संचार मंत्रालय
भारतीय दूरसंचार सेवा की अप्रैल-जून, 2025 तिमाही की प्रदर्शन संकेतक रिपोर्ट
Posted On:
03 SEP 2025 3:48PM by PIB Delhi
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने आज, 30 जून, 2025 को समाप्त तिमाही की भारतीय दूरसंचार सेवा प्रदर्शन संकेतक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट भारत में दूरसंचार सेवाओं का एक व्यापक परिदृश्य प्रदान करती है और 1 अप्रैल, 2025 से 30 जून, 2025 तक की अवधि के दौरान भारत में दूरसंचार सेवाओं के साथ ही केबल टीवी, डीटीएच और रेडियो प्रसारण सेवाओं के प्रमुख मापदंडों और विकास के रुझान प्रस्तुत करती है, जो मुख्यतः सेवा प्रदाताओं द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर संकलित है।
रिपोर्ट का कार्यकारी सारांश संलग्न है। पूरी रिपोर्ट ट्राई की वेबसाइट (www.trai.gov.in और http://www.trai.gov.in/release-publication/reports/performance-indicators-reports) पर उपलब्ध है। रिपोर्ट से संबंधित किसी भी सुझाव या स्पष्टीकरण के लिए, ट्राई के सलाहकार (वित्त एवं आर्थिक) श्री विजय कुमार से फ़ोन नंबर + 91-20907773 और ईमेल: advfea1@trai.gov.in पर संपर्क किया जा सकता है।
भारतीय दूरसंचार सेवा प्रदर्शन संकेतक
अप्रैल-जून, 2025
कार्यकारी सारांश
- इंटरनेट उपभोक्ताओं की कुल संख्या मार्च, 2025 के अंत में 969.10 मिलियन से बढ़कर जून, 2025 के अंत में 1002.85 मिलियन हो गई, जो तिमाही आधार पर 3.48 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाती है। 1002.85 मिलियन इंटरनेट उपभोक्ताओं में से, वायर्ड इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या 44.71 मिलियन और वायरलेस इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या 958.14 मिलियन है।
इंटरनेट उपभोक्ता संरचना

- इंटरनेट उपभोक्ता आधार में 979.71 मिलियन ब्रॉडबैंड इंटरनेट उपभोक्ता आधार और 23.14 मिलियन नैरोबैंड इंटरनेट उपभोक्ता आधार शामिल हैं।
- ब्रॉडबैंड इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या मार्च, 2025 के अंत में 944.12 मिलियन से 3.77 प्रतिशत बढ़कर जून, 2025 के अंत में 979.71 मिलियन हो गई। नैरोबैंड इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या मार्च, 2025 के अंत में 24.98 मिलियन से घटकर जून, 2025 के अंत में 23.14 मिलियन रह गई।
- वायरलाइन उपभोक्ताओं की संख्या मार्च-25 के अंत में 37.04 मिलियन से बढ़कर जून-25 के अंत में 47.49 मिलियन हो गई, जिसमें तिमाही वृद्धि दर 28.20 प्रतिशत रही। वर्ष-दर-वर्ष आधार पर वायरलाइन उपभोक्ताओं की संख्या में जून-25 की तिमाही के अंत में 35.26 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई।
- वायरलाइन टेली-घनत्व मार्च, 2025 के अंत में 2.62 प्रतिशत से बढ़कर जून, 2025 के अंत में 3.36 प्रतिशत हो गया, जिसमें तिमाही वृद्धि दर 27.92 प्रतिशत रही।
- वायरलेस सेवा के लिए मासिक औसत राजस्व प्रति उपयोगकर्ता (एआरपीयू) 2 प्रतिशत बढ़कर, मार्च-25 तिमाही में 182.95 रुपये से जून-25 तिमाही में 186.62 रुपये हो गया। वर्ष-दर-वर्ष आधार पर, इस तिमाही में वायरलेस सेवा के लिए मासिक एआरपीयू में 18.52 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
