कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
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केंद्रीय राज्‍य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की अध्‍यक्षता में नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में 10.09.2025 को 14वीं पेंशन अदालत का आयोजन किया गया


लंबे समय से लंबित 894 अति वरिष्ठ एवं पारिवारिक पेंशन शिकायतों के निवारण हेतु ली गई सफलता की कहानियां

पारिवार के पेंशनभोगियों के लिए शिकायतों का तेजी से समाधान सुनिश्चित करने और उनकी गरिमा तथा वित्तीय सुरक्षा बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध

Posted On: 11 SEP 2025 5:03PM by PIB Delhi

नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 10.09.2025 को आयोजित 14वीं पेंशन अदालत का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय राज्‍य मंत्री (पीपी) डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस पहल की सराहना की। उन्‍होंने कहा कि पेंशन अदालत का आयोजन सम्‍पूर्ण शासन दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिसमें सभी संबंधित विभागों को एक मंच पर लाकर शिकायतों के त्‍वरित और प्रभावी निवारण की व्‍यवस्‍था की गई है। उन्होंने उल्‍लेख किया कि इस पहल ने न केवल शिकायत निवारण की गति तेज की है, बल्कि पेंशनभोगियों को समाज में सक्रिय योगदानकर्ता के रूप में मान्‍यता देते हुए सरकार की प्रतिबद्धता को भी सुदृढ़ किया है।


इस पेंशन अदालत में रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, रेल मंत्रालय, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, नागर विमानन मंत्रालय, विदेश मंत्रालय आदि से संबंधित 21 मंत्रालयों/ विभागों की 894 पारिवारिक पेंशन संबंधी शिकायतों को निवारण हेतु लिया गया। इनमें से 652 शिकायतों का समाधान तत्‍काल कर दिया गया, जो इस पहल की दक्षता और पेंशनभोगियों को समयबद्ध न्याय प्रदान करने की क्षमता को रेखांकित करता है।

10 सितम्‍बर 2025 को आयोजित अदालत में कई दिल छू लेने वाली सफलता की कहानियां सामने आईं। पेंशनभोगियों द्वारा झेले गए संघर्षों और पेंशन अदालत की व्यवस्था ने उन्हें उनके लंबे समय से लंबित उचित बकाया को प्राप्‍त करने में कैसे सक्षम बनाया, इसकी सराहना करने के लिए मामलों के कुछ उद्धरण नीचे दिए गए हैं।

श्रीमती मेवला देवी

श्रीमती मेवाला देवी, कल्याणपुर, उत्तर प्रदेश की एक 65 वर्षीय विधवा हैं। उनके पति, स्वर्गीय श्री बद्री प्रसाद, 31 मार्च, 2017 को फील्ड गन फैक्ट्री, कानपुर से सेवानिवृत्त हुए थे। शिकायत उनकी ग्रेच्युटी के भुगतान न होने से संबंधित थी, जो 20 सितंबर, 2020 को उनकी मृत्यु के बाद से लंबित थी। अदालत में रक्षा मंत्रालय के सीजीडीए और पीसीडीए कार्यालय द्वारा बताया गया कि इस मुद्दे का समाधान कर दिया गया है और 8.75 लाख रुपये के पेंशन बकाया का भुगतान कर दिया गया है।

श्रीमती गिर्राजी देवी

उत्तर प्रदेश निवासी 84 वर्षीय श्रीमती गिर्राजी देवी स्वर्गीय श्री हरबीर सिंह की पत्नी हैं, जो 30/09/1992 को 523 जीआरईएफ, असम रंगपुरा से सेवानिवृत्त हुए थे। यह शिकायत 80 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद अतिरिक्त पेंशन का भुगतान न होने से संबंधित है, जो फरवरी 2021 से लंबित है। भारतीय स्टेट बैंक, जहां यह मामला लंबित था, ने आश्वासन दिया है कि उनके मामले का समाधान हो गया है और उन्हें 1.38 लाख रुपये की बकाया राशि का भुगतान जल्द से जल्द कर दिया जाएगा।

