विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
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संसद प्रश्न: प्रेरित अनुसंधान के लिए विज्ञान खोज में नवाचार

Posted On: 21 AUG 2025 6:11PM by PIB Delhi

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की प्रेरित अनुसंधान के लिए विज्ञान खोज में नवाचार (इंस्पायर) योजना का उद्देश्य मेधावी युवाओं को कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर प्राथमिक और प्राकृतिक विज्ञानों का अध्ययन करने के लिए आकर्षित करना तथा इंजीनियरिंग, कृषि, पशु चिकित्सा विज्ञान और चिकित्सा सहित मौलिक और अनुप्रयुक्त विज्ञान क्षेत्रों में अनुसंधान करियर बनाने के लिए प्रेरित करना है। इसका अंतिम लक्ष्य देश के अनुसंधान एवं विकास आधार का विस्तार करना है।

इंस्पायर योजना के घटक - उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति (एसएचई) - का उद्देश्य छात्रवृत्ति और मार्गदर्शन सहायता प्रदान करके विज्ञान-प्रधान उच्च शिक्षा कार्यक्रमों में प्रतिभाशाली युवाओं की भागीदारी को बढ़ाना है। यह योजना प्राथमिक और प्राकृतिक विज्ञानों में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर की शिक्षा प्राप्त करने के लिए 80,000 रुपये प्रति वर्ष की दर से, पाँच वर्ष की अवधि के लिए 12,000 छात्रवृत्तियाँ प्रदान करती है। ये छात्रवृत्तियाँ 17-22 वर्ष की आयु वर्ग में शीर्ष 1% प्रतिभाशाली युवाओं को प्रदान की जाती हैं, जिनकी पहचान केंद्रीय और राज्य शिक्षा बोर्ड के आंकड़ों के आधार पर की जाते है।

इंस्पायर योजना के इंस्पायर फ़ेलोशिप घटक का उद्देश्य राष्ट्रीय महत्व के विश्वविद्यालय/शैक्षणिक संस्थान जैसे आईआईटी, एनआईटी, आईआईएसईआर स्तर की परीक्षा में इंजीनियरिंग, कृषि, पशु चिकित्सा विज्ञान और चिकित्सा सहित मौलिक और अनुप्रयुक्त विज्ञान में 22-27 वर्ष की आयु वर्ग के एम.एससी. प्रथम रैंक धारकों को फ़ेलोशिप प्रदान करना है, साथ ही एम.एससी. स्तर पर कुल मिलाकर 70% अंक प्राप्त करने वाले इंस्पायर स्कॉलर्स को भी फेलोशिप प्रदान करना है जो देश के किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय/शैक्षणिक संस्थान के पीएचडी कार्यक्रम में प्रवेश के लिए पात्र हैं। ये फेलोशिप अधिकतम पाँच वर्षों के लिए मान्य हैं, दो वर्ष जूनियर रिसर्च फेलोशिप के रूप में (37,000 रुपये प्रति माह + एचआरए + 20,000 रुपये प्रति वर्ष का आकस्मिक अनुदान) और तीन वर्ष सीनियर रिसर्च फेलोशिप के रूप में (42,000 रुपये प्रति माह + एचआरए + 20,000 रुपये प्रति वर्ष का आकस्मिक अनुदान) या पीएचडी पूरी होने तक, जो भी पहले हो, ताकि पूर्णकालिक पीएचडी कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जा सके। प्रति वर्ष अधिकतम 1000 इंस्पायर फेलोशिप मान्य हैं।

इंस्पायर फैकल्टी फेलोशिप घटक का उद्देश्य 27-32 वर्ष (अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/महिला उम्मीदवारों के लिए ऊपरी आयु सीमा 37 वर्ष और मानक विकलांगता वाले व्यक्तियों के लिए 42 वर्ष है) आयु वर्ग के पोस्ट-डॉक्टरल शोधकर्ताओं को पाँच वर्षों की अवधि के लिए, मौलिक और अनुप्रयुक्त विज्ञानों, जैसे इंजीनियरिंग, कृषि, पशु चिकित्सा विज्ञान और चिकित्सा, में अवसर प्रदान करना है। पीएचडी डिग्री धारक और मजबूत शैक्षणिक और शोध ट्रैक रिकॉर्ड वाले आवेदकों पर प्रतिस्पर्धी आधार पर विचार किया जाता है। यह फेलोशिप पाँच वर्षों की अवधि के लिए 1,25,000 रुपये प्रति माह का समेकित पारिश्रमिक, 2,000 रुपये की वार्षिक वृद्धि और 7 लाख रुपये प्रति वर्ष का शोध अनुदान प्रदान करती है। प्रति वर्ष अधिकतम 150 इंस्पायर फैकल्टी फेलोशिप मान्य हैं।

वर्तमान में, इंस्पायर स्कॉलर्स, इंस्पायर फेलो और इंस्पायर फैकल्टी फेलो की संख्या क्रमशः 49582, 3263 और 427 है।

2020 में 100 से 2024 में 150 तक फैकल्टी फ़ेलोशिप की संख्या में वृद्धि ने युवा शोधकर्ताओं को काफ़ी प्रोत्साहित किया है, यह इस बात से प्रतिबिंबित होता है कि आवेदनों की संख्या 2020 के 2,007 से बढ़कर 2024 में 2,753 हो गयी है। पोस्टडॉक्टरल फ़ेलोशिप का विस्तार भी अधिक युवा शोधकर्ताओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी में शोध करियर बनाने में सक्षम बना रहा है, जिससे देश का अनुसंधान इकोसिस्टम मज़बूत हो रहा है।

इस वर्ष, इंस्पायर –मानक (राष्ट्रीय आकांक्षा और ज्ञान को बढ़ाने वाले लाखों दिमाग / मिलियन माइंड्स ऑगमेंटिंग नेशनल एस्पिरेशन एंड नॉलेज) योजना के 54 राष्ट्रीय विजेताओं ने सकुरा साइंस हाई स्कूल प्रोग्राम में भाग लिया और 15 से 21 जून 2025 तक जापान का दौरा किया।

यह जानकारी आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने दी।

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पीके/केसी/जेके/एसएस  


(Release ID: 2159435)
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