कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
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एनईएसडीए के अंतर्गत  राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ई-सेवाओं के संवर्द्धन और ई-सेवा वितरण में सुधार के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सेवा के अधिकार (आरटीएस) आयुक्तों के साथ डीएआरपीजी का सहयोग(वे फॉरवर्ड) जारी


भारत में ई-सेवाओं की कुल संख्या 22000  पार और ई-सेवाओं के लिए रोडमैप पर चर्चा की गई

एनसीजीजी ने 9 महीने के व्यापक अध्ययन में सेवा का अधिकार आयोगों के लाभों और बेहतर सेवा वितरण पर प्रभाव का दस्तावेजीकरण किया

राज्य विशिष्ट सेवा शिकायतों के वास्तविक समय डेटा साझा करने के लिए हरियाणा आरटीएस आयोग के साथ सीपीजीआरएएमएस और आरटीएस का पायलट एपीआई एकीकरण पूरा हो रहा है

Posted On: 09 AUG 2025 12:16PM by PIB Delhi

प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) ने आरटीएस आयुक्तों के सहयोग से एनईएसडीए वे फॉरवर्ड के तहत सार्वजनिक सेवा वितरण ढांचे को और मजबूत करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आरटीएस आयोगों के साथ एक बैठक की। चंडीगढ़, पंजाब, उत्तराखंड, मेघालय, असम, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने वाले आठ आरटीएस आयुक्तों ने 8 अगस्त, 2025 को डीएआरपीजी के सचिव श्री वी. श्रीनिवास की अध्यक्षता में  बैठक में भाग लिया। राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) के महानिदेशक (डीजी) डॉ. सुरेंद्रकुमार बागड़े भी उपस्थित थे।

डीएआरपीजी के सचिव ने उन राज्यों में ई-सेवाओं में हुई वृद्धि पर प्रकाश डाला जहां आरटीएस आयोग हैं  जिससे आरटीएस ढांचे के माध्यम से एनईएसडीए वे फॉरवर्ड के अंतर्गत ई-सेवा वितरण को बढ़ाने के लिए गहन सहयोग की नींव रखी जा रही है। उन्होंने आगे बताया कि राज्य शिकायत अधिकारियों की प्रभावी पर्यवेक्षी निगरानी के लिए राज्य विशिष्ट सेवा शिकायतों के वास्तविक समय डेटा साझा करने के लिए सीपीजीआरएएमएस पोर्टल का आरटीएस आयोगों की वेबसाइटों के साथ एपीआई लिंकेज पूरा हो रहा है। आरटीएस आयुक्त, विनियमन के उद्देश्यों के अनुरूप व्यापार करने में आसानी के लिए सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत भूमि, श्रम, वित्त और पर्यावरण के चार प्रमुख क्षेत्रों में ई-सेवाओं को बढ़ाने के लिए डीएआरपीजी के साथ सहयोग करेंगे। आरटीएस आयोगों से अनुरोध किया गया कि वे अधिसूचित सेवाओं की सूची में इन श्रेणियों की सेवाओं को शामिल करने का पता लगाने के लिए राज्यों के समर्थन का लाभ उठाएं।

वर्तमान में राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश एनईएसडीए ढांचे के अंतर्गत 22,000 से अधिक ई-सेवाओं प्रदान कर रहे हैं। इन सेवाओं तक पहुँच को आसान बनाने के लिए विभिन्न मानदंडों पर एनआईसी द्वारा विकसित     एएकेएलएएन  बेंचमार्किंग टूल के माध्यम से सेवाओं का मूल्यांकन सुगम बनाया जाता है। आरटीएस आयोगों की सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने के लिए मासिक एनईएसडीए वे फॉरवर्ड रिपोर्ट में शामिल किया जाता है और एनसीजीजी द्वारा सार्वजनिक सेवा वितरण और शिकायत निवारण पर आरटीएस आयोगों के प्रभाव की जाँच हेतु एक अध्ययन किया गया है।

एनसीजीजी के महानिदेशक डॉ. सुरेंद्रकुमार बागड़े ने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में आरटीएस अधिनियमों के लाभों पर एनसीजीजी के अध्ययन का अवलोकन प्रस्तुत किया और 9 महीनों में किए जाने वाले इस अध्ययन के दायरे और उद्देश्य की व्याख्या की। महाराष्ट्र के पूर्व आयुक्त श्री स्वाधीन क्षत्रिय ने इस अध्ययन का स्वागत करते हुए कहा कि यह सुशासन और सेवा वितरण के अंतर्संबंध को स्थापित करने में सहायक होगा।

आरटीएस आयुक्तों को सेवा वितरण में सुधार और शिकायतों के निवारण हेतु डिजिटल सेवाओं के विस्तार हेतु प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) की राज्य सहयोग पहल (एससीआई) के तहत प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया था। यह पहल डिजिटल परिवर्तन और कुशल लोक सेवा वितरण के लिए भारत सरकार के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो नागरिकों को सशक्त बनाने और शासन के परिणामों में सुधार के लिए हो रहे प्रयासों को दर्शाती है।

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पीके/केसी/एनकेएस/एसएस


(Release ID: 2154605)
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