आयुष
सीसीआरएएस और डब्ल्यूएचओ (एसईएआरओ) ने मुंबई में हर्बल दवाओं के लिए डब्ल्यूएचओ-जीएमपी पर क्षेत्रीय कार्यशाला आयोजित की
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि हर्बल औषधियों के लिए उत्तम विनिर्माण पद्धतियों पर 4 दिवसीय प्रशिक्षण में शामिल हुए
आयुष मंत्रालय ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से हर्बल औषधि विकास में गुणवत्ता मानकों को आगे बढ़ाया
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधियों ने जीएमपी मानकों के तहत गुणवत्तापूर्ण हर्बल औषधियों के उत्पादन में भारत के नेतृत्व को उजागर किया
Posted On:
19 AUG 2025 8:22PM by PIB Delhi
आयुष मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) ने विश्व स्वास्थ्य संगठन-दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्रीय कार्यालय (डब्ल्यूएचओ-एसईएआरओ) के सहयोग से हर्बल दवाओं के लिए डब्ल्यूएचओ के अच्छे विनिर्माण प्रथाओं (जीएमपी) पर चार दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन किया। यह कार्यशाला 19-22 अगस्त 2025 तक मुंबई के आरआरएपी- केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान (आरआरएपी-सीएआरआई) में आयोजित की जा रही है।
कार्यशाला का उद्घाटन सीसीआरएएस के महानिदेशक प्रो. रबीनारायण आचार्य; डब्ल्यूएचओ (एसईएआरओ) के तकनीकी अधिकारी डॉ. पवन गोदटवार और इमामी (भारत) के पूर्व निदेशक डॉ. सीके कटियार ने सीसीआरएएस, डब्ल्यूएचओ, पीसीआईएम&एच और आरआरएपी-सीएआरआई के अधिकारियों की उपस्थिति में किया। डब्ल्यूएचओ-एसईएआरओ की प्रभारी अधिकारी डॉ. कैथरीना बोहेम ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से उपस्थित लोगों को संबोधित किया
कार्यशाला में भूटान, थाईलैंड, श्रीलंका और नेपाल सहित दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के लगभग 19 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि और भारतीय प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। इस चार दिवसीय कार्यशाला का उद्देश्य विविध तकनीकी सत्रों में जीएमपी/जीएलपी के विशेषज्ञों द्वारा छह मॉड्यूल पर व्याख्यान देना है। विशेषज्ञ पैनल में भारत सरकार के सीडीएससीओ के पूर्व उप-उपायुक्त डॉ. सुदीप्त डे और भारत सरकार के आईसीएमआर के पूर्व निदेशक डॉ. सत्यव्रत मैती सहित प्रख्यात वैज्ञानिक और अधिकारी शामिल हैं। हर्बल दवाओं की दो विश्व स्वास्थ्य संगठन-जीएमपी प्रमाणित फार्मास्युटिकल इकाइयों और सिलवासा, दमन स्थित इमामी और गुजरात के अंबाच स्थित झंडू एफएचसी फार्मों का भी दौरा करने की योजना है।
अपने उद्घाटन भाषण में, विश्व स्वास्थ्य संगठन के तकनीकी अधिकारी डॉ. पवन गोदटवार ने कहा कि यह कार्यशाला दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र के देशों में जीएमपी विनिर्माण इकाइयों में सर्वोत्तम गुणवत्ता और प्रभावोत्पादक हर्बल औषधियों के उत्पादन में भारत के प्रयासों को प्रदर्शित करने के लिए आयोजित की गई है। पीसीआईएमएंडएच के निदेशक डॉ. रमन सिंह ने प्रतिभागियों को इस क्षेत्र में हुए हालिया विकास और भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के पीसीआईएमएंडएच द्वारा आयोजित हाल ही में संपन्न डब्ल्यूएचओ-आईआरसीएच कार्यशालाओं के बारे में जानकारी दी।
यह कार्यशाला आयुष में गुणवत्तापूर्ण औषधि विकास की दिशा में आयुष मंत्रालय के चल रहे प्रयासों की सराहना करती है।



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(Release ID: 2158216)