ग्रामीण विकास मंत्रालय
पीएमएवाई-जी लाभार्थी
Posted On:
19 AUG 2025 6:08PM by PIB Delhi
ग्रामीण क्षेत्रों में "सभी के लिए आवास" के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, ग्रामीण विकास मंत्रालय 1 अप्रैल 2016 से प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) का कार्यान्वयन कर रहा है ताकि पात्र ग्रामीण परिवारों को सहायता प्रदान की जा सके और इसमें वर्ष 2029 तक बुनियादी सुविधाओं से युक्त 4.95 करोड़ पक्के मकानों का निर्माण करने का समग्र लक्ष्य रखा गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2024-25 से 2028-29 के दौरान 2 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण मकानों के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के कार्यान्वयन को अनुमोदन प्रदान किया है। दिनांक 13.08.2025 तक, 4.95 करोड़ मकानों के संचयी लक्ष्य में से, 4.12 करोड़ मकान राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को आवंटित किए गए हैं, जिनमें से 3.85 करोड़ मकान स्वीकृत किए गए हैं और 2.83 करोड़ मकानों का निर्माण पूरा हो चुका है।
पीएमएवाई-जी के तहत प्रदान की गई वित्तीय सहायता के अतिरिक्त, इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में मकानों के निर्माण के माध्यम से कुशल और अकुशल दोनों तरह के श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा हुए हैं। इकाई सहायता के अलावा, मकान निर्माण के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा योजना) के तहत वर्तमान दरों पर 90/95 श्रम दिवस की अकुशल श्रम मजदूरी की सहायता प्रदान की जाती है। पीएमएवाई-जी विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों के अभिसरण से नल से जल, बिजली कनेक्शन, एलपीजी गैस कनेक्शन, सौर लालटेन और स्वच्छ खाना पकाने के लिए ईंधन, सौर रूफ टॉप इत्यादि जैसे लाभ प्रदान करता है। पीएमएवाई-जी के तहत एक मकान के निर्माण से लगभग 201 श्रम दिवसों का प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होता है, जिसमें 56 कुशल, 34 अर्ध-कुशल और 111 अकुशल श्रम-दिवस शामिल हैं।
पिछले नौ वर्षों (2016-25) के दौरान, इस योजना के तहत 2.829 करोड़ मकानों के निर्माण से लगभग 568 करोड़ श्रम-दिवसों का रोजगार सृजित हुआ है। पीएमएवाई-जी के ग्रामीण राजमिस्त्री प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत अब तक 2.97 लाख अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। इसके अलावा, कुछ सुप्रशिक्षित और प्रमाणित राजमिस्त्रियों को निर्माण क्षेत्र में विदेशों में काम करने के अवसर भी मिले हैं। पीएमएवाई-जी के अंतर्गत, मकान निर्माण के लिए निर्माण सामग्री के उत्पादन और उसकी ढुलाई के माध्यम से अप्रत्यक्ष रोजगार भी सृजित होता है।
पीएमएवाई-जी के अंतर्गत लाभार्थियों को प्रदान की जाने वाली इकाई सहायता केंद्रीय मंत्रिमंडल के अनुमोदन के अनुसार है और वर्तमान में, इकाई वित्तीय सहायता बढ़ाने के लिए मंत्रालय में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
यह जानकारी ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. चंद्र शेखर पेम्मासानी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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