- जून-2025 तिमाही में प्री-पेड सेगमेंट के लिए प्रति माह एआरपीयू 187 रुपये और पोस्ट-पेड सेगमेंट के लिए प्रति माह एआरपीयू 182.72 रुपये है।
- जून-25 तिमाही में अखिल भारतीय औसत पर, प्रति माह समग्र एमओयू 1.93 प्रतिशत घटकर तिमाही-अंतरराष्ट्रीय मार्च-25 में 1026 से 1006 हो गया।
- जून-25 तिमाही में प्रति ग्राहक प्रीपेड एमओयू 1055 है तथा प्रति ग्राहक प्रति माह पोस्टपेड एमओयू 503 है।
- जून, 25 तिमाही में दूरसंचार सेवा क्षेत्र का सकल राजस्व (जीआर), लागू सकल राजस्व (एपीजीआर) और समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) क्रमशः 96,646 करोड़ रुपये, 92,250 करोड़ रुपये और 81,325 करोड़ रुपये रहा। पिछली तिमाही की तुलना में जून, 25 तिमाही में जीआर में 1.63 प्रतिशत और एपीजीआर में 0.40 प्रतिशत की कमी आई, जबकि एजीआर में 2.65 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
- पिछले वर्ष की इसी तिमाही की तुलना में जून-25 की तिमाही में जीआर, एपीजीआर और एजीआर में वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि दर क्रमशः 12.34 प्रतिशत, 11.03 प्रतिशत और 15.26 प्रतिशत रही है।
- पास-थ्रू शुल्क (वे शुल्क, जिन्हें एक कंपनी किसी तीसरे पक्ष द्वारा लिए गए शुल्क को अपने ग्राहक पर डाल देती है) मार्च-25 तिमाही में 12,982 करोड़ रुपये से घटकर जून-25 तिमाही में 10,457 करोड़ रुपये हो गए, जिसमें तिमाही दर से 19.45 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। जून-25 तिमाही में पास-थ्रू शुल्क में वर्ष-दर-वर्ष 16.75 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
- लाइसेंस शुल्क मार्च-25 तिमाही के 6,340 करोड़ रुपये से बढ़कर जून-25 तिमाही के लिए 6,506 करोड़ रुपये हो गया। इस तिमाही में लाइसेंस शुल्क में तिमाही और वार्षिक वृद्धि दर क्रमशः 2.63 प्रतिशत और 15.25 प्रतिशत रही।
समायोजित सकल राजस्व की सेवा-वार संरचना

- 25 जून, 2020 को समाप्त तिमाही में दूरसंचार सेवाओं के कुल समायोजित सकल राजस्व में एक्सेस सेवाओं का योगदान 83.62 प्रतिशत रहा। एक्सेस सेवाओं में, सकल राजस्व (जीआर), लागू सकल राजस्व (एपीजीआर), समायोजित सकल राजस्व (एजीआर), लाइसेंस शुल्क, स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) और पास-थ्रू शुल्क में क्रमशः -2.56 प्रतिशत, -1.10 प्रतिशत, 2.16 प्रतिशत, 2.15 प्रतिशत, 0.54 प्रतिशत और -23.02 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
- भारत में कुल टेलीफोन उपभोक्ताओं की संख्या मार्च-25 के अंत में 1,200.80 मिलियन से बढ़कर जून-25 के अंत में 1,218.36 मिलियन हो गई, जो पिछली तिमाही की तुलना में 1.46 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाती है। पिछले वर्ष की इसी तिमाही की तुलना में यह वर्ष-दर-वर्ष 1.06 प्रतिशत की वृद्धि दर दिखाता है। भारत में कुल दूरसंचार घनत्व मार्च-25 की तिमाही के 85.04 प्रतिशत से बढ़कर जून-25 की तिमाही में 86.09 प्रतिशत हो गया।
भारत में टेलीफोन उपभोक्ताओं और दूरसंचार घनत्व का रुझान

