जल शक्ति मंत्रालय
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नल से जल मिशन

Posted On: 21 AUG 2025 3:48PM by PIB Delhi

भारत सरकार अगस्त 2019 से ही राज्यों के साथ साझेदारी में, पूर्ववर्ती राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम (एनआरडीडब्ल्यूपी) को सम्मलित करने के बाद जल जीवन मिशन (जेजेएम) - हर घर जल को क्रियान्वित कर रही है। इसका उद्देश्य नियमित और दीर्घकालिक आधार पर निर्धारित गुणवत्ता (बीआईएस: 10500) के साथ 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रति दिन (एलपीसीडी) के सेवा स्तर पर नल जल के कनेक्शन के माध्यम से प्रत्येक ग्रामीण परिवार को पीने योग्य पानी उपलब्ध कराना है।

जल जीवन मिशन की घोषणा के समय, 3.23 करोड़ (17 प्रतिशत) ग्रामीण घरों में नल के पानी के कनेक्शन होने की सूचना थी। अब तक, जैसा कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा 18.08.2025 तक सूचना दी गई है, लगभग 12.45 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण घरों को नल के पानी के कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। इस प्रकार, 18.08.2025 तक, देश के लगभग 5.86 लाख गांवों में, 19.36 करोड़ ग्रामीण घरों में से, लगभग 5.82 लाख गाँवों में फैले लगभग 15.69 करोड़ (81.02 प्रतिशत) घरों में नल के पानी की आपूर्ति होने की सूचना है। इसके अतिरिक्त, 18.08.2025 तक, 2.63 लाख से अधिक गांवों को 'हर घर जल' के रूप में सूचित किया गया है, अर्थात 100 प्रतिशत  ग्रामीण घरों में नल जल की आपूर्ति है। राज्य/केंद्र शासित प्रदेश-वार विवरण सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध हैं और जेजेएम-आईएमआईएस के माध्यम से सुलभ हैं:

https://ejalshakti.gov.in/JJM/JJMReports/Physical/Rpt_JJM_VillageWisePWSReport.aspx

इसके अतिरिक्त, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने सूचित किया है कि भारत सरकार विभिन्न योजनाओं/मिशनों जैसे कि अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) और अमृत 2.0 के माध्यम से राज्यों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करती है।

केंद्र सरकार ने 25 जून, 2015 को देश के सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 500 शहरों (15 विलय किए गए शहरों सहित 485 शहर) के लिए अटल कायाकल्प एवं शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) की शुरुआत की थी। इस मिशन के प्रमुख क्षेत्रों में जल आपूर्ति, सीवरेज एवं सेप्टेज प्रबंधन, वर्षा जल निकासी, हरित क्षेत्र एवं पार्क, गैर-मोटर चालित शहरी परिवहन शामिल थे।

अमृत ​​के अंतर्गत, 43,392.15 करोड़ रुपये की लागत वाली 1,405 जल आपूर्ति परियोजनाओं का शिलान्यास किया जा चुका है। अमृत मिशन के अंतर्गत, राज्यों के साथ समन्वय में, 139 लाख के लक्ष्य के मुकाबले 189 लाख जल नल कनेक्शन (नए/सर्विस्ड) प्रदान किए जा चुके हैं।

कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन (अमृत) 2.0 योजना 01 अक्टूबर 2021 को सभी शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी)/शहरों में शुरू की गई, जिससे शहर 'आत्मनिर्भर' और 'जल सुरक्षित' बन सकें। 500 अमृत शहरों में सीवरेज और सेप्टेज प्रबंधन की सार्वभौमिक कवरेज प्रदान करना, अमृत 2.0 के प्रमुख फोकस क्षेत्रों में से एक है। जल निकायों का कायाकल्प, हरित स्थानों और पार्कों का विकास मिशन के अन्य घटक हैं। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को कुल केंद्रीय सहायता मिशन की शुरुआत में पूरी मिशन अवधि के लिए आवंटित की गई थी, न कि वार्षिक आधार पर। अमृत 2.0 के तहत अब तक आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा 1,18,421.92 करोड़ रुपये की 3,571 जलापूर्ति परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। स्वीकृत परियोजनाओं में 178 लाख नए जल नल कनेक्शन शामिल हैं।

