स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण और सी-डैक ने लघु एवं मध्यम स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के डिजिटलीकरण हेतु एक छोटी एचएमआईएस शुरू करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
ई-सुश्रुत@क्लिनिक छोटे क्लीनिकों के लिए एक सरलीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो एकीकृत एबीडीएम उपकरणों के साथ रोगी देखभाल, रिकॉर्ड और टेलीमेडिसिन का प्रबंधन करता है
सीडैक के सहयोग से हम उम्मीद करते हैं कि ई-सुश्रुत@क्लिनिक देश भर में हजारों चिकित्सकों एवं सुविधा प्रबंधकों को सशक्त बनाएगा और उनकी सहायता करेगा - जिससे दक्षता, डेटा सुरक्षा तथा रोगी संतुष्टि में सुधार होगा: केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव
“ईसुश्रुत@क्लिनिक एबीडीएम-सक्षम है, इसलिए यह एबीडीएम को अपनाने में मदद करेगा और एक आपसी सहभागिता के साथ डिजिटल स्वास्थ्य इकोसिस्टम बनाने में मदद करेगा”
Posted On:
14 AUG 2025 8:31PM by PIB Delhi
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) और सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) ने आज केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्रीमती पुण्य सलिला श्रीवास्तव की उपस्थिति में ई-सुश्रुत@क्लिनिक शुरू करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
ई-सुश्रुत@क्लिनिक सेवा एक सामान्य क्लाउड-आधारित अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) प्रदान करता है, जिसे विशेष रूप से बाह्य रोगी क्लीनिकों के लिए तैयार किया गया है। यह सरकार समर्थित स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) विशेष रूप से छोटे और मध्यम स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए डिजाइन की गई है। यह आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) इकोसिस्टम के विस्तार में एक महत्वपूर्ण कदम है। माननीय प्रधानमंत्री द्वारा सितंबर 2021 में शुरू किए गए एबीडीएम का उद्देश्य देश के एकीकृत डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के विकास में सहायता प्रदान करना है। यह डिजिटल सेवाओं के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा इकोसिस्टम के विभिन्न हितधारकों के बीच मौजूदा अंतर को पाटेगा।
श्रीमती पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के दौरान कहा कि “एक किफायती सरकार से सहायता प्राप्त एचएमआईएस की मांग लंबे समय से बनी हुई थी।" उन्होंने कहा, हम सी-डैक के सहयोग से उम्मीद करते हैं कि ई-सुश्रुत@क्लिनिक देशभर में हजारों चिकित्सकों और सुविधा प्रदाताओं को सशक्त बनाएगा। यह उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति करेगा, जिससे दक्षता, डेटा सुरक्षा और रोगी संतुष्टि में सुधार होगा। श्रीमती पुण्य सलिला ने कहा, “चूंकि ईसुश्रुत@क्लिनिक एबीडीएम-सक्षम है, इसलिए यह एबीडीएम को अपनाने में मदद करेगा और एक आपसी सहभागिता के साथ डिजिटल स्वास्थ्य इकोसिस्टम बनाने में मदद करेगा।”
सी-डैक, नोएडा के कार्यकारी निदेशक श्री विवेक खनेजा ने भी कहा, "यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के साथ एक बेहतरीन साझेदारी है, जो पूरे देश में डिजिटल स्वास्थ्य सेवा लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।" स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए डिजिटल मार्ग अपनाने को सरल बनाकर, यह एक पारदर्शी और परस्पर जुड़े डिजिटल स्वास्थ्य इकोसिस्टम के निर्माण में तेजी लाने में मदद करेगा, जिससे अंततः हर जगह रोगियों को तेज व अधिक विश्वसनीय देखभाल प्रदान की जा सकेगी।
इस सॉफ्टवेयर की आवश्यकता एबीडीएम माइक्रोसाइटों के रोलआउट के दौरान प्राप्त फीडबैक से उत्पन्न हुई, जिसमें एक विश्वसनीय, सरकार समर्थित डिजिटल समाधान की मांग पर प्रकाश डाला गया। यह स्वीकार करते हुए कि कई एम्स अस्पताल पहले से ही सी-डैक की प्रणालियों का सफलतापूर्वक उपयोग कर रहे हैं, ई-सुश्रुत@क्लिनिक को निजी हितधारकों के लिए समान सिद्ध समाधान व विश्वसनीयता लाने हेतु विकसित किया गया था। एनएचए के आधिकारिक सहयोग से यह पहल एक सुरक्षित एवं विश्वसनीय मंच प्रदान करती है, जो निजी क्षेत्र में एक भरोसेमंद स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली की महत्वपूर्ण आवश्यकता को पूरा करती है।
सी-डैक द्वारा विकसित यह एप्लिकेशन उनके प्रमुख ई-सुश्रुत एचएमआईएस सॉफ्टवेयर का एक हल्का संस्करण है। ई-सुश्रुत सॉफ्टवेयर वर्तमान में देश भर के 17 एम्स और 4000 से अधिक स्वास्थ्य केंद्रों में इस्तेमाल किया जा रहा है। ई-सुश्रुत@क्लिनिक की ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया को सरल रखा गया है। कोई भी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता अपने लैपटॉप/मोबाइल से अपनी स्वास्थ्य सुविधा रजिस्ट्री (एचएफआर) और स्वास्थ्य पेशेवर रजिस्ट्री (एचपीआर) के माध्यम से वेबपेज पर इसे ऑनबोर्ड कर सकता है। यदि स्वास्थ्य सेवा प्रदाता एचएफआर/एचपीआर पर पंजीकृत नहीं है, तो वे स्वयं ईसुश्रुत@क्लिनिक पर पंजीकरण करा सकेंगे। इससे सरकारी और निजी दोनों क्लीनिकों के डॉक्टरों के लिए रोगियों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड तक पहुंचना और उन्हें अपडेट करना, टेलीमेडिसिन सेवाएं प्रदान करना तथा निदान एवं नुस्खे लिखना आसान हो जाएगा। ईसुश्रुत@क्लिनिक को बाह्य रोगी प्रबंधन, फार्मेसी व नर्सिंग मॉड्यूल के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है और यह कम प्रति-उपयोगकर्ता लागत पर आवश्यक सुविधाएं प्रदान करता है। यह प्लेटफॉर्म छोटे क्लीनिकों, उप-केंद्रों और मध्यम आकार के अस्पतालों को न्यूनतम तकनीकी खर्च के साथ रोगी रिकॉर्ड, नुस्खे तथा बिलिंग को डिजिटल बनाने में सक्षम बनाता है।
एबीडीएम की कई उपयोगिताएं और विशेषताएं ईसुश्रुत@क्लिनिक में उपलब्ध होंगी। उदाहरण के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रदाता उच्च रक्तचाप और मधुमेह के लिए एम्स क्लिनिकल डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (सीडीएसएस) सेवा का उपयोग करेंगे, जो सभी एबीडीएम-एकीकृत सॉफ्टवेयर के लिए निःशुल्क प्रदान की जा रही है। यह सीडीएसएस डॉक्टरों को बेहतर निदान और उपचार करने में सहायता करके रोगी देखभाल को बेहतर बनाने में मदद करता है।
इस अवसर पर सुश्री वी. हेकाली झिमोमी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, एनएचए, श्री किरण गोपाल वास्का, संयुक्त सचिव और मिशन निदेशक (एबीडीएम), श्री राजीव यादव, वैज्ञानिक जी, सीडीएसी तथा श्री अजय गुप्ता, वैज्ञानिक एफ, सीडीएसी भी उपस्थित थे।
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(Release ID: 2156721)