खान मंत्रालय
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पुनर्चक्रण से महत्वपूर्ण खनिज निष्कर्षण के लिए सशक्त प्रयास


ई-कचरा, प्रयुक्त बैटरियों और अन्य रद्दी चीजों के पुनर्चक्रण हेतु उद्योग क्षमता विकसित करने लिए 1,500 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना

Posted On: 24 OCT 2025 2:40PM by PIB Delhi

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 3 सितंबर, 2025 को महत्वपूर्ण खनिजों के पुनर्चक्रण हेतु 1,500 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को मंज़ूरी दी थी। यह योजना राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन का एक हिस्सा है जिसका लक्ष्य निकट भविष्य में आपूर्ति श्रृंखला की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए एक विवेकपूर्ण तरीका प्रदान करना है। इसके बाद, खान मंत्रालय ने हितधारकों के साथ परामर्श के बाद 2 अक्टूबर, 2025 को विस्तृत योजना दिशानिर्देश जारी किए। प्रोत्साहन योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया 2 अक्टूबर, 2025 को ही शुरू हो गई थी जो अब भी जारी है। हितधारकों ने योजना के त्वरित क्रियान्वयन की सराहना की है और वे मंत्रालय के साथ सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं।

इस योजना के अंतर्गत पात्र फीडस्टॉक में ई-कचरा, प्रयुक्त लिथियम आयन बैटरियां (एलआईबी), और अन्य स्क्रैप जैसे कि जीवन-काल समाप्त कर चुके वाहनों में उत्प्रेरक कन्वर्टर शामिल हैं। कुछ अनुमानों के अनुसार, देश में ई-कचरे का वार्षिक उत्पादन 1.75 मिलियन टन (एमटी) है, और प्रयुक्त लिथियम आयन बैटरियां लगभग 60 किलो टन (केटी) है। केंद्रीय बजट 2025-26 के माध्यम से लागू किए गए एलआईबी स्क्रैप की टैरिफ लाइनों में सीमा शुल्क उन्मूलन से आयात में सुविधा होगी। अगले 4-5 वर्षों में, इन अपशिष्ट उत्पादों की उपलब्धता कई गुना बढ़ने वाली है।

विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (ईपीआर) ढांचे के अंतर्गत संग्रहण को औपचारिक रूप देकर और संबंधित सरकारी एजेंसियों के सहयोग से अपशिष्ट को पुनर्चक्रण परितंत्र से जोड़ते हुए फीडस्टॉक की उपलब्धता से भी निपटा जा रहा है। ईपीआर ढांचे के अंतर्गत, ई-कचरा और बैटरी अपशिष्ट प्रबंधन नियम निर्दिष्ट अंतिम उत्पादों के निष्कर्षण को अनिवार्य बनाते हैं। फिर भी, देश में ब्लैक मास/पाउडर को संसाधित करने की क्षमता सीमित है, जिसके कारण उनमें निहित मूल्यवान महत्वपूर्ण खनिजों को निकाले बिना ही उनका निर्यात किया जा रहा है। यह योजना पुनर्चक्रण मूल्य श्रृंखला के लिए प्रोत्साहन प्रदान करेगी, जो महत्वपूर्ण खनिजों के वास्तविक निष्कर्षण में शामिल है, न कि केवल ब्लैक मास उत्पादन में शामिल मूल्य श्रृंखला के लिए। इससे अधिक पुनर्चक्रणकर्ताओं, विशेष रूप से अपस्ट्रीम संस्थाओं जैसे कि विघटनकर्ता, क्रशर और श्रेडर को औपचारिक प्रणाली में लाने में मदद मिलेगी। कई निजी पुनर्चक्रण कंपनियां पहले से ही स्क्रैप संग्रहण प्रणालियों को कुशलतापूर्वक चला रही हैं।

देश में बहुत कम कंपनियां हैं जो आर4 पुनर्चक्रण, यानी बैटरी स्क्रैप से धातु तक के संपूर्ण निष्कर्षण में लगी हैं। हालांकि इनमें से कुछ कंपनियां अपनी विस्तार योजनाओं में रुचि ले सकती हैं, लेकिन इस योजना में अधिक से अधिक लाभार्थियों को शामिल करने के लिए व्यापक भागीदारी की परिकल्पना की गई है। इस प्रकार, बड़े पुनर्चक्रणकर्ता के लिए कुल प्रोत्साहन राशि 50 करोड़ रुपये और छोटे पुनर्चक्रणकर्ता के लिए 25 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है।

यह योजना हाइड्रोमेटेलर्जी जैसी प्रक्रियाओं का उपयोग करके पुनर्चक्रण क्षमता बढ़ाने में मदद करेगी। देश में संपूर्ण पुनर्चक्रण के लिए सिद्ध तकनीकें उपलब्ध हैं। आईआईटी, सीएसआईआर और अन्य अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं जैसे प्रमुख संस्थानों ने धातु निष्कर्षण, पुनर्चक्रण और शुद्धिकरण में स्वदेशी क्षमताओं का विकास और प्रदर्शन किया है। इनमें से कुछ संस्थान खनिज प्रसंस्करण, उसे लाभकारी बनाना और निष्कर्षण धातु विज्ञान में प्रशिक्षण भी प्रदान कर रहे हैं। इस योजना के अंतर्गत किसी भी कौशल जरूरत को लाभार्थियों द्वारा आवश्यक संस्थागत गठजोड़ के माध्यम से पूरा किया जा सकता है।

खान मंत्रालय देश में ई-कचरे का पूर्ण उपयोग करने और कुछ वर्षों के भीतर विभिन्न महत्वपूर्ण खनिजों को पुनः प्राप्त करने हेतु पर्याप्त क्षमता सृजित करने के लिए निजी क्षेत्र के साथ सक्रिय रूप से जुड़ रहा है।

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पीके/केसी/एके/जीआर


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