पंचायती राज मंत्रालय
डिजिटल सेवा में अग्रणी भूमिका के लिए ग्राम पंचायतों को राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया
पेपरलेस कार्यालयों से लेकर क्यूआर कर भुगतान तक: पंचायतें भारत की डिजिटल शासन क्रांति का नेतृत्व कर रही हैं
Posted On:
22 SEP 2025 5:51PM by PIB Delhi
जमीनी स्तर पर डिजिटल शासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, ग्राम पंचायतों को आज डिजिटल सेवा में जमीनी स्तर की पहलों को समर्पित एक नई श्रेणी के अंतर्गत राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार (एनएईजी) 2025 से सम्मानित किया गया। ये पुरस्कार आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में ई-गवर्नेंस (एनसीईजी) पर 28वें राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री और कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ . जितेंद्र सिंह द्वारा प्रदान किए गए। इससे पहले, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने सम्मेलन का शुभारंभ किया और शुरूआती भाषण दिया।
देश भर से 1.45 लाख से अधिक प्रविष्टियों के जटिल बहु-स्तरीय मूल्यांकन के बाद , निम्नलिखित ग्राम पंचायतों को नई शुरू की गई श्रेणी, “सेवा वितरण को गहन बनाने के लिए ग्राम पंचायतों में जमीनी स्तर की पहल” के तहत पुरस्कृत किया गया :
- स्वर्ण पुरस्कार : रोहिणी ग्राम पंचायत, धुले जिला, महाराष्ट्र - सरपंच डॉ. आनंदराव पावरा
- रजत पुरस्कार : पश्चिम मजलिशपुर ग्राम पंचायत, पश्चिम त्रिपुरा जिला, त्रिपुरा - सरपंच श्रीमती अनिता देब दास
- जूरी पुरस्कार : पलसाना ग्राम पंचायत, सूरत जिला, गुजरात - सरपंच श्री प्रवीणभाई परषोत्तमभाई अहीर
- जूरी पुरस्कार : सुआकाती ग्राम पंचायत, केंदुझार जिला, ओडिशा - सरपंच श्रीमती कौतुक नाइक
प्रत्येक पुरस्कार में एक ट्रॉफी, प्रमाण पत्र और 10 लाख रुपये (स्वर्ण) और 5 लाख रुपये (रजत) की वित्तीय प्रोत्साहन राशि शामिल है, जिसे नागरिक-केंद्रित पहलों को मजबूत करने में पुनर्निवेशित किया जाएगा।
इन पुरस्कार विजेता पंचायतों ने डिजिटल शासन, पारदर्शिता और सहभागी सेवा वितरण में नए मानक स्थापित किए हैं :
- महाराष्ट्र की रोहिणी ग्राम पंचायत, पूरी तरह से पेपरलेस ई-ऑफिस प्रणाली अपनाने वाली राज्य की पहली ग्राम पंचायत बन गई है। यह 1,027 ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करती है और शत-प्रतिशत घरेलू डिजिटल साक्षरता सुनिश्चित करती है। तत्क्षण शिकायत निवारण और बल्क एसएमएस आउटरीच यह सुनिश्चित करते हैं कि प्रत्येक नागरिक शासन के निर्णयों से जुड़ा रहे।
- त्रिपुरा की पश्चिमी मजलिशपुर ग्राम पंचायत, नागरिक चार्टर-आधारित पंचायत शासन के एक मॉडल में तब्दील हो गई है । जन्म, मृत्यु, विवाह प्रमाणपत्र, व्यापार लाइसेंस, संपत्ति रिकॉर्ड और मनरेगा जॉब कार्ड जैसी सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं और हर अनुरोध की डिजिटल निगरानी की जाती है, जिससे जवाबदेही, समयबद्धता और पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।
- गुजरात की पलसाना ग्राम पंचायत ने क्यूआर/यूपीआई-आधारित संपत्ति कर भुगतान, ऑनलाइन शिकायत निवारण और पारदर्शी कल्याणकारी वितरण को सक्षम करने के लिए डिजिटल गुजरात और ग्राम सुविधा जैसे पोर्टलों को एकीकृत किया है। प्रतिवर्ष 10,000 से अधिक नागरिकों द्वारा ऑनलाइन सेवाओं का लाभ उठाना दर्शाता है कि कैसे तकनीक सीधे जीवन को आसान बनाती है।
- ओडिशा की सुआकाटी ग्राम पंचायत ने ओडिशा वन और सेवा ओडिशा प्लेटफार्मों के माध्यम से आवश्यक सेवाओं का डिजिटलीकरण किया है, जिससे नागरिकों को चौबीसों घंटे तत्क्षण ट्रैकिंग के साथ पहुंच मिल रही है। महिला नेतृत्व और समावेशी सेवा वितरण सुनिश्चित करके, यह इस बात का उदाहरण है कि कैसे तकनीक सरकार और नागरिकों के बीच की दूरी को पाटती है।
पंचायती राज मंत्रालय के सहयोग से प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) द्वारा स्थापित अपनी तरह का यह पहला सम्मान, सरकार के इस दृष्टिकोण को उजागर करता है कि सुशासन डिजिटल गवर्नेंस के माध्यम से सर्वोत्तम रूप से प्रदान किया जाता है। डीएआरपीजी, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन, जिसमें आईआईएम विशाखापत्तनम ज्ञान भागीदार के रूप में है, का विषय "विकसित भारत: सिविल सेवा और डिजिटल परिवर्तन" है। 23 सितंबर 2025 को, पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री विवेक भारद्वाज की अध्यक्षता में "ई-गवर्नेंस में ग्राम पंचायतें और जमीनी स्तर पर नवाचार" पर एक समर्पित पूर्ण सत्र आयोजित किया जाएगा, जिसमें सफलता की इन कहानियों को देश भर की पंचायतों के लिए अनुकरणीय मॉडल के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा।



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(Release ID: 2169759)