- शहरी क्षेत्रों में टेलीफोन उपभोक्ताओं की संख्या मार्च, 2025 के अंत में 666.11 मिलियन से बढ़कर जून, 2025 के अंत में 679.86 मिलियन हो गई तथा इसी अवधि में शहरी दूरसंचार घनत्व भी 131.45 प्रतिशत से बढ़कर 133.56 प्रतिशत पहुंच गया।
- ग्रामीण टेलीफोन उपभोक्ताओं की संख्या मार्च, 2025 के अंत में 534.69 मिलियन से बढ़कर जून, 2025 के अंत में 538.50 मिलियन हो गई और इसी अवधि में ग्रामीण दूरसंचार घनत्व भी 59.06 प्रतिशत से बढ़कर 59.43 प्रतिशत पहुंच गया।
- कुल उपभोक्ता सदस्यता में ग्रामीण सदस्यता का हिस्सा मार्च, 2025 के अंत में 44.53 प्रतिशत से घटकर जून, 2025 के अंत में 44.20 प्रतिशत रह गया।
टेलीफोन उपभोक्ताओं की संरचना

- तिमाही के दौरान 7.12 मिलियन उपभोक्ताओं की शुद्ध वृद्धि के साथ, कुल वायरलेस (मोबाइल+5जी फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस) ग्राहक आधार मार्च, 2025 के अंत में 1163.76 मिलियन से बढ़कर जून, 2025 के अंत में 1170.88 मिलियन हो गया, जो पिछली तिमाही की तुलना में 0.61 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। वर्ष-दर-वर्ष आधार पर, वायरलेस सदस्यता में वर्ष के दौरान 0.03 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई।
- वायरलेस (मोबाइल+5जी फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस) टेली-घनत्व मार्च, 2025 के अंत में 82.42 प्रतिशत से बढ़कर जून, 2025 के अंत में 82.74 प्रतिशत हो गया, जिसमें तिमाही वृद्धि दर 0.39 प्रतिशत रही।
- तिमाही के दौरान 6.04 मिलियन उपभोक्ताओं की शुद्ध वृद्धि के साथ, वायरलेस (मोबाइल) उपभोक्ताओं की संख्या मार्च, 2025 के अंत में 1156.99 मिलियन से बढ़कर जून, 2025 के अंत में 1163.03 मिलियन हो गई, जो पिछली तिमाही की तुलना में 0.52 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाता है। वर्ष-दर-वर्ष आधार पर, वायरलेस उपभोक्ताओं की संख्या में 0.64 प्रतिशत की दर से कमी आई।
- वायरलेस (मोबाइल) टेली-घनत्व मार्च, 2025 के अंत में 81.94 प्रतिशत से बढ़कर जून, 2025 के अंत में 82.18 प्रतिशत हो गया, जिसमें तिमाही वृद्धि दर 0.30 प्रतिशत रही।
- इस तिमाही में सभी लाइसेंस प्राप्त सेवा क्षेत्र (एलएसए) में वायरलाइन सेवा प्रदाताओं द्वारा दूरसंचार नेटवर्क प्रदर्शन गुणवत्ता मानक के निम्नलिखित मापदंडों का पूरी तरह अनुपालन किया गया:-
क्र.सं.
|
मापदंड
|
मानक
|
1
|
इंटरकनेक्शन बिंदु संकुलन (90वां प्रतिशतक मान)
|
≤ 0.5 प्रतिशत
|
2
|
कॉल सेंटर/ग्राहक सेवा पहुंच
|
≥ 95 प्रतिशत
|
3
|
ऑपरेटरों द्वारा 90 सेकंड के भीतर उत्तर दिए गए कॉलों का प्रतिशत (वॉयस टू वॉयस)
|
≥ 95 प्रतिशत
|
- इस तिमाही के दौरान, सभी लाइसेंस प्राप्त सेवा क्षेत्र में सभी एक्सेस सर्विस (वायरलेस) प्रदाताओं द्वारा पूर्णतः अनुपालन किए गए गुणवत्ता सेवा मापदंडों की सूची: -
क्र.सं.
|
मापदंड
|
मानक
|
1
|
कार्यशील वर्किंग सेल्स (ऐसा भौगोलिक क्षेत्र, जिसे स्थिर ट्रांसीवर (बेस स्टेशन) कवर करता है, और यह मोबाइल फोन व अन्य उपकरणों को वायरलेस सिग्नल प्रदान करता है) प्रतिशत के लिए सेवा प्रदाता की वेबसाइट पर सेवावार भू-स्थानिक कवरेज मानचित्र की उपलब्धता
|
>=99 प्रतिशत
|
2
|
संचयी डाउनटाइम (सेल सेवा के लिए उपलब्ध नहीं हैं)
