जल शक्ति मंत्रालय
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बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना के अंतर्गत चिन्हित बांध

Posted On: 11 AUG 2025 3:32PM by PIB Delhi

केंद्रीय मंत्रिमंडल की स्वीकृति के अनुसार बाह्य वित्त पोषित बांध पुनर्वास एवं सुधार परियोजना (ड्रिप) के दूसरे और तीसरे चरण के लिए, पुनर्वास और सुरक्षावर्धन हेतु 19 राज्यों में कुल 736 बांधों की पहचान की गई है। ड्रिप द्वितीय और तृतीय चरण योजना की कुल लागत 10,211 करोड़ रुपये है, जिसका उपयोग 2021 से 2031 तक दस वर्षों की अवधि में किया जाएगा।

ड्रिप द्वितीय चरण 12 अक्टूबर 2021 को आरंभ हुआ जो विश्व बैंक और एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (एआईआईबी) द्वारा सह-वित्तपोषित है। पहचाने गये बांधों और उनसे संबंधित आवंटित लागत का राज्यवार ब्यौरा नीचे दिया गया है।

इस योजना में सामान्य श्रेणी के राज्यों के लिए 70:30 (बाह्य: समकक्ष) के अनुपात में, विशेष श्रेणी के राज्यों के लिए 80:20 के अनुपात में, और केंद्रीय एजेंसियों के लिए 50:50 के अनुपात में वित्त पोषण किया जा रहा है। 'बाह्य' घटक विश्व बैंक और एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (एआईआईबी) द्वारा वितरित ऋण अंश के संदर्भ में कहा गया है। कार्यान्वयन एजेंसियों के वास्तविक व्यय के अनुरूप तिमाही आधार पर ऋण वितरण किया जाता है।

30 जून 2025 तक, विभिन्न कार्यान्वयन एजेंसियों द्वारा डीआरआईपी द्वितीय चरण के अंतर्गत कुल 1,796.96 करोड़ रुपये का व्यय हुआ है। इसमें से, कर्नाटक ने डीआरआईपी द्वितीय चरण में 308 करोड़ रुपये के आवंटन में 252.14 करोड़ रुपये का व्यय दर्शाया है।

30 जून 2025 तक, 25 बांधों पर प्रमुख पुनर्वास कार्य पूरे हो गये हैं।

वर्ष 2012-2021 के दौरान कार्यान्वित ड्रिप प्रथम चरण के अंतर्गत बांधों की आपातकालीन कार्य योजनाएं (ईएपी) विकसित करने के व्यापक दिशानिर्देश तय किए गए थे ताकि बांध मालिकों को बांध-विशिष्ट ईएपी दस्तावेज़ तैयार करने में सहायता मिल सके। इसी आधार पर, ड्रिप द्वितीय और तृतीय चरण के चिन्हित बांधों के लिए ईएपी तैयार करने, हितधारकों को नियमित रूप से इस बारे में जानकारी देने और विभिन्न प्लेटफार्म पर पूर्व चेतावनी प्रणालियां (ईडब्ल्यूएस) स्थापित करने के कदमों द्वारा बांध सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।

इस योजना के अंतर्गत, बांधों को क्षति पहुंचने के विश्लेषण और अलग-अलग बांधों के लिए अनुकूलित आपातकालीन कार्य योजनाएं विकसित करने में कार्यान्वयन एजेंसियों को सुगमता के लिए तकनीकी सहायता दी जा रही है। ड्रिप योजना के अंतर्गत अब तक, 226 बांधों के लिए आपातकालीन कार्य योजनाएं तैयार की गई हैं, जिनमें प्रथम चरण में शामिल बांध भी शामिल हैं। इसके अलावा 103 हितधारक परामर्श कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जिनमें लगभग दस हजार प्रतिभागियों ने भाग लिया। ऐसी पहल का उद्देश्य आपदा-रोधी बांध आधारभूत संरचना को बढ़ावा देना और आपात स्थिति से निपटने में सामुदायिक तैयारी बढ़ाना है।

जल शक्ति राज्य मंत्री श्री राज भूषण चौधरी ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

ड्रिप-II और III के अंतर्गत चिन्हित बांधों की राज्य/एजेंसीवार संख्या और आवंटित लागत

क्र.सं.

राज्य/एजेंसी

बांधों की संख्या

अनुमानित लागत

(करोड़ रुपये में)

1.

आंध्र प्रदेश

31

667

2.

छत्तीसगढ़

5

133

3.

गोवा

2

58

4.

गुजरात

6

400

5.

झारखंड

35

238

6.

कर्नाटक

41

612

7.

केरल

28

316

8.

मध्य प्रदेश

27

186

9.

महाराष्ट्र

167

940

10.

मणिपुर

2

311

11.

मेघालय

6

441

12.

ओड़िशा

36

804

13.

पंजाब

12

442

14.

राजस्थान

189

965

15.

तमिलनाडु

59

1064

16.

तेलंगाना

29

545

17.

उत्तर प्रदेश

39

787

18.

उत्तराखंड

6

274

19.

प. बंगाल

9

84

20.

भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी)

2

230

21.

केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी)

---

570

22.

दामोदर वैली कॉर्पोरेशन (डीवीसी)

5

144

Total

736

10,211

***

पीके/केसी/एकेवी/एसके


(Release ID: 2155085)
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