संचार मंत्रालय
केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) और ओईएम सलाहकार समिति के साथ बैठक की अध्यक्षता की
आईएमसी 2025 की योजना, टीएसपी और ओईएम मुद्दों, तथा ग्वालियर स्थित दूरसंचार विनिर्माण क्षेत्र और जबलपुर स्थित दूरसंचार नवाचार अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र की प्रगति की समीक्षा
प्रविष्टि तिथि:
25 SEP 2025 5:41PM by PIB Delhi
केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज दूरसंचार सचिव डॉ. नीरज मित्तल के साथ दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) और मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) सलाहकार समिति के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक में तीन प्रमुख एजेंडों पर ध्यान केंद्रित किया गया - इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) 2025 की तैयारियों की समीक्षा, टीएसपी और ओईएम द्वारा उठाए गए मुद्दों पर चर्चा, और ग्वालियर में दूरसंचार विनिर्माण क्षेत्र (टीएमजेड) और जबलपुर में दूरसंचार नवाचार, अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र की स्थिति का आकलन।
विचार-विमर्श के दौरान, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा पहले उठाए गए अधिकांश लंबित मुद्दों, विशेष रूप से साइबर सुरक्षा, स्पैम नियंत्रण, मानकों और प्रौद्योगिकी अंतर-संचालनीयता से संबंधित, का समाधान कर लिया गया है। तीन महत्वपूर्ण मुद्दे - डिजिटल डिवाइड, स्पेक्ट्रम प्राधिकरण और फिक्स्ड-लाइन सेवाओं की व्यावसायिक व्यवहार्यता, अभी भी विचाराधीन हैं, और हितधारकों से 6 अक्टूबर 2025 तक मसौदा नियमों पर प्रतिक्रिया देने की अपेक्षा की जाती है। आगामी दूरसंचार नीति ढाँचे के तहत टेलीमार्केटर नियमों, लाइसेंस शुल्क और बिजली आवश्यकताओं से संबंधित मामलों पर भी विचार किया जा रहा है।
ओईएम के मोर्चे पर केंद्रीय मंत्री ने स्वदेशी विनिर्माण, परीक्षण और प्रमाणन समयसीमा, और व्यापार सुगमता उपायों से संबंधित मुद्दों का समाधान दर्ज किया। चार मुद्दे अभी भी लंबित हैं, जिनमें वैश्विक प्रतिस्पर्धियों के साथ लागत संरचना समानता, आयात प्रतिस्थापन के लिए आंशिक से पूर्ण घरेलू विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र का विकास, डिज़ाइन-आधारित विनिर्माण को बढ़ावा, और एकल-स्रोत घटक खरीद चुनौतियों का समाधान शामिल हैं। इन मुद्दों पर प्रतिक्रियाएँ और नीतिगत इनपुट 6 अक्टूबर 2025 तक अपेक्षित हैं।




केंद्रीय मंत्री श्री सिंधिया ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सरकार डिजिटल खाई को पाटने, नवाचार को बढ़ावा देने और स्वदेशी दूरसंचार विनिर्माण को मज़बूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) और ओईएम दोनों को दूरसंचार विभाग (डीओटी) के साथ मिलकर काम करने और निर्धारित समय-सीमा के भीतर कार्रवाई योग्य प्रतिक्रिया प्रदान करने का निर्देश दिया। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि आईएमसी 2025, ग्वालियर में टीएमज़ेड और जबलपुर में इनोवेशन सेंटर जैसी आगामी पहलें भारत को दूरसंचार प्रौद्योगिकी, सेवाओं और विनिर्माण का वैश्विक केंद्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगी।
दूरसंचार पारिस्थितिकी तंत्र में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करने के लिए संचार मंत्री द्वारा हितधारक सलाहकार समितियों (एसएसी) का गठन किया गया है। ये सलाहकार मंच सरकार, उद्योग और नवप्रवर्तकों के बीच संरचित दो-तरफ़ा संवाद को सक्षम बनाते हैं, जिससे समावेशी और सहयोगात्मक नीति-निर्माण सुनिश्चित होता है।
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पीके/केसी/वीएस
(रिलीज़ आईडी: 2171351)
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