संस्कृति मंत्रालय
सेवा पर्व 2025: विकसित भारत के रंग, कला के संग
Posted On:
27 SEP 2025 11:00PM by PIB Delhi
संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक सेवा पर्व 2025 को सेवा, रचनात्मकता और सांस्कृतिक गौरव के एक राष्ट्रव्यापी उत्सव के रूप में मना रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, सेवा पर्व का उद्देश्य समुदायों, संस्थाओं और व्यक्तियों को सेवा, रचनात्मकता और सांस्कृतिक गौरव के एक सामूहिक आंदोलन में एक साथ लाना है।
संस्कृति मंत्रालय ने इस सेवा पर्व 2025 के अंतर्गत, 27 सितंबर 2025 को कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विविध कला कार्यशालाओं का आयोजन किया। इन कार्यक्रमों में छात्रों, कलाकारों, शिक्षाविदों, गणमान्य व्यक्तियों और सामुदायिक नेताओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इससे सांस्कृतिक उत्सव और नागरिक उत्तरदायित्व के प्रति राष्ट्रव्यापी संकल्प को बल मिला।
संस्कृति मंत्रालय के संस्थानों के माध्यम से 27 सितंबर 2025 को आयोजित कला कार्यशालाओं और स्वच्छता अभियानों की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं :
- रायपुर, छत्तीसगढ़ – पीजी उमाठे हायर सेकेंडरी स्कूल (सीसीआरटी के क्षेत्रीय केंद्र द्वारा आयोजित)
रायपुर के पीजी उमाठे हायर सेकेंडरी स्कूल में एक कला कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में डॉ. एम. सुधीश (सहायक निदेशक, समग्र शिक्षा, रायपुर), श्री हिमांशु भारती (जिला शिक्षा अधिकारी), श्री विश्वरंजन मिश्रा (डीएमसी, रायपुर) और श्री अमित तिवारी (ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, धरसीवा शहरी) उपस्थित थे।

- बोकारो, झारखंड - श्री अय्यप्पा पब्लिक स्कूल, बोकारो स्टील सिटी (सीसीआरटी द्वारा आयोजित)
बोकारो में, श्री अय्यप्पा पब्लिक स्कूल में एक कला कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कला कार्यशाला में प्रांजल ढांडा (एसडीएम, चास), डॉ. अतुल चौबे (डीएसई, बोकारो) और श्रीमती प्रतिमा दास (बीईईओ, गोमिया) सहित स्थानीय शिक्षा अधिकारी उपस्थित थे।

- वर्धा, महाराष्ट्र – चक्रगृह, सेवाग्राम रोड, वारुद (दक्षिण क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र, एसजेडसीसी द्वारा आयोजित)
वर्धा में, चक्रगृह, सेवाग्राम रोड, वरुद में एक कला शिविर का आयोजन किया गया। इसमें 300 से अधिक स्कूली छात्रों ने भाग लिया। कार्यशाला में प्रतिभागियों को अपनी रचनात्मकता और कलात्मक कौशल को निखारने के लिए प्रोत्साहित किया गया साथ ही सहयोग और सांस्कृतिक अभिव्यक्ति के प्रति गहरी समझ को बढ़ावा दिया गया।

- इंदौर, मध्य प्रदेश – द मिलेनियम स्कूल, नायता मुंडला (सीसीआरटी द्वारा आयोजित)
इंदौर में, नायता मुंडला स्थित द मिलेनियम स्कूल में एक कला कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कला कार्यशाला में श्री शंकर लालवानी (सांसद, इंदौर) और अन्य स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। उन्होंने छात्रों को रचनात्मकता को सामुदायिक सहभागिता से जोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया।

- इंदौर, मध्य प्रदेश – शासकीय महारानी लक्ष्मी बाई कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, इंदौर (सीसीआरटी द्वारा आयोजित)
सीसीआरटी के तत्वावधान में इंदौर के शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में दूसरी कला कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में श्री शंकर लालवानी (सांसद), श्री कैलाश विजयवर्गीय (कैबिनेट मंत्री), श्री पुष्य मित्र भार्गव (महापौर, इंदौर) और श्री आर.सी. दीक्षित (अपर निदेशक, उच्च शिक्षा) उपस्थित थे।

- उदयपुर, राजस्थान - मीरा गर्ल्स कॉलेज, मधुबन (पश्चिम क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र, डब्ल्यूजैडसीसी द्वारा आयोजित)
उदयपुर के मीरा गर्ल्स कॉलेज में एक कला कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में डॉ. मदन सिंह राठौर (प्रोफ़ेसर, एमएलएसयू उदयपुर) और प्रो. दीपक माहेश्वरी (प्राचार्य, मीरा गर्ल्स कॉलेज) उपस्थित थे।

- उदयपुर, राजस्थान - शिल्पग्राम (पश्चिम क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र, डब्ल्यूजैडसीसी द्वारा आयोजित)
उदयपुर में भी शिल्पग्राम में एक कला कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें डॉ. मदन सिंह राठौड़ और श्री अलय मिस्त्री (मूर्तिकला कलाकार, अहमदाबाद) द्वारा रचनात्मक प्रदर्शन और मार्गदर्शन दिया गया।

