कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
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एमएसडीई ने ओडिशा में राष्ट्रीय आईटीआई उन्नयन स्कीम को आगे बढ़ाने के लिए परामर्श कार्यशाला का आयोजन किया

Posted On: 13 AUG 2025 11:57AM by PIB Delhi

भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने व्यावसायिक प्रशिक्षण सुविधाओं को उन्नत और आधुनिक बनाने के राष्ट्रीय प्रयास के हिस्से के रूप में ओडिशा सरकार के कौशल विकास एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के सहयोग से कल भुवनेश्वर के विश्व कौशल केंद्र में राष्ट्रीय आईटीआई उन्नयन स्कीम पर एक परामर्श कार्यशाला का आयोजन किया।

कार्यशाला में आईटीआई उन्नयन के लिए राष्ट्रीय योजना के विजन, संरचना और प्रचालनगत ढांचे पर चर्चा की गई तथा उभरती कार्यबल आवश्यकताओं के साथ संयोजन सुनिश्चित करने के लिए उद्योग जगत, शिक्षा क्षेत्र और प्रशिक्षण संस्थानों से उनके विचार एकत्रित किए गए।

एमएसडीई के सचिव श्री रजित पुन्हानी ने उच्च-गुणवत्तापूर्ण, बाजार-संगत कौशल के माध्यम से भारत के युवाओं को सशक्त बनाने में इस योजना की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा, "राष्ट्रीय आईटीआई उन्नयन स्कीम केवल बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण के बारे में नहीं, यह भारत में व्यावसायिक प्रशिक्षण के मूल स्वरूप को पुनर्जीवित करने के बारे में है। हब-एंड-स्पोक मॉडल, उद्योग-आधारित शासन और वैश्विक-मानक प्रशिक्षण के माध्यम से, हमारा लक्ष्य आईटीआई को नवोन्मेषण, रोजगारपरकता और उद्यमिता का केंद्र बनाना है। अपने मजबूत औद्योगिक आधार और नए राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र के साथ, ओडिशा इस बदलाव का नेतृत्व करने और देश के बाकी हिस्सों को प्रेरित करने की अनूठी स्थिति में है। यह केवल युवाओं को वर्तमान में रोजगार के लिए तैयार करने से संबंधित नहीं है—यह उन्हें भविष्य की अर्थव्यवस्था में नेतृत्व करने के लिए सशक्त बनाने के बारे में है।"

कार्यशाला में ओडिशा की आईटीआई यात्रा पर एक गहन प्रस्तुति दी गई, जिसमें तकनीकी शिक्षा, बुनियादी ढांचे के उन्नयन और उद्योग साझेदारी में राज्य की महत्वपूर्ण प्रगति पर प्रकाश डाला गया। इसमें राष्ट्रीय आईटीआई उन्नयन स्कीम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए ओडिशा के दृष्टिकोण, तत्परता और कार्यनीतिक योजनाओं को रेखांकित किया गया, जिससे राज्य आधुनिक कौशल विकास में अग्रणी बन सके।

इसके अतिरिक्त, उद्योग प्रतिनिधियों ने आईटीआई प्रशिक्षण को भविष्य की कार्यबल आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने पर अपने विचार साझा किए, जबकि तकनीकी संस्थानों के प्राचार्यों और संकाय सदस्यों ने जमीनी स्तर के दृष्टिकोण, बहुमूल्य जानकारी और सुझाव प्रदान किए। प्रमुख अनुशंसाएं वैश्विक मानकों और उद्योग की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पाठ्यक्रम उन्नयन, विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी)-आधारित मॉडल के लिए मार्गदर्शन सहायता, प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण की पहल को बढ़ावा देने, हाइब्रिड प्रशिक्षण विधियों को अपनाने, कौशल प्रतियोगिताओं को बढ़ावा देने, रक्षा क्षेत्र के लिए विशेष प्रशिक्षण, चिकित्सा और कृषि में एआई के एकीकरण और प्रशिक्षुता के अवसरों को सुदृढ़ करने पर केंद्रित थीं।