|
<=2 प्रतिशत
|
3
|
प्राधिकरण को सूचित किए गए महत्वपूर्ण नेटवर्क आउटेज (किसी जिले में 4 घंटे से अधिक समय तक सेवाएं उपलब्ध न होना) का प्रतिशत
|
शत-प्रतिशत
|
4
|
इंटरकनेक्शन बिंदु (पीओवाई) संकुलन (90वां प्रतिशतक मान)
|
<=0.5 प्रतिशत
|
5
|
सर्किट स्विच्ड (2जी/3जी) नेटवर्क के लिए डेटा कवरेज अनुपात (डीसीआर) स्थानिक वितरण माप (सीएस क्यूएसडी (88, 88))
|
<=2 प्रतिशत
|
6
|
पैकेट स्विच्ड नेटवर्क (4जी/5जी और उससे आगे) के लिए डाउनलिंक पैकेट ड्रॉप दर (डीएलपीडीआर क्यूएसडी (88, 88))
|
<=2 प्रतिशत
|
7
|
पैकेट स्विच्ड नेटवर्क (4जी/5जी और उससे आगे) के लिए अपलिंक पैकेट ड्रॉप दर (यूएलपीडीआर क्यूएसडी (88, 88))
|
<=2 प्रतिशत
|
8
|
विलंबता (4जी और 5जी नेटवर्क में)
|
<=75 मिसे
|
9
|
पैकेट ड्रॉप दर (4जी और 5जी नेटवर्क में)
|
<3 प्रतिशत
|
10
|
बिलिंग और चार्जिंग संबंधी शिकायतें
|
<=0.1 प्रतिशत
|
11
|
चार सप्ताह के भीतर बिलिंग/चार्जिंग शिकायतों का समाधान
|
शत-प्रतिशत
|
12
|
बिलिंग और चार्जिंग संबंधी शिकायतों के समाधान या दोषों के सुधार या महत्वपूर्ण नेटवर्क आउटेज के सुधार की तिथि से एक सप्ताह के भीतर ग्राहक के खाते में समायोजन का आवेदन, जैसा भी लागू हो
|
शत-प्रतिशत
|
13
|
कॉल सेंटर/ग्राहक सेवा की पहुंच
|
>=95 प्रतिशत
|
14
|
ग्राहक से अनुरोध प्राप्त होने के सात कार्य दिवसों के भीतर सेवा की समाप्ति/बंद करना
|
शत-प्रतिशत
|
15
|
सेवा बंद होने या सेवा प्रदान न करने के 45 दिनों के भीतर जमा राशि वापस करना
|
|
- सभी सेवा क्षेत्रों में सभी ब्रॉडबैंड (वायरलाइन) सेवा प्रदाताओं द्वारा पूर्णतः अनुपालन किए जाने वाले सेवा गुणवत्ता मापदंडों की सूची: -
क्र. सं.
|
मापदंड
|
मानक
|
1.
|
ग्राहक द्वारा मांग पत्र के भुगतान के 7 कार्य दिवसों के भीतर सेवा का प्रावधान
|
≥ 98 प्रतिशत
|
2.
|
विलंब
|
≤ 50 मिसे
|
3.
|
पैकेट ड्रॉप दर
|
≤ 1 प्रतिशत
|
4.
|
आईएसपी गेटवे नोड [इंट्रा-नेटवर्क] या इंटरनेट एक्सचेंज पॉइंट लिंक(ओं) को सेवा प्रदान करने वाले किसी भी ग्राहक नोड का अधिकतम बैंडविड्थ उपयोग
|
≤ 80 प्रतिशत
|
5.
|
डेटा पैकेट को नेटवर्क पर भेजे जाने और प्राप्त होने के बीच समय की देरी में भिन्नता या उतार-चढ़ाव
|
≤ 40एमएस
|
6.
|
कॉल सेंटर/ग्राहक सेवा की पहुंच
|
≥ 95 प्रतिशत
|
- सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा लगभग 912 निजी सैटेलाइट टीवी चैनलों को केवल अपलिंकिंग/केवल डाउनलिंकिंग/अपलिंकिंग एवं डाउनलिंकिंग दोनों के लिए अनुमति दी गई है।
- संशोधित टैरिफ आदेश दिनांक 3 मार्च 2017 के अनुसरण में प्रसारकों द्वारा दी गई सूचना के अनुसार, भारत में डाउनलिंकिंग के लिए उपलब्ध 902 अनुमति प्राप्त सैटेलाइट टीवी चैनलों में से 30 जून, 2025 तक 333 सैटेलाइट पे टीवी चैनल हैं। 333 पे चैनलों में से 232 एसडी सैटेलाइट पे टीवी चैनल हैं और 101 एचडी सैटेलाइट पे टीवी चैनल हैं।
- 30 जून 2025 की तिमाही के दौरान देश में 4 पे डीटीएच सेवा प्रदाता हैं।