- अहमदाबाद, गुजरात - साबरमती नदी मुहाना (पश्चिम क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र, डब्ल्यूजैडसीसी द्वारा आयोजित)
अहमदाबाद के साबरमती नदी मुहाने पर पेशेवर कलाकारों, छात्रों और स्थानीय समुदायों को एक साथ लाने के लिए एक कला कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें भाग लेने वाले प्रख्यात कलाकारों और स्थानीय सांस्कृतिक नेताओं में श्री महेश वी. देसाई, श्री अमित अंबालाल, श्री वृंदावन सोलंकी, श्री श्वेता पारिख, श्री अनंत मेहता, श्री तृप्ति दवे, श्री विनोद रावल, श्री चंद्रकांत कछारा, श्री हंसमुख पांचाल और श्री मनीष मोदी शामिल थे।

- मैंगलोर, कर्नाटक – येनेपोया विश्वविद्यालय (दक्षिण क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र, एसजैडसीसी द्वारा आयोजित)
मैंगलोर में, येनेपोया विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय समुदाय की भागीदारी से एक कला कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में डॉ. विजयेंद्र वी. इटागी (प्राचार्य, येनेपोया होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल) और डॉ. अश्विनी एस. शेट्टी (एनएसएस कार्यक्रम समन्वयक, येनेपोया विश्वविद्यालय) भी शामिल हुए।

- पुद्दुचेरी – पेटिट सेमिनेयर हायर सेकेंडरी स्कूल (आईजीएनसीए के क्षेत्रीय केंद्र द्वारा आयोजित)
पुद्दुचेरी के पेटिट सेमिनेयर हायर सेकेंडरी स्कूल में एक कला कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में श्री के. कैलाशनाथन (पुद्दुचेरी के राज्यपाल), श्री एन. रंगासामी (मुख्यमंत्री), श्री ए. नमस्सिवायम (गृह मंत्री), श्री मोहम्मद अहसान आबिद (सचिव, कला एवं संस्कृति) और श्री आर. मौनीसामी (निदेशक, सूचना एवं प्रचार) सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

- संबलपुर, ओडिशा – चंद्रशेखर बेहरा जिला स्कूल (पूर्वी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र, ईजैडसीसी द्वारा आयोजित)
संबलपुर के चंद्रशेखर बेहरा ज़िला स्कूल में एक कला कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में पद्मश्री डॉ. जितेंद्रिय हरिपाल और अंतर्राष्ट्रीय कलाकार श्री मनोज कुमार चौधुरी, श्री राधा रमन मुदुली और श्री प्रशांत कु माझी ने भाग लिया। उन्होंने प्रतिभागियों से बातचीत की और उन्हें रचनात्मक संवाद में परंपरा और नवीनता को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया।

- ईटानगर, अरुणाचल प्रदेश (उत्तर पूर्व क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र, एनईजैडसीसी द्वारा आयोजित)
ईटानगर में, राजीव गांधी विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों की भागीदारी से एक कला कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रो. एस.के. नायक (कुलपति, राजीव गांधी विश्वविद्यालय), डॉ. एनटी रिकम (कुल सचिव, आरजीयू), और प्रो. उत्तम कुमार पेगु (डीन, दृश्य एवं प्रदर्शन कला संकाय) उपस्थित थे।
- पुणे, महाराष्ट्र – भारती विद्यापीठ स्कूल ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स (सीसीआरटी के क्षेत्रीय केंद्र द्वारा आयोजित)
पुणे में, भारती विद्यापीठ स्कूल ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स में एक विशाल कला कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस सत्र में डॉ. (श्रीमती) मेधा कुलकर्णी (सांसद, राज्यसभा), डॉ. विश्वजीत कदम (सचिव एवं सह-कुलपति, भारती विद्यापीठ), डॉ. विनोद नारायण इंदुरकर (अध्यक्ष, सीसीआरटी, नई दिल्ली) और डॉ. मिलिंद ढोबले (डीन, कला एवं प्रदर्शन कला संकाय, एमआईटी-एडीटी विश्वविद्यालय, पुणे) शामिल हुए।
- आइजोल, मिज़ोरम - डाइट, चल्तलांग (एनईजैडसीसी द्वारा आयोजित)
आइज़ोल के डाइट केंद्र में एक कला कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में श्री सी. लालसाविवुंगा (कला एवं संस्कृति मंत्री, मिज़ोरम सरकार) और श्रीमती कैरल वीएलएमएस दांगकिमी (निदेशक, कला एवं संस्कृति विभाग) उपस्थित थे।

