शिक्षा मंत्रालय
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शिक्षा मंत्रालय विशेष अभियान 5.0 के लिए तैयार

Posted On: 17 SEP 2025 6:33PM by PIB Delhi

उच्च शिक्षा विभाग (डीओएचई), शिक्षा मंत्रालय, 2 अक्तूबर से 31 अक्तूबर 2025 तक भारत सरकार द्वारा आयोजित विशेष अभियान 5.0 में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए तैयार है। विशेष अभियान 5.0 का उद्देश्य स्वायत्त संगठनों सहित सभी कार्यालयों में स्वच्छता को बढ़ावा देना, सरकारी कार्यालयों की स्वच्छता को बढ़ाकर, समग्र कार्यस्थल के माहौल में सुधार करना और कार्यालयों तथा केंद्रीय वित्त पोषित उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) में लंबित मामलों को कम करना है।

इस संबंध में, उच्च शिक्षा सचिव डॉ. विनीत जोशी ने 12.09.2025 को हाइब्रिड मोड में एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें 170 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। इसमें केंद्रीय वित्त पोषित संस्थानों के प्रमुख/संकायाध्यक्ष, यूजीसी, एआईसीटीई और डीओएचई के अधिकारी शामिल थे, जिससे इस अवधि के दौरान विशेष अभियान 5.0 की सफलता सुनिश्चित करने तथा पिछले अभियानों की उपलब्धियों से आगे निकलने और एक स्वच्छ, अधिक संगठित तथा उत्तरदायी सरकार में योगदान करने के लिए सक्रिय कदम उठाए जा सकें।

विशेष अभियान 5.0 दो चरणों में चलेगा: 15 सितंबर से 30 सितंबर 2025 तक प्रारंभिक चरण, उसके बाद 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2025 तक कार्यान्वयन चरण। केंद्र द्वारा वित्तपोषित संस्थानों, यूजीसी, एआईसीटीई के प्रमुखों/संकायाध्यक्षों और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से अनुरोध किया गया है कि वे प्रारंभिक चरण के दौरान विशिष्ट लक्ष्य निर्धारित करें, लंबित मामलों की पहचान करें और स्वच्छता एवं स्थान प्रबंधन के प्रमुख क्षेत्रों की रूपरेखा तैयार करें। अभिलेख प्रबंधन, पुरानी सामग्री के निपटान, ई-कचरे और कार्यालयों के सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

कार्यान्वयन चरण में सांसदों के संदर्भ, प्रधानमंत्री कार्यालय और अंतर-मंत्रालयी पत्र-व्यवहार, जन शिकायतें और संसदीय आश्वासन आदि सहित लंबित मामलों के निपटारे पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। भाग लेने वाले कार्यालयों को दैनिक आधार पर अपनी प्रगति की रिपोर्ट देनी होगी। इस अभियान का उद्देश्य #SpecialCampaign5.0  हैशटैग का उपयोग करके सोशल मीडिया के माध्यम से स्थायित्व को बढ़ावा देना और अधिक से अधिक जनभागीदारी को बढ़ावा देना है। उच्च शिक्षा विभाग उच्च लक्ष्य निर्धारित करके और स्वच्छता, अभिलेख प्रबंधन तथा लंबित मामलों को कम करने के अपने प्रयासों का विस्तार करके विशेष अभियान 5.0 को और अधिक सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस वर्ष के अभियान का उद्देश्य कार्यालयों की दक्षता में सुधार करके, डिजिटलीकरण के प्रयासों को बढ़ावा देकर और ई-कचरे तथा पुराने अभिलेखों के निपटान में तेजी लाकर विशेष अभियान 4.0 के कीर्तिमान से आगे निकलना है।

पिछले वर्ष विशेष अभियान (एससीडीपीएम 4.0) के दौरान, उच्च शिक्षा विभाग ने लंबित मामलों को संबोधित करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए और देश भर में लगभग 1,094 अभियान स्थलों को सफलतापूर्वक कवर किया।

पिछले वर्ष के अभियान के दौरान उल्लेखनीय उपलब्धियाँ इस प्रकार थीं:

लोक शिकायतें: लगभग 84% लोक शिकायतों का समाधान किया गया, 665 मामलों में से 564 का निपटारा किया गया।

लोक शिकायत अपील: अपील के चरण में लगभग 81% लोक शिकायतों का समाधान किया गया, 138 मामलों में से 112 मामलों का निपटारा किया गया।

अभिलेख प्रबंधन: 1,62,302 से अधिक भौतिक फाइलों की समीक्षा की गई, जिनमें से 99,750 फाइलों की छंटनी कर इन्हें हटा दिया गया। इसके अलावा, 31,168 ई-फाइलें समीक्षा के लिए प्रस्तुत की गईं, जिनमें से 7,773 फाइलों की समीक्षा की गई और 4528 फाइलों को पूरा करके निपटा दिया गया।

स्थान का इष्टतम उपयोग: इसके तहत उच्च शिक्षा संस्थानों, एआईसीटीई और यूजीसी द्वारा रिपोर्ट किया गया स्थान लगभग 3.46 लाख वर्ग फुट है, जो कुशल स्थान प्रबंधन में योगदान देता है।

राजस्व सृजन: उच्च शिक्षा संस्थानों, एआईसीटीई और यूजीसी से लगभग 1.91 करोड़ रुपये का राजस्व सृजन हुआ।

सर्वोत्तम पद्धति और नवीन स्थायित्व प्रयास: उच्च शिक्षा विभाग और केंद्रीय वित्त पोषित उच्च शिक्षा संस्थान नवीन पहलों के माध्यम से स्थायित्व को बढ़ावा देते हैं: शास्त्री भवन में भित्ति चित्र पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देते हैं, केंद्रीय विश्वविद्यालय जम्मू और त्रिपुरा विश्वविद्यालय में वर्मीकंपोस्टिंग के माध्यम से जैविक अपशिष्ट पुनर्चक्रण, एनआईटी सिलचर में पर्यावरण अनुकूल शिल्प, एनआईटी जमशेदपुर में एक विंटेज पार्क स्थायी पुनर्उपयोग तथा और भी बहुत कुछ प्रदर्शित करते हैं।

इनमें से कई पहलों को 23.12.2024 को आयोजित "सुशासन पद्धतियों पर कार्यशाला" में भी  प्रदर्शित किया गया था। मुख्य अंशों में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा पर्यावरण संबंधी भित्ति चित्र, एनआईटी सिलचर में ई-कचरे का पुन: उपयोग तथा परिसर का सौंदर्यीकरण, और राजीव गांधी विश्वविद्यालय द्वारा बेकार बोतलों से बनाई गई एक पोशाक शामिल थीं।

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पीके/केसी/पीके


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