संस्कृति मंत्रालय
सेवा पर्व 2025: विकसित भारत के रंग, कला के संग
Posted On:
21 SEP 2025 8:54PM by PIB Delhi
संस्कृति मंत्रालय, 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक सेवा, रचनात्मकता और सांस्कृतिक गौरव का राष्ट्रव्यापी उत्सव मना रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के वर्ष 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण से प्रेरित इस सेवा पर्व का उद्देश्य समुदायों, संस्थाओं और व्यक्तियों को सेवा, रचनात्मकता और सांस्कृतिक गौरव के लिए एकजुट करना है।
इस सेवा पर्व के अंतर्गत 21 सितंबर 2025 को “विकसित भारत के रंग, कला के संग” विषय पर ओडिशा और तमिलनाडु के प्रमुख सांस्कृतिक संस्थानों में जीवंत कला कार्यशालाएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।
21 सितंबर 2025 को देशभर में संस्कृति मंत्रालय के विभिन्न संस्थानों में आयोजित कला कार्यशालाओं की मुख्य विशेषताएं।

कलाक्षेत्र फाउंडेशन, चेन्नई के सहयोग से तमिलनाडु के ललित कला अकादमी केंद्र में आयोजित सेवा पर्व 2025 के इस आयोजन में 2500 से अधिक छात्रों, पेशेवरों कलाकारों और कला प्रेमियों ने भाग लिया। कार्यशाला में कलाक्षेत्र फाउंडेशन के निदेशक श्री सुरेश कुमार चिक्कला, अपराध जांच शाखा–दक्षिण क्षेत्र, चेन्नई की लोक अभियोजक, श्रीमती तमिलारास, एमजीआर गवर्नमेंट फिल्म कला प्रशिक्षण संस्थान की अध्यक्ष थिरु कलैमामणि ट्रॉट्स्की मारुडु और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त भारतीय कला निर्देशक श्री थोट्टा थरानी ने भी हिस्सा लिया। श्री ए.विश्वम, श्री सुनील कुमार, श्री शिबा प्रसाद साहू, श्री जी. गुरुनाथन, श्री देवनाथन, डॉ. शेषाद्रि, श्री उमा शंकर, तथा ललित कला अकादमी चेन्नई के सचिव श्री एम. सोवन कुमार इस अवसर पर मौजूद रहे।

- ओडिशा के रघुराजपुर हेरिटेज विलेज में पूर्वी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र ईजेडसीसी द्वारा देश की सांस्कृतिक विरासत और विकसित भारत के दृष्टिकोण पर आयोजित कार्यशाला में 70 पारंपरिक महिला चित्रकारों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में उपस्थित राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं श्री दीनबंधु महापात्रा, श्री बिश्वनाथ स्वैन, श्री बिभु महापात्रा, जिला संस्कृति अधिकारी, पुरी और शिल्प गुरु श्री लिंगराज मोहराना सहित कई प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों ने प्रतिभागियों से बातचीत की और उन्हें देश की कलात्मक परंपराओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।


- ओडिशा के पुरी में उड़ीसा कॉलेज ऑफ आर्ट्स क्राफ्ट (ललित कला अकादमी क्षेत्रीय केंद्र, भुवनेश्वर द्वारा कला ग्राम और शिल्प ग्राम के सहयोग से आयोजित कार्यशाला में 120 कॉलेजों के छात्रों, कलाकारों शांतिनिकेतन के पूर्व छात्र श्री देवेंद्र दास, कला शिक्षा प्रशिक्षक श्री नृसिंहनाथ नायक और उड़ीसा कॉलेज ऑफ आर्ट सी क्राफ्ट, पुरी के प्रधानाचार्य श्री दुर्गा माधव कर सहित कई प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया।