- अगरतला, त्रिपुरा - नज़रूल कलाक्षेत्र (एनईजैडसीसी द्वारा आयोजित)
अगरतला में, नज़रुल कलाक्षेत्र में एक कला कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें श्री राजीव भट्टाचार्जी (सांसद), श्री पीके चक्रवर्ती (आईएएस, प्रमुख सचिव, आईसीए, त्रिपुरा) और श्री बिम्बिसार भट्टाचार्जी (निदेशक, आईसीए, त्रिपुरा) ने भाग लिया।
- जम्मू और कश्मीर – (आईजीएनसीए के क्षेत्रीय केंद्र द्वारा आयोजित)
सेवा पर्व 2025 के अंतर्गत जम्मू और कश्मीर में कई विरासतीय और शैक्षिक स्थलों पर कला कार्यशालाओं की एक श्रृंखला आयोजित की गई ।
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- उधमपुर – एचएसएस कुड और सुध महादेव में कार्यशालाओं का आयोजन किया गया जिसमें छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
- रियासी - सुला पार्क (प्रधानाचार्य दीपक शर्मा की उपस्थिति में) और एचएसएस कटरा (प्रधानाचार्य रश्मि) में कार्यशालाएं आयोजित की गईं।
- डोडा - गाथा भद्रवाह में कार्यशाला में सैयद शफायत अली (प्रधानाचार्य, एचएसएस गर्ल्स भद्रवाह) ने भाग लिया, जबकि गिला भद्रवाह में श्री उमेश कुमार (नोडल अधिकारी) ने प्रतिभागियों के साथ बातचीत की।
- किश्तवाड़ - ऐतिहासिक चौगान मैदान और एचएसएस अथोली, पद्दार में कार्यशालाएं आयोजित की गईं जिनमें संजय डोगरा (सीईओ) ने भाग लिया।
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- जम्मू – मुबारक मंडी हेरिटेज कॉम्प्लेक्स और बहू फोर्ट में कार्यक्रम आयोजित किए गए, जहां छात्रों ने कला के माध्यम से विरासत की खोज की।
- पुंछ – मंडी न्यू ब्रिज पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
- सांबा - कला कार्यशालाएं सांबा फोर्ट (श्री केवल कृष्ण, सीईओ सांबा) और बाबा चमलियाल (इंस्पेक्टर नालन अक्का, बीएसएफ) में आयोजित की गईं।

डिजिटल भागीदारी
व्यापक सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए, मंत्रालय ने सेवा पर्व पोर्टल के माध्यम से डिजिटल भागीदारी को सक्षम बनाया है:
- संस्थागत अपलोड : संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत सभी संस्थान और विभिन्न राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपने कार्यक्रमों का दस्तावेजीकरण कर रहे हैं और सेवा पर्व पोर्टल https://amritkaal.nic.in/sewa-parv.htm पर अपलोड कर रहे हैं ।
- नागरिक योगदान : व्यक्ति अपनी कलाकृतियाँ, तस्वीरें और रचनात्मक अभिव्यक्तियाँ सीधे पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं, और #सेवा पर्व का उपयोग करके उन्हें सोशल मीडिया पर साझा कर सकते हैं ।
- ब्रांडिंग और प्रचार सामग्री यहां डाउनलोड के लिए उपलब्ध हैं: गूगल ड्राइव लिंक ।
कैसे भाग लें?
- व्यक्तिगत भागीदारी
कोई भी व्यक्ति अपनी पसंद के किसी भी माध्यम या सामग्री में "विकसित भारत के रंग, कला के संग" विषय पर कलाकृति बनाकर भाग ले सकता है। प्रतिभागी अपनी कलाकृति की तस्वीरें यहां अपलोड कर सकते हैं: https://amritkaal.nic.in/sewa-parv-individual-participants
- 75 स्थानों में से किसी एक पर पेंटिंग कार्यशाला में शामिल हों
प्रतिभागी दिए गए स्थानों पर संस्कृति मंत्रालय के संबंधित संस्थानों से संपर्क कर सकते हैं। 75 स्थानों की सूची: यहाँ क्लिक करें
27 सितंबर 2025 को संबलपुर, ईटानगर, पुणे, रायपुर, बोकारो, इंदौर, उदयपुर, पुद्दुचेरी, अहमदाबाद, मैंगलोर, आइजोल, अगरतला, वर्धा और जम्मू-कश्मीर के कई स्थानों पर आयोजित कला कार्यशालाओं एवं स्वच्छता अभियानों में छात्रों, कलाकारों, शिक्षाविदों और सामुदायिक नेताओं सहित हजारों प्रतिभागियों ने भाग लिया। महाराष्ट्र के वर्धा में, दक्षिण क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र (एसजैडसीसी) द्वारा चक्रगृह, सेवाग्राम रोड, वरुद में आयोजित एक कला शिविर में 300 से अधिक स्कूली छात्रों ने रचनात्मक गतिविधियों में भाग लिया। इसके द्वारा उनकी कलात्मक अभिव्यक्ति और सहयोगात्मक शिक्षा को बढ़ावा दिया गया। प्रत्येक कार्यशाला रचनात्मकता और सहयोग का केंद्र बन गई, जबकि पहल ने सेवा और नागरिक जुड़ाव की भावना को मजबूत किया। साथ में, इन गतिविधियों ने न केवल भारत की कलात्मक और सांस्कृतिक विविधता का समारोह मनाया बल्कि रचनात्मकता जिम्मेदारी और स्थानीय गौरव के माध्यम से 2047 तक विकसित भारत बनाने के सामूहिक संकल्प को भी दृढ़ किया।
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