सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के बीच उच्च स्तरीय वार्ता

Posted On: 14 OCT 2025 9:27AM by PIB Delhi

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (एनएससी) के अध्यक्ष प्रो. राजीव लक्ष्मण करंदीकर, आयोग के सदस्य प्रो. ए गणेश कुमार , श्री असित कुमार साधु और सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) के सचिव और एनएससी के सदस्य सचिव डॉ. सौरभ गर्ग के बीच उच्च स्तरीय बैठक हुई। यह बैठक राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग और उत्तर प्रदेश के आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय (डीईएस) के बीच एक दिवसीय राज्य स्तरीय संवाद से पहले आयोजित की गई।

उत्तर प्रदेश की सांख्यिकीय प्रणाली को सुदृढ़ बनाना इस बैठक में चर्चा का मुख्य विषय था ताकि राज्य को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में सहायता मिल सके। मुख्यमंत्री ने आंकड़ों की गुणवत्ता में सुधार, विशेष रूप से राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), उपभोक्ता मूल्य सूचकांक, रोज़गार संकेतकों और औद्योगिक सांख्यिकी के आकलन में सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) और राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (एनएससी) की ओर से सहयोग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने सीएम डैशबोर्ड और वन ट्रिलियन इकोनॉमी मिशन जैसी पहलों के माध्यम से आंकड़ों पर आधारित योजना बनाने और वास्तविक समय पर निगरानी के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता पर भी बल दिया।

बैठक में राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के अध्यक्ष ने साक्ष्य-आधारित लोक नीति निर्माण में विश्वसनीय सांख्यिकी की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) अनुमान, मूल्य सांख्यिकी और सर्वेक्षण डिज़ाइन जैसे पद्धतिगत और तकनीकी क्षेत्रों में राज्य को सहयोग देने के लिए राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने यह भी कहा कि शासन के सभी स्तरों पर आंकड़ों की सटीकता, तुलना की योग्यता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय और राज्य-स्तरीय सांख्यिकीय प्रणालियों का सामंजस्य अत्यंत महत्वपूर्ण है।

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव डॉ. सौरभ गर्ग ने "सांख्यिकी सुदृढ़ीकरण के लिए सहायता (एसएसएस)" योजना के अंतर्गत राज्य के साथ मंत्रालय के निरंतर सहयोग पर बल दिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि उत्तर प्रदेश को आधुनिक सांख्यिकीय अवसंरचना के विकास, डेटा प्रबंधन प्रणालियों को सुदृढ़ बनाने और उभरती हुई पद्धतियों तथा प्रौद्योगिकियों के संबंध में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अधिकारियों के प्रशिक्षण और कार्यशालाओं के आयोजन के लिए तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान की जाती रहेगी।

इस दौरान, कई सांख्यिकीय क्षेत्रों में राज्य की प्रगति की सराहना की गई। फिलहाल, उत्तर प्रदेश उन प्रमुख राज्यों में से एक है जिनमें मुद्रास्फीति की दर सबसे कम है और यह नियमित रूप से राज्य-स्तरीय औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) जारी करता है। उत्तर प्रदेश का आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय (डीईएस) आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस), घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण (एचसीईएस) और असंगठित क्षेत्र के उद्यमों के वार्षिक सर्वेक्षण (एएसयूएसई) जैसे राष्ट्रीय सर्वेक्षणों में भी सक्रिय रूप से योगदान दे रहा है। बैठक में जीडीपी और आईआईपी के लिए आधार वर्ष को 2022-23 में संशोधित करने पर चर्चा की गई और सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने नई सामग्री बास्केट और फ़ैक्टरी फ़्रेम विकसित करने में पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।

आयोग ने सांख्यिकीय आंकड़ों को शासन और विकास योजना के साथ एकीकृत करने में उत्तर प्रदेश के आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय (डीईएस) के प्रयासों की सराहना की। राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के अध्यक्ष ने राज्य को डिजिटल और सेवा-आधारित आर्थिक गतिविधियों से जुड़े नए और उभरते क्षेत्रों को शामिल करने के लिए अपने सांख्यिकीय कवरेज का और विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने पद्धतिगत समीक्षाओं के माध्यम से जिला स्तर पर आंकड़ों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

मुख्यमंत्री ने सुझावों का स्वागत किया और कहा कि राज्य सरकार सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय तथा राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के साथ घनिष्ठ सहयोग के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा कि कृषि, उद्योग, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में प्रगति को मापने के लिए मज़बूत और विश्वसनीय आंकड़े आवश्यक हैं। उन्होंने राज्य में सभी सांख्यिकीय पहलों के लिए निरंतर संस्थागत समर्थन का आश्वासन दिया।

बैठक में प्रशासनिक और वैकल्पिक डेटा स्रोतों के उपयोग तथा वास्तविक समय में रिपोर्टिंग के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने और राष्ट्रीय सांख्यिकी प्रणाली के अनुरूप एक समान मानकों को अपनाने के महत्व पर भी चर्चा हुई। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने बताया कि नियमित परामर्श, क्षमता निर्माण कार्यक्रमों और डिजिटल पहलों के माध्यम से राज्यों को स्थानीय और क्षेत्रीय विकास के लिए सांख्यिकीय आंकड़ों का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए सक्षम बनाया जा रहा है।

यह वार्ता केंद्र और राज्य सांख्यिकीय एजेंसियों के बीच मज़बूत समन्वय की दिशा में सकारात्मक कदम है। दोनों पक्षों ने उत्तर प्रदेश के आर्थिक परिवर्तन और समावेशी विकास के लक्ष्यों को हासिल करने में प्रभावकारी सहायता के लिए पारदर्शी, प्रौद्योगिकी-सक्षम और डेटा-संचालित सांख्यिकीय ढांचा विकसित करने के अपने साझा उद्देश्यों की पुष्टि की।

****

पीके/केसी/केके/एनजे


(Release ID: 2178789) Visitor Counter : 92
Read this release in: English , Urdu , Tamil