रक्षा मंत्रालय
भारतीय तटरक्षक बल ने दो तीव्र गति के गश्ती पोतों-आईसीजीएस अजीत और आईसीजीएस अपराजित का जलावतरण किया
Posted On:
24 OCT 2025 6:05PM by PIB Delhi
भारतीय तटरक्षक बल ने 24 अक्टूबर, 2025 को गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में तीव्र गति के दो उन्नत गश्ती नौका आईसीजीएस अजीत और आईसीजीएस अपराजित का जलावतरण कर देश की समुद्री सुरक्षा सुदृढ़ करने में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की। तट रक्षक बल के लिए गोवा शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा स्वदेशी तौर पर निर्मित ये पोत आठ गश्ती नौका की श्रृंखला में सातवें और आठवें हैं। देश की तटीय निगरानी और संबंधित क्षमतावर्धन में यह महत्वपूर्ण कदम है।
गोवा शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा पूर्णतया डिज़ाइन और निर्मित, तीव्र गति की ये गश्ती नौकाएं भारत की स्वदेशी पोत निर्माण क्षमता की बढ़ती शक्ति दर्शाती है। 52 मीटर लंबे और 320 टन विस्थापन क्षमता वाली ये नौकाएं देश में इस श्रेणी के पहले नियंत्रणीय पिच प्रोपेलर (सीपीपी) से युक्त हैं, जिससे बेहतर गतिशीलता और प्रणोदन दक्षता मिलती है। ये नौका मछुआरों के संरक्षण, तटीय गश्त, तस्करी-रोधी, समुद्री डकैती-रोधी और खोज एवं बचाव अभियानों सहित विविध भूमिकाओं में सक्षम हैं और इससे भारत के द्वीपीय क्षेत्रों और विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र के आसपास सुरक्षा बढ़ेगी।
श्रीमती मंजू शर्मा ने इन गश्ती नौकाओं का जलावतरण किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवाएं) डॉ. मयंक शर्मा, तटरक्षक बल-पश्चिम क्षेत्र के कमांडर, महानिरीक्षक भीष्म शर्मा तथा तटरक्षक और गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
भारतीय तटरक्षक बल और गोवा शिपयार्ड लिमिटेड की इस उपलब्धि की सराहना करते हुए, डॉ. मयंक शर्मा ने घरेलू उद्योग, रोज़गार सृजन और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम पारिस्थितिकी तंत्र में परियोजना के योगदान की सराहना की। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि इस तरह की पहल समुद्री क्षमता में राष्ट्रीय स्व-निर्भरता को मज़बूती प्रदान कर रही है। दो गश्ती नौकाएं शामिल कर भारतीय तटरक्षक बल ने अपने आधुनिक तेज गति के बेड़े में विस्तार जारी रखा है, जिससे भारत के विशाल समुद्री तट पर बेहतर परिचालन तत्परता तथा समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित हो रही है। इन दो गश्ती नौकाओं के जलावतरण से देश के लिए अगली पीढ़ी के स्वदेशी रक्षा पोतों के निर्माण में प्रमुख निर्माणकर्ता के तौर पर गोवा शिपयार्ड लिमिटेड की स्थिति और सुदृढ हुई है।
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