॉर्ड निवेश और बढ़ती वैश्विक साझेदारियों से प्रेरित है। माननीय प्रधानमंत्री के 2030 तक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर का लक्ष्य हासिल करने के दृष्टिकोण के अनुरूप, भारत ने इलेक्ट्रॉनिक्स डिज़ाइन, उत्पादन और निर्यात के लिए एक विश्वसनीय वैश्विक केंद्र के रूप में अपनी स्थिति तेज़ी से स्थापित की है।

भारत का निर्यात प्रदर्शन उल्लेखनीय विकास की कहानी दर्शाता है, जिसमें कुल इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 41.9% बढ़कर अप्रैल-सितंबर 2025 के दौरान 22.2 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुँच गया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 15.6 बिलियन अमरीकी डॉलर था। स्मार्टफोन निर्यात में 58% की प्रभावशाली वृद्धि हुई, जो 2024 की इसी अवधि में 8.47 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर 13.38 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया। वित्त वर्ष 2024-25 में, भारत ने इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में 38.6 बिलियन अमरीकी डॉलर दर्ज किए, जो साल-दर-साल 32.6% की वृद्धि है, जिसने वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में अपनी विस्तारित भूमिका को मजबूती से स्थापित किया है। भारत अब वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन निर्यातक है, जो विनिर्माण नेतृत्व की ओर देश की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं (जीवीसी) में भारत की बढ़ती भागीदारी, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पुनर्गठन के बीच स्थिरता और पैमाने प्रदान करते हुए, एक लचीले और विश्वसनीय विनिर्माण केंद्र के रूप में इसके परिवर्तन को रेखांकित करती है। बैटरी, चार्जर, कैमरा और डिस्प्ले मॉड्यूल सहित महत्वपूर्ण घटकों की घरेलू आपूर्ति में वृद्धि ने स्थानीय मूल्यवर्धन और आत्मनिर्भरता को और बढ़ाया है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय और डीजीएफटी के मार्गदर्शन में, सरकार ने व्यापार संचालन को सरल बनाने और निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए कई उपाय किए हैं। सीमा शुल्क स्वचालन, एकल-खिड़की मंजूरी और प्रमुख बंदरगाहों एवं औद्योगिक समूहों में निर्यात सुविधा प्रकोष्ठों जैसी पहलों ने रसद को सुव्यवस्थित किया है और निर्यातकों के लिए अनुपालन बोझ को कम किया है।

यूरोपीय संघ, ब्रिटेन और ईएफटीए के साथ चल रही मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) वार्ताओं का उद्देश्य भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माताओं के लिए नए बाजार पहुँच के अवसर खोलना है। इस बीच, इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण योजना (ईसीएमएस) और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाएँ घरेलू विनिर्माण की गहराई बढ़ा रही हैं और आयात पर निर्भरता कम कर रही हैं।

वार्षिक आम बैठक में 2031 तक 180-200 अरब अमेरिकी डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने के भारत के रोडमैप पर भी चर्चा की गई, जिसमें नीतिगत स्थिरता, मज़बूत बुनियादी ढाँचे, हरित ऊर्जा एकीकरण और सक्रिय उद्योग सहयोग के महत्व पर ज़ोर दिया गया।

मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए शीर्ष निर्यात संवर्धन निकाय के रूप में, एमईडीईपीसी उद्योग और सरकार की प्राथमिकताओं के बीच सेतु बनाने में केंद्रीय भूमिका निभा रहा है। नीतिगत बाधाओं की पहचान करके, निर्यातकों का समर्थन करके और उद्योग के विकास के दृष्टिकोण के साथ तालमेल बिठाकर, एमईडीईपीसी ऐसी पहलों को आगे बढ़ा रहा है जो भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता और निर्यात क्षमताओं को मज़बूत करती हैं।

बैठक का समापन वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, डीजीएफटी और सभी हितधारकों द्वारा भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और निर्यात की सफलता की कहानी को आकार देने में उनके निरंतर सहयोग के लिए आभार व्यक्त करने के साथ हुआ।

एमईडीईपीसी के बारे में

भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तत्वावधान में स्थापित मोबाइल एवं इलेक्ट्रॉनिक उपकरण निर्यात संवर्धन परिषद (एमईडीईपीसी), भारत से मोबाइल फोन, कलपुर्जों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्यात को बढ़ावा देने वाली शीर्ष संस्था के रूप में कार्य करती है। डीजीएफटी और वाणिज्य विभाग के साथ मिलकर काम करते हुए, एमईडीईपीसी निर्यातकों को सहायता, नीतिगत समर्थन और भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग का वैश्विक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करता है। उद्योग और सरकार के साथ निरंतर जुड़ाव के माध्यम से, परिषद इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और निर्यात के लिए एक विश्वसनीय वैश्विक केंद्र बनने के भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ा रही है।

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पीके/केसी/वीएस


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