जनजातीय कार्य मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

जनजातीय कार्य मंत्रालय ने विकास अंतराल को दूर करने के लिए अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना (डीएपीएसटी) पर कार्यशाला का आयोजन किया


जन सुरक्षा एवं वित्त सलाहकार ने जनजातीय कार्य मंत्रालय की कार्यशाला में डीएपीएसटी निधि आवंटन में परिणामोन्मुखी संवाद के महत्व पर प्रकाश डाला

आदि कर्मयोगी अभियान को अपनाना: निचले स्तर से ऊपरी स्तर तक की योजना के माध्यम से जनजातीय शासन को परिवर्तित करने का एक मार्ग

जनजातीय कार्य मंत्रालय की कार्यशाला डीएपीएसटी निधियों का कुशल उपयोग, पहुंच बढ़ाने और जनजातीय उत्थान को बढ़ाने पर केंद्रित रही

Posted On: 19 SEP 2025 1:21PM by PIB Delhi

देश भर में जनजातीय समुदायों के समग्र विकास और सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध जनजातीय कार्य मंत्रालय ने 16 सितंबर 2025 को डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (डीएआईसी), जनपथ रोड, नई दिल्ली में अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना (डीएपीएसटी) की रूपरेखा पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।

जनजातीय कार्य मंत्रालय के उप महानिदेशक ने आवंटन में वृद्धि के बावजूद विकास में कमियों के बने रहने का संकेत देकर संदर्भ दिया। कार्यशाला का उद्घाटन जनजातीय कार्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव एवं वित्तीय सलाहकार ने किया, जिन्होंने बताया कि डीएपीएसटी आवंटन के परिणामोन्मुखीकरण पर संवाद क्यों महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस संबंध में व्यावहारिक चुनौतियों की ओर भी ध्यान दिलाया। जनजातीय कार्य मंत्रालय के उप महानिदेशक श्री गणेश ने आदि कर्मयोगी अभियान के महत्व और निचले स्तर की योजना के माध्यम से जनजातीय शासन में बदलाव लाने की इसकी क्षमता के बारे में बताया।

डीएपीएसटी ढांचे के अंतर्गत , शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सिंचाई, सड़क, आवास, विद्युतीकरण, रोज़गार सृजन, कौशल विकास आदि से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में फैले 41 मंत्रालयों/विभागों को , नीति आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार, अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के सामाजिक-आर्थिक विकास और उत्थान के लिए अपने कुल योजना बजट का एक निर्दिष्ट प्रतिशत ( 4.3 प्रतिशत से 17.5 प्रतिशत तक) आवंटित करना अनिवार्य है। कार्यशाला ने इन योजनाओं और कार्यक्रमों के अंतर्गत निधियों के कार्यान्वयन और प्रभावी उपयोग से संबंधित विभिन्न चुनौतियों पर गहन चर्चा के लिए एक मंच प्रदान किया।

जनजातीय कार्य मंत्रालय ने डीएपीएसटी निधियों के कुशल और परिणामोन्मुखी उपयोग की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर बल दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इच्छित लाभ देश भर की जनजातीय आबादी तक पहुँचें। भाग लेने वाले मंत्रालयों/विभागों की योजनाओं पर क्लस्टरवार ब्रेकआउट सत्रों के माध्यम से विस्तार से चर्चा की गई, जिसमें पहुँच बढ़ाने और व्यापक जनजातीय आबादी को कवर करने के लिए दायरा बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

भारत सरकार द्वारा घोषित जनजातीय गौरव वर्ष ( 15 नवंबर 2024 से 15 नवंबर 2025 तक) के संदर्भ में , मंत्रालय ने आदि कर्मयोगी अभियान शुरू किया है - एक अग्रणी उत्तरदायी शासन मिशन जिसका उद्देश्य दुनिया का सबसे बड़ा जमीनी स्तर का आदिवासी नेतृत्व कार्यक्रम विकसित करना है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में शुरू की गई इस प्रमुख पहल से संबंधित मंत्रालयों को भी परिचित कराया गया ताकि उन्हें इसके उद्देश्यों और अपेक्षित प्रभावों के बारे में जागरूक किया जा सके।

ग्राम परिकल्पना अभ्यास से ग्राम स्तर पर कमियों का आकलन करने और जनजातीय समुदाय की आवश्यकताओं को सूक्ष्म स्तर पर मूर्त रूप देने में मदद मिलेगी। इन वीएपी (ग्राम कार्य योजनाओं) को संबंधित मंत्रालय की विशिष्ट डीएपीएसटी योजना के साथ जोड़ा जा सकता है और डीएपीएसटी निधियों के माध्यम से विशिष्ट जनजातीय आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु इन योजनाओं को पुनः डिज़ाइन करते समय इनका उपयोग किया जा सकता है।

ऐसे लक्षित प्रयासों के माध्यम से, जनजातीय कार्य मंत्रालय जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाने, समावेशी विकास को बढ़ावा देने तथा यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है कि विकास का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।

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पीके/केसी/एजे/एनजे


(Release ID: 2168438)
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