पेयजल राज्य का विषय होने के कारण, जल जीवन मिशन के अंतर्गत पेयजल आपूर्ति योजनाओं की योजना, अनुमोदन, कार्यान्वयन, प्रचालन और रखरखाव का उत्तरदायित्व राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों का है। भारत सरकार तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करके राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों के प्रयासों में सहायता करती है। मिशन के अंतर्गत अब तक की वित्तीय प्रगति का वर्षवार विवरण इस प्रकार है:

(राशि करोड़ रुपये में)

 

वर्ष

बजट अनुमान

संशोधित अनुमान

वास्तविक व्यय

रिपोर्ट किया गया उपयोग (केंद्र + राज्य)

2019-2020

10,000.66

10,000.66

10,000.44

10,074.28

2020-2021

11,500.00

11,000.00

10,999.94

20,449.96

2021-2022

50,011.00

45,011.00

40,125.64

43,551.85

2022-2023

60,000.00

55,000.00

54,839.79

92,339.73

2023-2024

70,000.00

70,000.00

69,992.37

1,55,979.20

2024-2025

70,162.90

22,694.00#

22,638.44

92,600.89

 

#कुल उपयोग 2,08,652 करोड़ रुपये के स्वीकृत केंद्रीय परिव्यय तक सीमित स्रोत: जेजेएम-आईएमआईएस/पीएफएमएस

 

पूरे देश में जेजेएम की योजना बनाने और उसे क्रियान्वित करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जिनमें राज्यों /केंद्र शासित प्रदेशों की परिपूर्णता योजनाओं और वार्षिक कार्य योजनाओं (एएपी) पर संयुक्त चर्चा और उन्हें अंतिम रूप देना, कार्यान्वयन की नियमित समीक्षा, क्षमता निर्माण के लिए कार्यशालाएं/सम्मेलन/वेबिनार, प्रशिक्षण, ज्ञान साझा करना, तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए बहु-विषयक टीम द्वारा क्षेत्र का दौरा आदि शामिल हैं। जेजेएम के कार्यान्वयन के लिए एक विस्तृत प्रचालनगत दिशानिर्देश; ग्रामीण घरों में सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लिए ग्राम पंचायतों और वीडब्ल्यूएससी के लिए मार्गदर्शिका और आंगनवाड़ी केंद्रों में पाइप से जलापूर्ति प्रदान करने के लिए एक विशेष अभियान पर दिशानिर्देश।

जल जीवन मिशन की प्रभावी योजना और कार्यान्वयन को सुगम बनाने के लिए आश्रमशालाओं और विद्यालयें की जानकारी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझा की गई है। ऑनलाइन निगरानी के लिए, जेजेएम-एकीकृत प्रबंधन सूचना प्रणाली (आईएमआईएस) और जेजेएम-डैशबोर्ड स्थापित किए गए हैं। सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के माध्यम से पारदर्शी ऑनलाइन वित्तीय प्रबंधन का भी प्रावधान किया गया है।

दीर्घकालिक स्थिरता और नागरिक केंद्रित जल सेवा वितरण के लिए बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता और ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजनाओं के संचालन एवं रखरखाव पर ध्यान केंद्रित करते हुए मिशन के निरंतर कार्यान्वयन के माध्यम से 100 प्रतिशत कवरेज प्राप्त करने के लिए, वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण 2025-26 के दौरान कुल परिव्यय में वृद्धि के साथ जल जीवन मिशन को 2028 तक बढ़ाने की घोषणा की है। 2025-26 में मिशन के सुचारू और त्वरीत कार्यान्वयन के लिए, बजट अनुमान 2025-26 के अनुसार 67,000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।

जल शक्ति राज्य मंत्री श्री वी. सोमन्ना ने आज लोक सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी

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