स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
मौलाना आज़ाद दंत विज्ञान संस्थान (एमएआईडीएस) में चार रोगियों पर स्वदेशी अनुकूलित टेम्पोरो- मैंडिबुलर जॉइंट (टीएमजे) का सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण, यह महत्वपूर्ण उपलब्धि भारतीय चिकित्सा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में एक मील का पत्थर
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और एमप्रगति- आईआईटी दिल्ली के सहयोग से एमएआईडीएस में अनुकूलित टीएमजे प्रत्यारोपण का सफल प्रत्यारोपण भारत के मेडटेक क्षेत्र की बढ़ती ताकत को दर्शाता है : श्री जे.पी. नड्डा
यह विकास दुनियाभर में स्वास्थ्य समाधान प्रदान करने के लिए नैदानिक विशेषज्ञों, इंजीनियरों और शोधकर्ताओं के बीच सहयोग की शक्ति को प्रदर्शित करता है : महानिदेशक आईसीएमआर
Posted On:
07 OCT 2025 7:13PM by PIB Delhi
भारत के चिकित्सा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में एक ऐतिहासिक प्रगति के रूप में, मौलाना आज़ाद दंत विज्ञान संस्थान (एमएआईडीएस), नई दिल्ली की नैदानिक टीम द्वारा चार रोगियों पर एक अनुकूलित टेम्पोरो- मैंडिबुलर जोड़ (टीएमजे) प्रत्यारोपण प्रक्रिया सफलतापूर्वक की गई।
एमएआईडीएस, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक उन्नत अनुसंधान केंद्र (सीएआर) के रूप में कार्य करता है। समन्वय विकास अनुसंधान प्रभाग के अंतर्गत चिकित्सा उपकरण एवं निदान मिशन सचिवालय (एमडीएमएस) द्वारा स्वास्थ्य सेवा प्रौद्योगिकी में स्वदेशी नवाचार को बढ़ावा देने के भारत के निरंतर प्रयासों के तहत यह उपलब्धि हासिल की है।
टीएमजे प्रत्यारोपण को आईसीएमआर- डीएचआर-मेडटेक उत्पाद विकास त्वरण गेटवे ऑफ इंडिया (एमप्रगति) में स्वदेशी रूप से विकसित किया गया था - जो आईआईटी दिल्ली में एमडीएमएस द्वारा समन्वित एक अत्याधुनिक सुविधा है। यह नवाचार आयातित प्रत्यारोपणों पर निर्भरता कम करने और भारतीय रोगियों के लिए किफायती, उच्च- गुणवत्ता वाले चिकित्सा उपकरणों तक पहुँच बढ़ाने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है।

यह उपलब्धि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो विकसित भारत के प्रमुख स्तंभों में से एक है। यह भारत के अनुसंधान सहयोग की मजबूती, शैक्षणिक संस्थानों और नैदानिक केंद्रों के बीच बढ़ते तालमेल और एक मजबूत स्वदेशी चिकित्सा उपकरण पारिस्थितिकी तंत्र के उद्भव का उदाहरण है।
इस उपलब्धि के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, श्री जे.पी. नड्डा ने कहा, "आईसीएमआर और एमप्रगति-आईआईटी दिल्ली के सहयोग से एमएआईडीएस में अनुकूलित टीएमजे इम्प्लांट का सफल प्रत्यारोपण, भारत के मेडटेक क्षेत्र की बढ़ती ताकत को दर्शाता है। यह उपलब्धि दर्शाती है कि कैसे मजबूत अनुसंधान और नीतिगत समर्थन से समर्थित घरेलू नवाचार, स्वास्थ्य सेवा में किफायती और प्रभावशाली प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।"
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने कहा, "यह प्रगति वास्तविक दुनिया के स्वास्थ्य समाधान प्रदान करने के लिए नैदानिक विशेषज्ञों, इंजीनियरों और शोधकर्ताओं के बीच सहयोग की शक्ति को प्रदर्शित करती है। आईसीएमआर को ऐसे नवाचारों का समर्थन करने पर गर्व है जो न केवल लागत कम करते हैं बल्कि रोगियों में परिणामों में भी सुधार करते हैं, जिससे किफायती स्वास्थ्य सेवा प्रौद्योगिकियों में भारत का नेतृत्व और मजबूत होता है।"
स्वदेशी टीएमजे प्रत्यारोपण के प्रमुख लाभ :
स्वदेशी टीएमजे इम्प्लांट मौजूदा आयातित विकल्पों की तुलना में कई लाभ प्रदान करता है, जिससे रोगियों के लिए बेहतर परिणाम, सामर्थ्य और तेज़ डिलीवरी सुनिश्चित होती है।
तकनीकी लाभ : जबड़े की गति और स्थिरता को बढ़ाने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है, जिसमें बेहतर कार्य, सौंदर्य और शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए एक समर्पित मांसपेशी संलग्नक सुविधा है।
लागत लाभ : मेक इन इंडिया पहल के तहत विकसित, इस इम्प्लांट की लागत भारतीय उद्योग द्वारा निर्मित संस्करणों की लागत का लगभग पाँचवाँ हिस्सा और आयातित संस्करणों की लागत का आठवाँ से दसवाँ हिस्सा है, जिससे यह अधिक किफायती और सुलभ हो जाता है।
समय-सीमा लाभ : स्थानीय निर्माण और सुव्यवस्थित प्रक्रियाओं ने टर्नअराउंड समय को लगभग दो सप्ताह तक कम कर दिया है, जिससे उपचार और रोगी की रिकवरी तेज़ हो गई है।
यह महत्वपूर्ण उपलब्धि स्वदेशी अनुसंधान को वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों में बदलने में आईसीएमआर-डीएचआर-समर्थित प्लेटफार्मों की सफलता को दर्शाती है। नैदानिक अंतर्दृष्टि और बायोमेडिकल इंजीनियरिंग का सम्मिलन भविष्य के व्यक्तिगत प्रत्यारोपण और स्वदेशी चिकित्सा उपकरण नवाचार के लिए एक मापनीय मॉडल का उदाहरण है।
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पीके/ केसी/ जेएस/डीए
(Release ID: 2176017)
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