पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
वैश्विक शक्तियां भारत के साथ समुद्री साझेदारी चाहती हैं; राजदूतों ने श्री सर्बानंद सोनोवाल के साथ निवेश और नीली अर्थव्यवस्था पर चर्चा की
श्री सर्बानंद सोनोवाल ने राजदूत सम्मेलन में 1 ट्रिलियन डॉलर के समुद्री निवेश का रोडमैप पेश किया
28 वैश्विक दूतों ने भारत समुद्री सप्ताह के लिए सरकार-उद्योग साझेदारी का समर्थन किया
"बंदरगाहों से लेकर ग्रीन हाइड्रोजन केंद्रों तक, भारत वैश्विक समुद्री साझेदारी के लिए द्वार खोल रहा है:" श्री सर्बानंद सोनोवाल
Posted On:
27 AUG 2025 9:27PM by PIB Delhi
पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय (एमओपीएसडब्लू) ने आज दिल्ली में राजदूतों की गोलमेज बैठक की मेजबानी की। इसमें 28 देशों के राजदूतों के साथ-साथ वरिष्ठ अधिकारियों, उद्योग जगत के दिग्गजों और बहुपक्षीय प्रतिनिधियों ने मुंबई में 27-31 अक्टूबर को आयोजित होने वाले भारत समुद्री सप्ताह (आईएमडब्लू) 2025 से पहले सहयोग पर चर्चा की।
पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में वैश्विक समुद्री व्यापार, सतत नौवहन और ब्लू इकोनॉमी में भारत की बढ़ती भूमिका पर जोर दिया गया। श्री सोनोवाल ने वैश्विक साझेदारों से भारत को निवेश और नवाचार के केंद्र के रूप में देखने का आग्रह किया और सरकार के एक ट्रिलियन डॉलर के समुद्री निवेश रोडमैप के बारे में बताया।
केंद्रीय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने उपस्थित जनसमूह से कहा, "प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन के तहत भारत की समुद्री यात्रा एक नए अध्याय में प्रवेश कर रही है। मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 और मैरीटाइम अमृत काल विजन 2047 जैसी परिवर्तनकारी पहलों के साथ, हमारे बंदरगाह, शिपिंग और लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम अधिक लचीला, टिकाऊ और भविष्य के लिए तैयार हो रहा है। "
श्री सर्बानंद सोनोवाल ने भारत के समुद्री क्षेत्र में अवसरों को रेखांकित करते हुए कहा, "प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के गतिशील नेतृत्व में, हम अपने बंदरगाहों, नौवहन और लॉजिस्टिक्स इको-सिस्टम को एक लचीले, टिकाऊ और भविष्य के लिए तैयार बनाने के लिए काम कर रहे हैं, और इससे अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के व्यापक अवसर खुलते हैं। ये अवसर एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के समुद्री निवेश रोडमैप को खोलते हैं, जिसमें बंदरगाहों और कार्गो टर्मिनल संचालन, मल्टी-मॉडल टर्मिनल, समुद्री सेवाओं, जहाज निर्माण, जहाज पुनर्चक्रण और जहाज मरम्मत, हरित हाइड्रोजन हब और टिकाऊ शिपिंग समाधानों के विकास में संयुक्त उद्यमों की प्रबल संभावना है।"
पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग राज्य मंत्री श्री शांतनु ठाकुर ने भी सत्र को संबोधित किया। उन्होंने बंदरगाह आधुनिकीकरण, अंतर्देशीय जलमार्ग विस्तार तथा ग्रीन एवं डिजिटल शिपिंग में सुधारों पर जोर दिया तथा निजी क्षेत्र की अधिक भागीदारी का आग्रह किया।