सेवा पर्व 2025 के तहत, प्रयागराज, दमोह, कोलकाता में आयोजित स्वच्छता गतिविधियों में देशभर के संस्थान सक्रिय रूप भाग ले रहे हैं। इनमें इलाहाबाद संग्रहालय , प्रयागराज, सांस्कृतिक संसाधन एवं प्रशिक्षण केंद्र, दमोह, मध्य प्रदेश और विक्टोरिया मेमोरियल हॉल, कोलकाता आदि शामिल हैं । ये पहल न केवल स्वच्छ परिवेश सुनिश्चित कर रही हैं, बल्कि स्वच्छता ही सेवा का सबसे सच्चा रूप है, संदेश भी देती है। सभी मिलकर नागरिकों को स्वच्छ और सुंदर सार्वजनिक स्थान बनाने में योगदान देने के लिए प्रेरित कर रहे हैं तथा विकसित भारत के सपने को साकार कर रहे हैं।

डिजिटल भागीदारी
व्यापक सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय ने सेवा पर्व पोर्टल के माध्यम से डिजिटल भागीदारी को सक्षम बनाया है:
- संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत सभी संस्थान और विभिन्न राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपने कार्यक्रमों को सेवा पर्व पोर्टल https://amritkaal.nic.in/sewa-parv.htm पर अपलोड कर रहे हैं।
- सभी अपनी कलाकृतियां, तस्वीरें और रचनात्मक अभिव्यक्तियां सीधे पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं, और #SewaParv के साथ उन्हें सोशल मीडिया पर साझा कर सकते हैं।
- ब्रांडिंग और प्रचार सामग्री यहां डाउनलोड के लिए उपलब्ध हैं : गूगल ड्राइव लिंक ।
कैसे भाग लें ?
- व्यक्तिगत भागीदारी
कोई भी व्यक्ति अपनी पसंद के किसी भी माध्यम या सामग्री में "विकसित भारत के रंग, कला के संग" विषय पर कलाकृति बनाकर योगदान दे सकता है । प्रतिभागी अपनी कलाकृति की तस्वीरें यहां अपलोड कर सकते हैं: https://amritkaal.nic.in/sewa-parv-individual-participants
75 स्थानों में से किसी एक पर पेंटिंग कार्यशाला में शामिल हों
प्रतिभागी दिए गए स्थानों पर संस्कृति मंत्रालय के संबंधित 75 संस्थानों से संपर्क कर सकते हैं। स्थानों की सूची के लिए :यहां क्लिक करें
21 सितंबर 2025 के सेवा पर्व समारोह में रघुराजपुर हेरिटेज विलेज (पुरी, ओडिशा), उड़ीसा कॉलेज ऑफ आर्ट एंड क्राफ्ट (पुरी, ओडिशा), और ललित कला अकादमी क्षेत्रीय केंद्र (चेन्नई, तमिलनाडु में रघुराजपुर के पारंपरिक चित्रकारों ने भारत की जीवंत विरासत को प्रदर्शित किया, वहीं पुरी के छात्रों और कलाकारों ने युवाओं की रचनात्मक आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित किया, और चेन्नई में सेवा पर्व के सबसे बड़े आयोजन में ललित कला और सिनेमा जगत की प्रसिद्ध हस्तियों ने भाग लिया।
इन सांस्कृतिक पहलों के पूरक के रूप में, इलाहाबाद संग्रहालय (प्रयागराज, उत्तर प्रदेश), सांस्कृतिक संसाधन एवं प्रशिक्षण केंद्र, दमोह (मध्य प्रदेश), और विक्टोरिया मेमोरियल हॉल (कोलकाता, पश्चिम बंगाल) में आयोजित स्वच्छता गतिविधियों में सामूहिक ज़िम्मेदारी के रूप में स्वच्छता के महत्व पर जोर दिया गया। ये गतिविधियां मिलकर सेवा और कला के सार को मूर्त रूप देती हैं और दर्शाती हैं कि रचनात्मकता और नागरिक भागीदारी कैसे विकसित भारत@2047 की ओर भारत की यात्रा का अभिन्न अंग है।
***
पीके/केसी/जेके/एचबी
(Release ID: 2169736)