वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय
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सरकार ने एसपीआईसीईडी योजना के जरिए हल्दी के निर्यात को बढ़ावा दिया


मसाला बोर्ड ने गुणवत्ता और बाजार संपर्क कार्यक्रमों के साथ हल्दी की वैश्विक पहुंच को आगे बढ़ाया

प्रविष्टि तिथि: 12 AUG 2025 3:57PM by PIB Delhi

केन्द्र सरकार मसाला बोर्ड के जरिए "निर्यात विकास के लिए प्रगतिशील, अभिनव और सहयोगात्मक हस्तक्षेपों के माध्यम से मसाला क्षेत्र में स्थिरता (एसपीआईसीईडी)" योजना लागू कर रही है, जिसके तहत हल्दी सहित मसालों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों में अन्य बातों के अलावा खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता आश्वासन तंत्र/प्रमाणन को लागू करना, कटाई के बाद गुणवत्ता उन्नयन, प्रसंस्करण और मूल्य वर्धन के लिए सहायता, हल्दी के हितधारकों के लिए गुणवत्ता सुधार और उद्यमिता विकास के उद्देश्य से प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजित करना, आयातक देशों के गुणवत्ता विनिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए गुणवत्ता मूल्यांकन प्रयोगशालाओं के माध्यम से हल्दी की निर्यात खेपों का गुणवत्ता मूल्यांकन और किसानों/किसान समूहों, निर्यातकों/प्रसंस्करणकर्ताओं तथा अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों के बीच सीधा बाजार संपर्क स्थापित करने के लिए क्रेता-विक्रेता बैठकों (घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय) का आयोजन करना शामिल है।

इसके अलावा, हल्दी और हल्दी उत्पादों की क्षमता का उपयोग करने के लिए दिनांक 4 अक्टूबर 2023 की अधिसूचना के माध्यम से राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड का गठन निम्नलिखित उद्देश्यों के साथ  किया गया थाः

i. हल्दी में नए उत्पाद विकास और मूल्य वर्धन को बढ़ावा देना;

ii. अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में हल्दी और हल्दी उत्पादों के प्रति जागरूकता और खपत को बढ़ावा देना;

iii. मूल्य-वर्धित हल्दी उत्पादों के विकास के लिए संभावित अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में बाजार अनुसंधान को सुविधाजनक बनाना;

iv. हल्दी और हल्दी उत्पादों के निर्यात के लिए बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक्स के निर्माण और सुधार को सुविधाजनक बनाना;

v. अग्रिम और पश्चवर्ती संपर्कों को मजबूत करके हल्दी और हल्दी उत्पादों के लिए मजूबत और स्थाई आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्माण को प्रोत्साहित करना;

हल्दी की आपूर्ति श्रृंखला में गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों के अनुपालन को बढ़ावा देना;

मूल्यवर्धन गतिविधियों के लिए हल्दी उत्पादकों के क्षमता निर्माण और कौशल विकास को बढ़ावा देना;

viii. हल्दी के उपयोग और उसके अनुप्रयोगों से संबंधित पारंपरिक ज्ञान के दस्तावेजीकरण को मजबूत करना;

ix. हल्दी के औषधीय, स्वास्थ्य और कल्याण बढ़ाने वाले गुणों पर अध्ययन, नैदानिक परीक्षण और अनुसंधान को प्रोत्साहित करना; और

हल्दी क्षेत्र के संवर्धन और विकास के लिए केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित कोई अन्य उद्देश्य।

वर्ष 2020 से हल्दी के विश्व निर्यात में भारत के योगदान का विवरण अनुलग्नक-I में दिया गया है।

वर्ष 2020 से भारत से हल्दी के निर्यात की मात्रा अनुलग्नक-II में दी गई है।

वित्तीय वर्ष 2020-21 से वित्तीय वर्ष 2024-25 तक हल्दी के निर्यात से प्राप्त राजस्व का विवरण राज्य-वार अनुलग्नक-III में दिया गया है।

2020 से भारतीय हल्दी के शीर्ष पांच आयातक बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका, मलेशिया और मोरक्को हैं। 2020-21 से 2024-25 की अवधि के लिए उन्हें निर्यात की गई हल्दी की मात्रा अनुलग्नक -IV में दी गई है।

केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद ने आज यह जानकारी लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

 

अनुलग्नकों को देखने के लिए यहां क्लिक करें।

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पीके/केसी/आईएम/एसवी


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