श्री सोहन सिंह

श्री सोहन सिंह राजस्थान के एक पूर्व सिपाही हैं, जो 1 जनवरी, 2006 से 31 अगस्त, 2023 तक की अवधि के बकाया बकाया राशि जमा करने का अनुरोध कर रहे हैं। रक्षा मंत्रालय के सीजीडीए और पीसीडीए कार्यालय द्वारा अदालत में बताया गया कि उनके मामले का समाधान हो गया है। यह उल्‍लेख किया गया कि उनके पेंशन बकाया के साथ-साथ 4.41 लाख रुपये के अतिरिक्त पेंशन बकाया को संसाधित किया गया है और जल्द से जल्द उनके बैंक खाते में जमा किया जाएगा।

सुश्री कटारा सरलाबेन शकराभाई

सुश्री कटारा सरलाबेन शकराभाई गुजरात की एक अविवाहित बेटी हैं, जो 2022 से अपने पिता की पारिवारिक पेंशन स्वीकृत होने की प्रतीक्षा कर रही थीं। पशुपालन और डेयरी विभाग से यह पता चला है कि सुश्री कटारा सरलाबेन शकराभाई के संबंध में 16.05.2022 से 31.07.2025 की अवधि के लिए 5,18,095/- रुपये की पारिवारिक पेंशन की बकाया राशि स्वीकृत कर दी गई है और जल्द से जल्द उनके खाते में जमा कर दी जाएगी।

श्रीमती सरोजा

श्रीमती सरोजा सिपाही माल्यान की विधवा हैं। उनकी शिकायत बैंक के नाम में गड़बड़ी की थी। इस त्रुटि के कारण उनकी पेंशन चार महीने से ज़्यादा समय तक विलंबित रही। अदालत में रक्षा मंत्रालय के सीजीडीए और पीसीडीए कार्यालय ने बताया कि विसंगतियों को ठीक कर दिया गया है और 8,61,163/- रुपये की पेंशन बकाया राशि उनके खाते में जमा कर दी गई है। उनकी मासिक पारिवारिक पेंशन भी फिर से शुरू कर दी गई है।

श्रीमती हरबीरी देवी

श्रीमती हरबीरी देवी अपने दिवंगत पति के 1 मार्च, 2007 से 14 फ़रवरी, 2019 तक की अवधि के लिए आजीवन बकाया (एलटीए) और 15 फ़रवरी, 2019 से 14 फ़रवरी, 2024 तक की बढ़ी हुई दर वाली पारिवारिक पेंशन के भुगतान का अनुरोध कर रही थीं। उनके बैंक ने एक भुगतान न होने का प्रमाण पत्र जारी किया था, जिसमें पुष्टि की गई थी कि खाते के विवरण में विसंगति और बाद में एसपीएआरएसएच में माइग्रेशन के कारण इन बकायों का कभी भुगतान नहीं किया गया। अदालत में रक्षा मंत्रालय के सीजीडीए और पीसीडीए कार्यालय द्वारा बताया गया कि उनके खाते में विसंगतियों को ठीक कर दिया गया है और 7,24,308/- रुपये की बकाया राशि को उनके बैंक खाते में भुगतान के लिए संसाधित किया गया है।

जी. चित्रा

श्रीमती जी. चित्रा, स्वर्गीय ऑनररि नायब सूबेदार पी. गुणशेखरन की पत्नी हैं। उनके पति की पेंशन बकाया राशि लंबित थी। पिछले छह महीनों में कई शिकायतों के बावजूद मामला अनसुलझा रहा। अदालत में रक्षा मंत्रालय के सीजीडीए और पीसीडीए कार्यालय द्वारा बताया गया कि आजीवन बकाया और पारिवारिक पेंशन की 7,45,067/- रुपये की राशि उनके बैंक खाते में जमा करने के लिए संसाधित कर ली गई है।

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