- पे डीटीएच के कुल सक्रिय उपभोक्ताओं की संख्या लगभग 56.07 मिलियन पहुंच गई है। यह डीडी फ्री डिश (दूरदर्शन की निशुल्क डीटीएच सेवा) के उपभोक्ताओं के अतिरिक्त है। कुल सक्रिय उपभोक्ताओं की संख्या मार्च 2025 को समाप्त तिमाही में 56.92 मिलियन से घटकर जून 2025 को समाप्त तिमाही में 56.07 मिलियन रह गई है।
- भारत के लोक प्रसारक, ऑल इंडिया रेडियो द्वारा संचालित रेडियो चैनलों के अलावा, एफएम रेडियो ऑपरेटरों द्वारा ट्राई को दिए गए आंकड़ों के अनुसार, 31 मार्च 2025 तक, 113 शहरों में 33 निजी एफएम रेडियो ऑपरेटरों द्वारा संचालित 388 निजी एफएम रेडियो चैनल कार्यरत थे। 30 जून 2025 को समाप्त तिमाही के दौरान , उदय एफएम प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित एक चैनल का काल रेडियो लिमिटेड में विलय किया गया। अब, जून 2025 तक, 113 शहरों में 32 निजी एफएम रेडियो ऑपरेटरों द्वारा संचालित 388 निजी एफएम रेडियो चैनल कार्यरत हैं।
- 388 निजी एफएम रेडियो चैनलों के संबंध में एफएम रेडियो ऑपरेटरों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 30 जून 2025 को समाप्त तिमाही के दौरान विज्ञापन राजस्व 383.14 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछली तिमाही 31 मार्च 2025 में 388 निजी एफएम रेडियो चैनलों का विज्ञापन राजस्व 466.63 करोड़ रुपये था।
- 30 जून, 2025 तक 540 सामुदायिक रेडियो स्टेशन संचालित हैं।
स्नैपशॉट
(30 जून, 2025 तक के आंकड़े)
|
दूरसंचार ग्राहक (वायरलेस+वायरलाइन)
|
कुल ग्राहक
|
1218.36 मिलियन
|
पिछली तिमाही की तुलना में प्रतिशत परिवर्तन
|
1.46 प्रतिशत
|
शहरी ग्राहक
|
679.86 मिलियन
|
ग्रामीण ग्राहक
|
538.50 मिलियन
|
निजी ऑपरेटरों की बाजार हिस्सेदारी
|
91.73 प्रतिशत
|
सार्वजनिक क्षेत्र की संचार सेवा प्रदाता कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी
|
8.27 प्रतिशत
|
टेली घनत्व
|
86.09 प्रतिशत
|
शहरी दूरसंचार घनत्व
|
133.56 प्रतिशत
|
ग्रामीण दूरसंचार घनत्व
|
59.43 प्रतिशत
|
वायरलेस (मोबाइल+5जी एफडब्ल्यूए) ग्राहक
|
वायरलेस (मोबाइल) ग्राहक
|
1,163.03 मिलियन
|
वायरलेस (5जी एफडब्ल्यूए) ग्राहक
|
7.85 मिलियन
|
कुल वायरलेस ग्राहक
|
1,170.88 मिलियन
|
पिछली तिमाही की तुलना में प्रतिशत बदलाव
|
0.61 प्रतिशत
|
शहरी ग्राहक
|
637.87 मिलियन
|
ग्रामीण ग्राहक
|
533 मिलियन
|
निजी ऑपरेटरों की बाजार हिस्सेदारी
|
92.25 प्रतिशत
|
सार्वजनिक क्षेत्र की संचार सेवा प्रदाता कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी
|
7.75 प्रतिशत
|
टेली घनत्व
|
82.74 प्रतिशत
|
शहरी दूरसंचार घनत्व
|
125.31 प्रतिशत
|
ग्रामीण दूरसंचार घनत्व
|
58.82 प्रतिशत
|
तिमाही के दौरान कुल वायरलेस डेटा उपयोग
|
65,009 पीबी
|
सार्वजनिक मोबाइल रेडियो ट्रंक सेवाओं (पीएमआरटीएस) की संख्या
|
65,450
|
अत्यंत छोटे एपर्चर टर्मिनलों (वीसैट) की संख्या
|
2,36,039
|
वायरलाइन उपभोक्ता
|
कुल वायरलाइन ग्राहक
|
47.49 मिलियन
|
पिछली तिमाही की तुलना में प्रतिशत परिवर्तन
|
28.20 प्रतिशत
|
शहरी ग्राहक
|
41.99 मिलियन
|
ग्रामीण ग्राहक
|
5.50 मिलियन
|
सार्वजनिक क्षेत्र की संचार सेवा प्रदाता कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी
|
21.04 प्रतिशत
|
निजी ऑपरेटरों की बाजार हिस्सेदारी
|
78.96 प्रतिशत
|
टेली घनत्व
|
