नीति आयोग
azadi ka amrit mahotsav

नीति आयोग ने "प्रगति के मार्ग: भारत की नवाचार गाथा विश्लेषण और अंतर्दृष्टि रिपोर्ट जारी की

प्रविष्टि तिथि: 23 SEP 2025 6:00PM by PIB Delhi

नीति आयोग ने आज "प्रगति के मार्ग: भारत की नवाचार गाथा विश्लेषण और अंतर्दृष्टि" संबंधी अपनी व्यापक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवोन्‍मेष में भारत की प्रगति दर्शायी गई है और वैश्विक नवाचार केंद्र के रूप में स्थिति सुदृढ़ करने में देश की उपलब्धियों, चुनौतियों और अवसरों का विस्तृत आकलन प्रस्तुत किया गया है।

अटल नवाचार मिशन के मिशन निदेशक डॉ. दीपक बागला ने रिपोर्ट जारी किए जाने के अवसर पर उद्यमशीलता प्रतिभा को पोषित करने, नवाचार को व्‍यापक स्‍तर पर बढ़ावा देने और पूरे देश में एक सक्रिय स्टार्टअप संस्कृति स्‍थापित करने में एआईएम की परिवर्तनकारी भूमिका का उल्‍लेख किया।

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. सारस्वत ने भारत के विकास पथ को साकार रूप देने में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट महत्वपूर्ण साक्ष्य-आधारित अंतर्दृष्टि प्रदान करती है जो नीति-निर्माण को दिशा देने और संस्थागत संबंधों को सुदृढ़ करने के साथ ही शै‍क्षणिक जगत, उद्योग और सरकार के बीच समन्‍वय-सहयोग बढ़ा सकती है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात पर बल दिया कि भारत में नवोन्‍मेष सर्वव्यापी है और यह केवल अग्रणी प्रौद्योगिकियों तक ही सीमित नहीं है। उन्होंने अनुसंधान उन्‍नयन, प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देने और सभी क्षेत्रों में नवोन्‍मेष का व्यावसायीकरण सुगम बनाने की सरकार की पहल का उल्‍लेख किया। डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने समावेशी और संदर्भ-आधारित नवाचार के महत्व पर ज़ोर दिया जो वास्तविक चुनौतियों के समाधान में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा त‍था सतत, समतापूर्ण विकास को गति देने की भारत की समग्र क्षमता को मज़बूत करता है।

मुख्य अतिथि और शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने अपने संबोधन में सुदृढ़ नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र निर्मित करने में भारत की प्रगति का उल्‍लेख किया और भारत को ज्ञान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्टता के वैश्विक ब्रांड के रूप में स्थापित करने के महत्व पर बल दिया। श्री प्रधान ने भारत के युवाओं, प्रतिभाओं और संस्थागत शक्तियों का उपयोग कर ऐसे नवप्रवर्तन को बढ़ावा देने का आह्वान किया जो व्यापक और समावेशी हों।

कार्यक्रम में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव तथा नीति आयोग के कार्यक्रम निदेशक भी उपस्थित थे, जो भारत के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को उन्‍नत बनाने की सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता दर्शाता है।

रिपोर्ट भारत के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र का समग्र दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है, जिसमें राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पहल, उद्योग और जमीनी स्तर पर नवीन सृजन, स्टार्टअप, विश्वविद्यालय-उद्योग-सरकार के बीच सहयोग और वैश्विक नवाचार वरीयता क्रम में भारत की स्थिति शामिल है। यह रिपोर्ट प्रणालीगत चुनौतियों की भी पहचान कर उन‍के समाधान की भविष्‍य योजना प्रस्तुत करती है जिसमें सफल मॉडलों को विस्तारित करना, गहन तकनीकी नवोन्‍मेष को बढ़ावा देना, ज्ञान सृजन सुदृढ़ करना, वैश्विक एकीकरण बढ़ाना और राज्यों में नवाचार क्षमता निर्माण शामिल है। नीति आयोग की रिपोर्ट ज्ञान-संचालित नवप्रवर्तन, नवाचार-प्रधान अर्थव्यवस्था को पोषित करने और विज्ञान, प्रौद्योगिकी और उद्यमिता के वैश्विक केंद्र के रूप में भारत के उभरने की महत्वाकांक्षा आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता को पुष्ट करता है।

****

पीके/केसी/एकेवी/एमपी


(रिलीज़ आईडी: 2170288) आगंतुक पटल : 134
इस विज्ञप्ति को इन भाषाओं में पढ़ें: Malayalam , English , Urdu