ओडिशा के समृद्ध खनिज संसाधनों और भारत के खनन उद्योग में इसकी प्रमुख स्थिति को देखते हुए, हितधारकों ने इस क्षेत्र की विशिष्ट कार्यबल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लक्षित कौशल कार्यक्रमों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे ऐसी पहल स्थानीय उद्योग की आवश्यकताओं को पूरा करेंगी और उच्च-मूल्य वाले खनन कार्यों और संबद्ध उद्योगों में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेंगी।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 7 मई, 2025 को देश भर के 1,000 आईटीआई संस्थानों को उन्नत बनाने के लिए पांच वर्षों में 60,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ राष्ट्रीय आईटीआई उन्नयन स्कीम को मंजूरी दी। इसका उद्देश्य व्यावसायिक शिक्षा को वैश्विक गुणवत्ता मानकों, उन्नत शिक्षाशास्त्र और वास्तविक उद्योग जगत की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाना है।

त्रिपक्षीय मॉडल—केंद्र से 30,000 करोड़ रुपए, राज्यों से 20,000 करोड़ रुपए और उद्योग (सीएसआर सहित) से 10,000 करोड़ रुपए—के माध्यम से वित्त पोषित इस योजना से 1,000 आईटीआई का आधुनिकीकरण होगा, जिसमें अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं, नवाचार केंद्रों और प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण (टीओटी) सुविधाओं से युक्त 200 हब आईटीआई और व्यापक पहुंच तथा गुणवत्ता समानता सुनिश्चित करने के लिए 800 स्पोक आईटीआई शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, पांच राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) को वैश्विक साझेदारों के सहयोग से राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों (एनसीओई) के आयोजन के लिए उन्नत किया जाएगा, जो उच्च-स्तरीय कौशल विकास, पाठ्यक्रम नवाचार और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देंगे।

यह योजना गहन उद्योग सहयोग पर केंद्रित है, जिसमें प्रत्येक आईटीआई क्लस्टर के शासन, प्रबंधन और प्रचालन को संचालित करने के लिए एसपीवी का निर्माण शामिल है। एसपीवी का सह-स्वामित्व केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और एंकर उद्योग साझेदारों के पास होगा। उन्नत क्लस्टर उच्च-गुणवत्ता, उद्योग-संबंधित और परिणाम-उन्मुख प्रशिक्षण प्रदान करेंगे, जिससे कौशल विकास भारत के युवाओं के लिए आकांक्षी और रोजगार-सक्षम बनेगा।

कार्यशाला में एमएसडीई की अपर सचिव सुश्री सोनल मिश्रा; कौशल विकास एवं रोजगार निदेशक, विश्व कौशल केंद्र, भुवनेश्वर की निदेशक, सुश्री रश्मिता पांडा; तकनीकी शिक्षा एवं प्रशिक्षण निदेशक, ओडिशा सरकार, श्री चक्रवर्ती सिंह राठौर; और एसडी एवं टीई के अपर सचिव, सह सीओओ, विश्व कौशल केंद्र, भुवनेश्वर, श्री पिनाकी पटनायक उपस्थित थे। इसमें सीटीटीसी, सीआईपीईटी, एनटीटीएफ, अदानी पोर्ट्स, टाटा स्ट्राइव, फिलिप्स एजुकेशन, आर्सेलर मित्तल एंड निप्पॉन स्टील, सीआईआई, फेस्टो इंडिया, ऑटोमोबाइल डॉक्टर इंडिया, डीएमजी मोरी, आईजी ड्रोन्स और राउरकेला स्टील प्लांट सहित विभिन्न संगठनों के उद्योग जगत के प्रमुख और शिक्षाविद भी उपस्थित थे।

अपने सहयोगात्मक दृष्टिकोण और मज़बूत उद्योग संबंधों के साथ, यह योजना भारत के व्यावसायिक प्रशिक्षण परिदृश्य को नया आकार देने, रोज़गार क्षमता बढ़ाने और देश के कार्यबल को भविष्य के रोजगार के लिए सक्षम बनाने हेतु तैयार है। इस कार्यशाला ने वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी कौशल केंद्र बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की और उद्योगों को दीर्घकालिक सफलता सुनिश्चित करने के लिए एंकर उद्योग भागीदार के रूप में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।

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पीके/केसी/ एसकेजे/एचबी


(Release ID: 2155999)
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