विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
आईसीजीईबी नई दिल्ली ने महामारी की तैयारियों के लिए वैश्विक जीनोमिक सहयोग पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय गोलमेज सम्मेलन की मेजबानी की
Posted On:
28 OCT 2025 5:55PM by PIB Delhi
इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलॉजी (आईसीजीईबी), नई दिल्ली ने आज एक विशेष गोलमेज सम्मेलन आयोजित किया जिसका विषय था – “सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया के लिए SARS-CoV-2 पर जीनोमिक साक्ष्यों की जांच और बदलाव”। इस कार्यक्रम में भारत और इटली के प्रमुख वैज्ञानिकों, शोध प्रशासकों और संस्थागत प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। सम्मेलन का उद्देश्य वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने में जीनोमिक साक्ष्य की भूमिका पर विचार-विमर्श करना था।
बैठक में यह बात पर जोर दिया गया कि उभरती संक्रामक बीमारियों से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर समन्वित और डेटा-आधारित वैज्ञानिक सहयोग आवश्यक है। प्रतिभागियों ने कहा कि कोविड-19 महामारी के अनुभवों ने यह सिखाया है कि सभी देशों को एकजुट होकर जीनोमिक निगरानी, अनुसंधान के व्यावहारिक उपयोग और स्वास्थ्य प्रणाली की तत्परता को बढ़ाना चाहिए।
गोलमेज सम्मेलन में आईसीजीईबी के महानिदेशक प्रोफेसर लॉरेंस बैंक्स; आईसीजीईबी नई दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रमेश सोंटी; भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के वैज्ञानिक और विज्ञान प्रशासक; अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नई दिल्ली; ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (टीएचएसटीआई) फरीदाबाद; और इटली के इस्टिटूटो सुपीरियर डि सैनिटा (आईएसएस), रोम के वैज्ञानिकों एवं प्रतिनिधियों ने भाग लिया। भारत में इटली दूतावास के प्रतिनिधियों की उपस्थिति ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में भारत–इटली सहयोग को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
नई दिल्ली स्थित इटली दूतावास में वैज्ञानिक अताशे डॉ. सर्जियो लेड्डा ने कहा कि प्रयोगशालाओं में होने वाले वैज्ञानिक अनुसंधान को आम जनता तक प्रभावी ढंग से पहुँचाना बेहद जरूरी है। इससे न केवल लोगों को सही जानकारी मिलती है बल्कि गलतफहमियों और फेक नैरेटिव्स को दूर करने में भी मदद मिलती है।
प्रो. लॉरेंस बैंक्स ने कहा कि महामारी की तैयारी में भारत और इटली के बीच वैज्ञानिक सहयोग की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक अनुसंधान ने हालिया महामारी के दौरान वायरस के प्रसार को समझने और नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने आगाह किया कि भविष्य में महामारियां आना निश्चित है- अनिश्चितता केवल इस बात में है कि वे कब, कहाँ और कितनी तीव्रता से उभरेंगी।
चर्चा में भारत और इटली के बीच दीर्घकालिक अंतरराष्ट्रीय साझेदारी और सहयोगी अनुसंधान मॉडल विकसित करने के एक साझा दृष्टिकोण को दर्शाया गया ताकि भविष्य की महामारियों और वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना किया जा सके।
ऐसे प्रयासों के माध्यम से, आईसीजीईबी वैज्ञानिक कूटनीति और वैश्विक सहयोग का केंद्र बना हुआ है, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य अनुसंधान में नवाचार और तैयारी को बढ़ावा देता है।



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