3.36 प्रतिशत
|
ग्रामीण दूरसंचार घनत्व
|
0.61 प्रतिशत
|
शहरी दूरसंचार घनत्व
|
8.25 प्रतिशत
|
पब्लिक कॉल ऑफिस (पीसीओ) की संख्या
|
7,901
|
दूरसंचार वित्तीय डेटा
|
तिमाही के दौरान सकल राजस्व (जीआर)
|
96,646 करोड़ रुपये
|
पिछली तिमाही की तुलना में जीआर में प्रतिशत परिवर्तन
|
-1.63 प्रतिशत
|
तिमाही के दौरान लागू सकल राजस्व (एपीजीआर)
|
92,250 करोड़ रुपये
|
पिछली तिमाही की तुलना में एपीजीआर में प्रतिशत परिवर्तन
|
-0.40 प्रतिशत
|
तिमाही के दौरान समायोजित सकल राजस्व (एजीआर)
|
81,325 करोड़ रुपये
|
पिछली तिमाही की तुलना में एजीआर में प्रतिशत परिवर्तन
|
2.65 प्रतिशत
|
एक्सेस एजीआर में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की हिस्सेदारी
|
3.11 प्रतिशत
|
इंटरनेट/ब्रॉडबैंड ग्राहक
|
कुल इंटरनेट उपभोक्ता
|
1002.85 मिलियन
|
पिछली तिमाही की तुलना में प्रतिशत परिवर्तन
|
3.48 प्रतिशत
|
नैरोबैंड उपभोक्ता
|
23.14 मिलियन
|
ब्रॉडबैंड उपभोक्ता
|
979.71 मिलियन
|
वायर्ड इंटरनेट उपभोक्ता
|
44.71 मिलियन
|
वायरलेस इंटरनेट उपभोक्ता
|
958.14 मिलियन
|
शहरी इंटरनेट उपभोक्ता
|
579.46 मिलियन
|
ग्रामीण इंटरनेट उपभोक्ता
|
423.39 मिलियन
|
प्रति 100 जनसंख्या पर कुल इंटरनेट उपभोक्ता
|
70.87 मिलियन
|
प्रति 100 जनसंख्या पर शहरी इंटरनेट उपभोक्ता
|
113.83 मिलियन
|
प्रति 100 जनसंख्या पर ग्रामीण इंटरनेट उपभोक्ता
|
46.73 मिलियन
|
इंटरनेट टेलीफोनी के लिए उपयोग के कुल आउटगोइंग मिनट
|
69.65 मिलियन
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सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्पॉट की संख्या
|
55,185 मिलियन
|
वाई-फाई हॉटस्पॉट के लिए कुल डेटा खपत (टीबी)
|
13,281 मिलियन
|
प्रसारण और केबल सेवाएँ
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सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा केवल अपलिंकिंग/केवल डाउनलिंकिंग/अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग दोनों के लिए अनुमति प्राप्त निजी उपग्रह टीवी चैनलों की संख्या
|
912
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प्रसारकों द्वारा पे टीवी चैनलों की संख्या की सूचना
|
333
|
निजी एफएम रेडियो स्टेशनों की संख्या (आकाशवाणी को छोड़कर)
|
388
|
पे डीटीएच ऑपरेटरों के साथ कुल सक्रिय उपभोक्ताओं की संख्या
|
56.07 मिलियन
|
परिचालित सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की संख्या
|
540
|
भुगतान युक्त डीटीएच ऑपरेटरों की संख्या
|
4
|
राजस्व और उपयोग मानदंड
|
वायरलेस सेवा का मासिक प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (एआरपीयू)
|
186.62 रूपये
|
प्रति माह प्रति ग्राहक उपयोग के मिनट (एमओयू) - वायरलेस सेवा
|
1006
|
वायरलेस डेटा उपयोग
|
प्रति वायरलेस डेटा उपभोक्ता प्रति माह औसत वायरलेस डेटा उपयोग
|
24.01 जीबी
|
तिमाही के दौरान वायरलेस डेटा उपयोग में प्रति गीगाबाइट (जीबी) औसत राजस्व प्राप्ति
|
8.51 रुपये
|
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पीके/केसी/एकेवी/एसके
(Release ID: 2163470)
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