श्री शांतनु ठाकुर ने कहा, "हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अक्सर इस बात पर ज़ोर दिया है कि 'बंदरगाह केवल समृद्धि के द्वार नहीं हैं, बल्कि भारत के भविष्य के द्वार हैं।' इसी दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, भारत अपने समुद्री क्षेत्र का आधुनिकीकरण कर रहा है ताकि यह राष्ट्र निर्माण, प्रौद्योगिकी अपनाने और सतत विकास का एक स्तंभ बन सके। जैसे-जैसे दुनिया इस क्षमता को समझ रही है, भारत समुद्री निवेश और साझेदारी में उल्लेखनीय गति से विकास कर रहा है। वैश्विक कंपनियां जहाज निर्माण, बंदरगाह आधुनिकीकरण, स्मार्ट लॉजिस्टिक्स और ग्रीन शिपिंग में भारतीय समकक्षों के साथ हाथ मिला रही हैं। इस प्रगति के केंद्र में तकनीक है। एआई-संचालित लॉजिस्टिक्स, डिजिटल बंदरगाह संचालन और स्वचालन हमारे बंदरगाहों को अधिक कुशल और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना रहे हैं।"
जल संसाधन मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री आर. लक्ष्मणन द्वारा एक क्षेत्रीय प्रस्तुति में, वधावन पोर्ट, गैलेथिया बे ट्रांसशिपमेंट पोर्ट और टूना टेकरा टर्मिनल जैसी मेगा परियोजनाओं में अवसरों के साथ-साथ ग्रीन हाइड्रोजन हब, एलएनजी बंकरिंग, जहाज निर्माण, जहाज रीसाइक्लिंग और समुद्री औद्योगिक पार्कों में निवेश के अवसरों के बारे में बताया गया।
विचार-विमर्श भारत की प्रमुख समुद्री प्राथमिकताओं पर केंद्रित रहा, जिसमें जहाज निर्माण क्षमता को मज़बूत करना और बंदरगाह-आधारित विकास को बढ़ावा देना शामिल था ताकि देश को एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित किया जा सके। प्रतिनिधियों ने समुद्री अर्थव्यवस्था के दायरे पर भी प्रकाश डाला और समुद्री संसाधनों के ज़िम्मेदार उपयोग के माध्यम से सतत विकास और आजीविका पर ज़ोर दिया। चर्चाओं में दक्षता और पारदर्शिता में सुधार के लिए समुद्री रसद में डिजिटलीकरण पर ज़ोर दिया गया। साथ ही हाइड्रोजन-संचालित और कम उत्सर्जन वाले जहाजों के माध्यम से ग्रीन शिपिंग में बदलाव को तेज़ करने की आवश्यकता पर भी ज़ोर दिया गया। समुद्री वित्तपोषण को बढ़ावा देने में आईएफएससी-जीआईएफटी सिटी की भूमिका को वैश्विक निवेश आकर्षित करने और इस क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के एक प्रमुख प्रवर्तक के रूप में रेखांकित किया गया।
राजदूतों ने सरकार के सुधारों का स्वागत किया। इनमें पांच नए कानून, बिल ऑफ लैडिंग एक्ट, कैरिज ऑफ गुड्स बाई सी एक्ट, मर्चेंट शिपिंग एक्ट, कोस्टल शिपिंग एक्ट और इंडियन पोर्ट्स एक्ट शामिल हैं। ये नए कानून औपनिवेशिक युग के कानूनों की जगह लेते हैं और भारत के ढांचे को वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ जोड़ते हैं।
श्री सोनोवाल ने कहा, "आईएमडब्ल्यू 2025 एक ऐसा मंच होगा जहां विचारों को परियोजनाओं में और प्रतिबद्धताओं को साझेदारियों में बदला जा सकेगा। भारत एक समृद्ध, टिकाऊ और समावेशी समुद्री भविष्य की दिशा में सहयोग और नेतृत्व के लिए तैयार है।"
गोलमेज सम्मेलन के परिणामों को आईएमडब्ल्यू 2025 में एकीकृत किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि द्विवार्षिक प्रमुख आयोजन वैश्विक हितधारक प्राथमिकताओं को संबोधित करेगा।
भारत समुद्री सप्ताह 2025 :
भारत समुद्री सप्ताह, समुद्री मंत्रालय का द्विवार्षिक प्रमुख मंच है जो नीति निर्माताओं, निवेशकों और विचारकों को भारतीय बंदरगाहों और रसद के भविष्य को आकार देने के लिए एक साथ लाता है। वर्ष 2025 का इसका संस्करण 27-31 अक्टूबर 2025 तक मुंबई के नेस्को प्रदर्शनी केंद्र में आयोजित किया जाएगा। इसमें बुनियादी ढांचे, लोगों और भविष्य के लिए तैयार नवाचार के माध्यम से भारत के समुद्री विकास के बारे में विस्तार से बताया जाएगा।
अधिक जानकारी के लिए देखें: www.imw.org.in



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