कोयला मंत्रालय
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कोल इंडिया लिमिटेड और एनएसटीएफडीसी ने एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के माध्यम से आदिवासी छात्रों को सशक्त बनाने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

Posted On: 09 SEP 2025 9:52PM by PIB Delhi

आदिवासी छात्रों के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कोयला मंत्रालय के अंतर्गत कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) और जनजातीय कार्य मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम ( एनएसटीएफडीसी) ने एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) में नामांकित आदिवासी छात्रों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह बुधवार को राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली में केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी और केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओरांव की गरिमामयी उपस्थिति में आयोजित किया गया।

"डिजिटल पहुंच, करियर मेंटरशिप, मासिक धर्म स्वच्छता और शिक्षक क्षमता निर्माण के माध्यम से ईएमआरएस में आदिवासी छात्रों का सशक्तिकरण" नामक परियोजना का उद्देश्य भारत में आदिवासी युवाओं के उत्थान के लिए शिक्षा, प्रौद्योगिकी और समग्र विकास की शक्ति का उपयोग करना है। परियोजना के प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं:

  • डिजिटल शिक्षा: डिजिटल पहुंच बढ़ाने के लिए डेस्कटॉप, यूपीएस और टैबलेट का वितरण
  • कैरियर मेंटरशिप: जनजातीय छात्रों को कैरियर विकल्प चुनने में मार्गदर्शन देने के लिए संरचित कार्यक्रम
  • मासिक धर्म स्वच्छता: छात्राओं के स्वास्थ्य और सम्मान को बढ़ावा देने के लिए सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीनों और भस्मक मशीनों की स्थापना

केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने अपने संबोधन में खनन क्षेत्रों के आसपास के आदिवासी समुदायों की शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका में व्याप्त कमियों को दूर करने में कोल इंडिया लिमिटेड के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि विकसित भारत का सपना तभी साकार हो सकता है जब आदिवासी समुदायों का उत्थान होगा। मंत्री ने आदिवासी कल्याण के लिए समग्र सरकारी दृष्टिकोण के प्रति कोयला मंत्रालय की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। श्री रेड्डी ने बताया कि एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच के साथ एक आधुनिक, सशक्त पीढ़ी तैयार करने की दिशा में एक आधारभूत कदम हैं। उन्होंने कहा कि इस सहयोग से स्कूल मजबूत होंगे और आदिवासी छात्रों को लाभ होगा।

केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री श्री जुएल ओरांव ने इस अवसर पर बोलते हुए सीआईएल की पहल और समर्थन का स्वागत किया और विश्वास व्यक्त किया कि जनजातीय शिक्षा और विकास के लिए और अधिक कंपनियां समर्पित सीएसआर समर्थन के साथ आगे आएंगी।

कोल इंडिया लिमिटेड के निदेशक (मानव संसाधन) श्री विनय रंजन ने अपने संबोधन में दोहराया कि कोयला मंत्रालय के तत्वावधान में कोल इंडिया लिमिटेड कोयला उत्पादन से आगे बढ़कर कोयला-उत्पादक क्षेत्रों में सामाजिक विकास में सक्रिय योगदान देकर राष्ट्र निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास और महिला सशक्तिकरण पर कोल इंडिया लिमिटेड के कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) कार्यक्रमों के परिवर्तनकारी प्रभाव पर प्रकाश डाला और इस बात पर बल दिया कि कैसे ईएमआरएस और एनएसटीएफडीसी जैसी संस्थाओं के साथ साझेदारी आदिवासी युवाओं के लिए स्थायी अवसर पैदा करती है।

कोयला मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव सुश्री रूपिंदर बरार ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर को सफल बनाने में शामिल सभी हितधारकों की सराहना की। उन्होंने सीआईएल, जनजातीय कार्य मंत्रालय और अन्य सरकारी एजेंसियों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों के महत्व पर बल दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सीएसआर पहल आदिवासी छात्रों तक प्रभावी रूप से पहुंचें। सुश्री बरार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ऐसी साझेदारियां समावेशी विकास के दृष्टिकोण का उदाहरण हैं जहां हाशिए पर पड़े समुदायों का उत्थान एक साझा ज़िम्मेदारी बन जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर तो बस एक शुरुआत है और सभी संबंधित पक्षों को सफल कार्यान्वयन और निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना होगा।

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पीके/केसी/पीसी/एनजे


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