पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
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संसदीय प्रश्न: हरित रोजगार सृजन

Posted On: 11 AUG 2025 5:40PM by PIB Delhi

नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, सतत कृषि, पर्यावरण संरक्षण, पर्यावरण संबंधी चिंताओं को दूर करने वाले क्षेत्र और स्मार्ट सिटी मिशन तथा राष्ट्रीय सौर मिशन जैसी योजनाओं में हरित कुशल कार्यबल को शामिल करने की क्षमता है।

मरम्मत, नवीनीकरण/पुनर्चक्रण पर आधारित नए उत्पाद/सेवाएँ नए बाज़ार हैं। इनमें अपशिष्ट संग्रहण में न्यूनतम कुशल, मरम्मत, नवीनीकरण/पुनर्चक्रण में अर्ध-कुशल और डिज़ाइन एवं पुनर्रचना में उच्च कुशल नौकरियों के लिए विविध प्रकार की नौकरियाँ उपलब्ध हैं। अनुमान के अनुसार प्रत्येक 10,000 टन अपशिष्ट उत्पादों के पुनर्चक्रण से लगभग 115 नौकरियाँ सृजित होती हैं।

अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों के योगदान को बढ़ाने और अपशिष्ट प्रबंधन और पुनर्चक्रण क्षेत्र के एकीकरण हेतु बेहतर कार्य परिस्थितियाँ और आय स्थिरता प्रदान करने में राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकारों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। कई राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों ने कचरा संग्रहण, छंटाई और परिवहन के लिए स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को सुसज्जित/प्रशिक्षित किया है। उदाहरण के लिए: केरल (हरित कर्म सेना), छत्तीसगढ़ (स्वच्छता दीदी), ओडिशा (महिला स्वयं सहायता समूह) और महाराष्ट्र (स्वच्छ सहकारी समिति)।

राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा कौशल विकास के लिए विश्वविद्यालयों/संस्थानों के माध्यम से कई कौशल/प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहे हैं। आवश्यकता-आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रमों को सुगम बनाने के लिए 30 से अधिक सेक्टर स्किल काउंसिल (एसएससी) हैं। 4 लाख से अधिक उम्मीदवारों को स्किल काउंसिल फॉर ग्रीन जॉब्स के तहत प्रमाणित किया गया है, जो एसएससी में से एक है।

मिशन लाइफ सर्कुलर इकोनॉमी के सिद्धांतों - कम करना, मरम्मत करना, पुन: उपयोग करना, पुनर्चक्रण करना - के महत्व पर भी बल देता है। वर्ष 2030 और 2050 में देश में अनुमानित अपशिष्ट उत्पादन कचरे को 'पर्यावरण के लिए हानिकारक' से 'आर्थिक रूप से लाभदायक' में बदलने का एक बड़ा अवसर प्रस्तुत करता है। सरकार ने सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए 11 प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की है, जैसे ठोस अपशिष्ट, प्लास्टिक अपशिष्ट, ई-कचरा, बैटरी अपशिष्ट, तरल अपशिष्ट, प्रयुक्त तेल, बेकार टायर, जीवन-अंत वाहनों का अपशिष्ट, धातु स्क्रैप, निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट और खतरनाक अपशिष्ट। सर्कुलर इकोनॉमी में विविध कौशल समूहों के लिए विभिन्न प्रकार की भूमिकाओं में वर्तमान 50 लाख में अतिरिक्त 33 लाख रोज़गार सृजित करने की क्षमता है। कौशल/प्रशिक्षण में उल्लेखनीय प्रगति हुई है और साथ ही बुनियादी ढाँचे, निवेश, प्रौद्योगिकी, कौशल और अनौपचारिक क्षेत्र एकीकरण जैसी चुनौतियों का समाधान करने की आवश्यकता है।

सर्कुलर इकोनॉमी को लागू करने के लिए, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने प्लास्टिक पैकेजिंग अपशिष्ट, बैटरी अपशिष्ट, ई-कचरा, बेकार टायर, प्रयुक्त तेल, जीवन-अंत वाहनों, निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट और अलौह धातु स्क्रैप के संबंध में बाजार आधारित विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (ईपीआर) पर विनियम अधिसूचित किए हैं।

ईपीआर ढाँचे के कार्यान्वयन से अपशिष्टों के पर्यावरणीय रूप से सुदृढ़ प्रबंधन हेतु एक स्थायी इकोसिस्टम का निर्माण होता है। इससे अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होता है और अपशिष्ट से संसाधनों की प्राप्ति के साथ-साथ अनौपचारिक पुनर्चक्रण क्षेत्र का औपचारिक क्षेत्र में एकीकरण को बढ़ावा मिलता है। ईपीआर ढाँचे के अंतर्गत पुनर्चक्रण इकोसिस्टम को बढ़ावा देने से लाखों हरित रोज़गारों के सृजन के अवसर उपलब्ध होते हैं।

यह जानकारी केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री कीर्ति वर्धन सिंह ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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पीके/केसी/एसके

(लोकसभा यूएस Q3537)


(Release ID: 2155289)
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