ग्रामीण विकास मंत्रालय
महिलाओं का कौशल उन्नयन
Posted On:
12 AUG 2025 5:51PM by PIB Delhi
दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) की व्यापक योजना के अंतर्गत, ग्रामीण विकास मंत्रालय देश में गरीबी उन्मूलन के उद्देश्य से ग्रामीण गरीब युवाओं को लाभकारी रोज़गार प्रदान करने हेतु कौशल विकास के क्षेत्र में निम्नलिखित दो केंद्र प्रायोजित योजनाओं यानी दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयू-जीकेवाई) और ग्रामीण स्व-रोज़गार प्रशिक्षण संस्थान (आरएसईटीआई) का कार्यान्वयन कर रहा है। इन योजनाओं का संक्षिप्त विवरण निम्नानुसार है:
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयू-जीकेवाई): डीडीयू-जीकेवाई 15-35 वर्ष आयु वर्ग के ग्रामीण गरीब युवाओं के लिए प्लेसमेंट से जुड़ा एक कौशल विकास कार्यक्रम है। यह ग्रामीण गरीब युवाओं को रोजगारपरक कौशल प्रदान करता है और नियमित श्रम बाजारों में उनकी भागीदारी को सुगम बनाता है, जिससे उन्हें न्यूनतम मजदूरी के बराबर या उससे अधिक मासिक वेतन वाली नौकरियां मिलती हैं। डीडीयू-जीकेवाई दिशानिर्देश अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (50%), महिलाओं (33%), और दिव्यांगजनों (5%) के सामाजिक समावेशन का प्रावधान करता है।
ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरएसईटीआई): आरएसईटीआई एक बैंक-संचालित और ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित प्रशिक्षण संस्थान है, जिसकी स्थापना प्रायोजक बैंकों द्वारा अपने जिलों में कौशल व उद्यमिता विकास हेतु प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए की गई है। ग्रामीण विकास मंत्रालय आरएसईटीआई भवन के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है और 'ग्रामीण गरीब' अभ्यर्थियों के प्रशिक्षण का खर्च भी वहन करता है। 18-50 वर्ष की आयु का कोई भी बेरोजगार युवा, जो स्वरोजगार या वेतनभोगी रोजगार करने की इच्छा रखता है, आरएसईटीआई में प्रशिक्षण प्राप्त कर सकता है। कुछ प्रशिक्षित अभ्यर्थी नियमित वेतन वाली नौकरी/वेतनभोगी रोजगार भी प्राप्त कर सकते हैं।
डीडीयू-जीकेवाई के अंतर्गत, जून 2025 तक कुल 17.51 लाख अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित किया गया है, जिनमें से 9.05 लाख महिलाओं (51.7%) को प्रशिक्षित किया गया है।
यह जानकारी ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री कमलेश पासवान ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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(Release ID: 2155745)