जनजातीय कार्य मंत्रालय
छात्राओं के लिए जनजाति-विशिष्ट छात्रवृत्ति योजना
Posted On:
21 AUG 2025 3:49PM by PIB Delhi
आज श्री गणेश सिंह के अतारांकित प्रश्न का उत्तर देते हुए केन्द्रीय जनजातीय कार्य राज्यमंत्री श्री दुर्गादास उइके ने लोकसभा को बताया कि जनजातीय कार्य मंत्रालय देश में जनजातीय लड़कियों और मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र जैसे दूरदराज के क्षेत्रों सहित अनुसूचित जनजाति की आबादी के बीच प्रारंभिक और उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने और प्रोत्साहित करने के लिए निम्नलिखित छात्रवृत्ति योजनाएं क्रियान्वित कर रहा है:-
- अजजा छात्रों के लिए मैट्रिक-पूर्व छात्रवृत्ति (कक्षा IX और X)
- अजजा छात्रों के लिए मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति (कक्षा XI और उससे ऊपर)
- अजजा छात्रों के लिए उच्चतर शिक्षा हेतु राष्ट्रीय अध्येतावृत्ति
- अजजा छात्रों के लिए उच्चतर शिक्षा हेतु राष्ट्रीय छात्रवृत्ति (शीर्ष श्रेणी)
- अजजा छात्रों के लिए राष्ट्रीय समुद्रपारीय छात्रवृत्ति
उपर्युक्त योजनाओं में से, क्रम संख्या (i) से (ii) तक की छात्रवृत्ति योजनाएँ केंद्र प्रायोजित योजनाएँ हैं और संबंधित राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश के माध्यम से कार्यान्वित की जाती हैं। मैट्रिक-पूर्व एवं मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति योजनाएँ दोनों ही खुली (ओपन एंडेड) योजनाएँ हैं, जिनमें 9वीं कक्षा से लेकर स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों तक की पढ़ाई के लिए बालिकाओं सहित सभी पात्र विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी जाती है, जिनके माता-पिता की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से अधिक नहीं है।
आवेदन आमंत्रित करना, सत्यापन, लाभार्थियों का चयन और छात्रवृत्ति राशि का वितरण संबंधित राज्य/संघ राज्यक्षेत्र की ज़िम्मेदारी है। जनजातीय कार्य मंत्रालय, राज्यों/संघ राज्यक्षेत्रों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों और वित्तीय एवं वास्तविक प्रगति की जाँच के आधार पर उन्हें केंद्रीय अंशदान राशि जारी करता है। राज्य सरकारें/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन सभी पात्र अनुसूचित जनजाति छात्रों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से छात्रवृत्ति राशि वितरित करते हैं।
क्रम संख्या (iii) पर राष्ट्रीय अध्येतावृत्ति योजना जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा पूर्णतः वित्तपोषित एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जिसका उद्देश्य मेधावी अनुसूचित जनजाति के छात्रों को मास्टर डिग्री पूरी करने के बाद भारत में पीएचडी करने हेतु अध्येतावृत्ति प्रदान करना है। प्रति वर्ष पीएचडी के लिए नई अध्येतावृत्तियों की कुल संख्या 750 है। 36 वर्ष की आयु तक मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक प्राप्त करने वाले अनुसूचित जनजाति के छात्र इस योजना के अंतर्गत अध्येतावृत्ति के लिए आवेदन करने के पात्र हैं। अध्येतावृत्ति का मूल्य यूजीसी दरों के बराबर है। इस योजना के अंतर्गत 30% स्थान (अर्थात कुल 750 में से 225) महिलाओं के लिए आरक्षित है।
क्रम संख्या (iv) पर राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा पूर्णतः वित्तपोषित एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है। इस योजना के अंतर्गत, प्रबंधन, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, सूचना प्रौद्योगिकी, विधि आदि जैसे व्यावसायिक क्षेत्रों में चयनित शीर्ष सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों में स्नातक/स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के अध्ययन के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। सभी अनुसूचित जनजाति के छात्र, जिनके माता-पिता की वार्षिक आय 6 लाख रुपये से अधिक नहीं है और जो मंत्रालय द्वारा अधिसूचित 265 संस्थानों में अध्ययन कर रहे हैं, छात्रवृत्ति प्राप्त करने के पात्र हैं। यह एक खुली योजना है जिसमें सभी पात्र अनुसूचित जनजाति की छात्राएँ शामिल हैं।
क्रम संख्या (v) पर राष्ट्रीय समुद्रपारीय छात्रवृत्ति योजना जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा पूर्णतः वित्तपोषित एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जिसके अंतर्गत मेधावी अनुसूचित जनजाति (एसटी) के छात्रों को विदेशों में शीर्ष 1000 (नवीनतम ओएस विश्व रैंकिंग के अनुसार) संस्थानों/विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। यह योजना विदेश मंत्रालय के विदेश स्थित भारतीय दूतावासों/मिशनों के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है। प्रति वर्ष बीस छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं। इस योजना के अंतर्गत अजजा छात्र जिनकी पारिवारिक आय 6 लाख रुपये वार्षिक से अधिक नहीं है, छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने के पात्र हैं। इस योजना के अंतर्गत 30% स्थान (अर्थात कुल 20 में से 6) महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।
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(Release ID: 2159121)