वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
पीएम गतिशक्ति के चार वर्ष संपन्न होने के उपलक्ष्य में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल द्वारा परिवर्तनकारी पहलों का शुभारंभ
एकीकृत, डेटा-आधारित योजना के लिए सभी 112 आकांक्षी जिलों में जिला मास्टर प्लान उत्तरोत्तर लागू किया जा रहा है
ज्ञान प्रबंधन प्रणाली मंत्रालयों, विभागों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में दोहराने की योग्यता, विस्तारणीयता और पारस्परिक शिक्षण को मज़बूत बनाती है
एनएमपी डैशबोर्ड और विकेन्द्रीकृत डेटा अपलोडिंग प्रणाली पारदर्शिता, दक्षता और बहु-क्षेत्रीय समन्वय को बढ़ाती है
संग्रह खंड-3 बुनियादी ढाँचे, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर सफलता की कहानियों को प्रदर्शित करता है
Posted On:
13 OCT 2025 5:36PM by PIB Delhi
पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) के चार वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के लॉजिस्टिक्स प्रभाग की अनेक परिवर्तनकारी पहलों का शुभारंभ किया। इन पहलों का उद्देश्य बुनियादी ढाँचे की योजना को मजबूती प्रदान करके, अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी बढ़ाकर और समग्र विकास में सहायता देने के लिए पर्याप्त बुनियादी ढाँचा सुनिश्चित करते हुए सामाजिक-आर्थिक विकास को गति देना है।
श्री गोयल ने इस बात को रेखांकित किया कि सरकार ने अक्टूबर 2024 में 28 आकांक्षी जिलों के लिए पीएम गतिशक्ति जिला मास्टर प्लान (पीएमजीएस-डीएमपी) को विकसित और लॉन्च किया। ये योजनाएँ पीएम गतिशक्ति प्लेटफॉर्म का उपयोग करके स्कूलों, स्वास्थ्य केंद्रों, आंगनवाड़ियों, सड़कों और पानी की पाइपलाइनों जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक और आर्थिक बुनियादी ढाँचे के लिए भू-स्थानिक-आधारित योजना बनाने में मदद करती हैं।
प्रभावी योजना बनाने की प्रकिया को सक्षम बनाने के लिए स्कूलों, स्वास्थ्य केंद्रों, आंगनवाड़ियों, सड़कों और पानी की पाइपलाइनों के लिए पाँच क्षेत्र-विशिष्ट उपकरण विकसित किए गए। जिला टीमों के लिए व्यापक क्षमता निर्माण प्रशिक्षण दिसंबर 2024 में बीआईएसएजी-एन, गांधीनगर, गुजरात में आयोजित किया गया। इसके बाद जिलों और राज्यों के अधिकारियों के लिए नियमित क्षेत्रीय कार्यशालाएँ और ऑनलाइन सत्र आयोजित किए गए।
जिलों ने क्षेत्र के विकास के लिए व्यावहारिक उपयोग के तरीके तैयार करना शुरू कर दिया है, जिनमें दमोह-जबलपुर सड़क को दो से चार लेन तक चौड़ा करने जैसी सड़क परियोजनाएं, दमोह में सौर पार्क स्थल का चयन, प्रशासनिक सीमा नियोजन, जल जीवन मिशन के तहत पेयजल प्रावधान, बिजली से वंचित गाँवों का विद्युतीकरण, सड़क सम्पर्क से वंचित बस्तियों के लिए सड़क सम्पर्क और बारां जिले में जलग्रहण प्रबंधन योजना शामिल हैं।
इन सफलताओं के आधार पर पीएम गतिशक्ति जिला मास्टर प्लान अब सभी 112 आकांक्षी जिलों में उत्तरोत्तर लागू किया जा रहा है, जिससे देश भर में सामाजिक और आर्थिक बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए डेटा-आधारित, एकीकृत योजना बनाना संभव हो सकेगा।
श्री गोयल ने पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अंतर्गत कई परिवर्तनकारी पहलों का भी शुभारंभ किया, जिनका उद्देश्य बुनियादी ढाँचा नियोजन, डेटा-आधारित निर्णय लेना और विभिन्न क्षेत्रों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है। इन पहलों में ज्ञान प्रबंधन प्रणाली (केएमएस), विकेंद्रीकृत डेटा अपलोडिंग और प्रबंधन प्रणाली (डीयूएमएस), समग्र बहु-क्षेत्रीय रिपोर्टिंग प्रणाली के तहत पीएमजीएस एनएमपी डैशबोर्ड और पीएम गतिशक्ति संग्रह खंड-3 शामिल हैं।
श्री गोयल ने कहा कि पिछले चार वर्षों में, अनेक मंत्रालयों और राज्यों ने नवोन्मेषी उपाय किए हैं, डिजिटल उपकरण विकसित किए हैं और उपयोग के तरीके तैयार किए हैं जो दर्शाते हैं कि बुनियादी ढाँचे के विकास और निर्णय-प्रक्रिया में सुधार के लिए भू-स्थानिक नियोजन का लाभ कैसे उठाया जा सकता है। ज्ञान प्रबंधन प्रणाली डिजिटल उपकरणों, उपयोग-के तरीकों, एसओपी, संग्रहों और प्रशिक्षण के संसाधनों के एक केंद्रीकृत भंडार के रूप में कार्य करती है, जो मंत्रालयों, विभागों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में दोहराने की योग्यता, विस्तारणीयता और पारस्परिक शिक्षण को बढ़ावा देती है।
केएमएस के मूल में एकीकृत एनएमपी डैशबोर्ड है, जो समस्या प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से ऑनबोर्ड किए गए डेटा स्तरों, पंजीकृत उपयोगकर्ताओं, नियोजित परियोजनाओं और रिपोर्ट की गई समस्याओं के बारे में वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करता है, जो समग्र बहु-क्षेत्रीय रिपोर्टिंग प्रणाली का आधार बनता है। इसके अतिरिक्त, विकेन्द्रीकृत डेटा अपलोडिंग और प्रबंधन प्रणाली, नामित प्रबंधकों द्वारा डेटा अपलोड, नोडल अधिकारियों द्वारा समीक्षा और बीआईएसएजी-एन द्वारा अंतिम प्रकाशन के त्रि-चरणीय वर्कफ़्लो के माध्यम से सटीक, एकरूप और जवाबदेह डेटा प्रबंधन सुनिश्चित करती है, जिससे पारदर्शिता, परिचालन दक्षता और बहु-क्षेत्रीय समन्वय में वृद्धि होती है।
पीएम गतिशक्ति संग्रह खंड-3 के शुभारंभ में बुनियादी ढाँचे, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर सफलता की कहानियों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की गई है, जो एकीकृत विकास को बढ़ावा देने, कनेक्टिविटी में सुधार करने और पूरे भारत में समावेशी विकास को बढ़ावा देने में पीएम गतिशक्ति के परिवर्तनकारी प्रभाव को प्रदर्शित करती है।
इन पहलों के साथ, पीएम गतिशक्ति एकीकृत बुनियादी ढाँचा नियोजन, डेटा-आधारित शासन और समावेशी विकास में नए मानक स्थापित कर रही है, जिससे भारत के आधुनिक, सम्बद्ध और मजबूत राष्ट्र के दृष्टिकोण को बल मिल रहा है।
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