स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय
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खाद्य सुरक्षा मानकों को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदम


एफएसएसएआई खाद्य सुरक्षा अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सख्त लाइसेंसिंग, स्वच्छता मानकों और वार्षिक निरीक्षणों को लागू करता है

सुरक्षित खाद्य प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए एफएसएसएआई के खाद्य सुरक्षा प्रशिक्षण और प्रमाणन कार्यक्रम के तहत 3 लाख से अधिक स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को प्रशिक्षित किया गया

एफएसएसएआई का 'ईट राइट इंडिया' आंदोलन प्रमाणन और इकोसिस्टम सुधार के माध्यम से खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देता है

सुरक्षित और स्वच्छ भोजन को बढ़ावा देने के लिए एफएसएसएआई की सही खाए पहल के अंतर्गत 405 स्ट्रीट फूड हब प्रमाणित

एफएसएसएआई ने खाद्य सुरक्षा और जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए देश भर में 305 मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब तैनात किए

Posted On: 08 AUG 2025 4:48PM by PIB Delhi

भारत सरकार, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के माध्यम से कठोर निरीक्षणों, जागरूकता अभियानों और प्रवर्तन के माध्यम से स्ट्रीट फ़ूड सुरक्षा को बढ़ावा देती है । FSSAI को खाद्य पदार्थों के लिए विज्ञान-आधारित मानक निर्धारित करने और मानव उपभोग के लिए सुरक्षित एवं पौष्टिक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु उनके निर्माण, भंडारण, वितरण, बिक्री और आयात को विनियमित करने का दायित्व सौंपा गया है।

खाद्य सुरक्षा और मानक (एफएसएस) अधिनियम, 2006 की धारा 31 (1) और 31 (2) में प्रावधान है कि कोई भी व्यक्ति लाइसेंस/पंजीकरण, जो भी लागू हो, के बिना कोई भी खाद्य व्यवसाय शुरू या संचालित नहीं करेगा। इसलिए, सभी खाद्य व्यवसाय संचालकों (एफबीओ) को निर्धारित मानकों और खाद्य सुरक्षा और मानक (लाइसेंसिंग और पंजीकरण) विनियम, 2011 के प्रावधानों का पालन करना होगा। प्रत्येक एफबीओ को खाद्य व्यवसाय के प्रकार और पैमाने के आधार पर अनुसूची 4 की स्वच्छता और स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं और उपर्युक्त विनियमन के तहत निर्धारित अन्य आवश्यकताओं का पालन करना होगा। विनियमन का उप-विनियम 2.1.1. (6) पंजीकृत प्राधिकारी या किसी अधिकारी या एजेंसी द्वारा विशेष रूप से इस उद्देश्य के लिए अधिकृत वर्ष में एक बार पंजीकृत छोटे खाद्य निर्माताओं का खाद्य सुरक्षा निरीक्षण अनिवार्य करता है।

इसके अलावा, एफएसएसएआई, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और अपने क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से, खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 और उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों विनियमों में निर्धारित मानकों के अनुपालन की जाँच हेतु खाद्य उत्पादों की नियमित निगरानी, निरीक्षण और रैंडम नमूने एकत्र करता है। यदि खाद्य नमूने मानकों के अनुरूप नहीं पाए जाते हैं, तो दोषी खाद्य व्यवसाय संचालकों के विरुद्ध एफएसएस अधिनियम और उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों विनियमों के प्रावधानों के अनुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाती है। पिछले तीन वर्षों में किए गए निरीक्षणों का विवरण नीचे दिया गया है और राज्यवार विवरण इस प्रकार हैं:

राज्य/संघ राज्य क्षेत्र और वर्षवार कुल निरीक्षण किए गए

राज्य

वित्त वर्ष 2022-23

 

2023-24

2024-25

अंडमान व नोकोबार द्वीप समूह

1454

796

515

आंध्र प्रदेश

534

611

443

अरुणाचल प्रदेश

7

2

4

असम

4

255

28

बिहार

1

14

0

चंडीगढ़

14

0

0

छत्तीसगढ

350

545

963

दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव

214

51

19

दिल्ली

24

41

30

गोवा

1204

1273

1462

गुजरात

643

852

1535

हरयाणा

470

341

33

हिमाचल प्रदेश

587

173

155

जम्मू और कश्मीर

5396

3023

2703

झारखंड

46

49

201

कर्नाटक

1602

3591

6367

केरल

4802

10229

12105

लद्दाख

119

72

219

लक्षद्वीप

0

3

16

मध्य प्रदेश

1534

2711

3941

महाराष्ट्र

1841

1436

1071

मणिपुर

113

70

84

मेघालय

4

54

199

मिजोरम

0

0

35

नगालैंड

18

18

18

उड़ीसा

1212

1460

968

पुदुचेरी

0

0

0

पंजाब

262

159

148

राजस्थान

107

1023

2259

सिक्किम

142

110

0

तमिलनाडु

5409

3742

3053

तेलंगाना

329

227

54

त्रिपुरा

1

70

68

उत्तराखंड

559

294

373

उतार प्रदेश।

9605

8483

12909

पश्चिम बंगाल

725

998

716

 

 स्ट्रीट फ़ूड विक्रेताओं सहित खाद्य संचालकों के बीच जागरूकता बढ़ाने और सुरक्षित खाद्य प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए, FSSAI ने 2017 में खाद्य सुरक्षा प्रशिक्षण और प्रमाणन (FoSTaC) कार्यक्रम शुरू किया। यह पहल खाद्य व्यवसाय से जुड़े व्यक्तियों, चाहे वे खाद्य व्यवसाय संचालक हों या कर्मचारी, को खाद्य सुरक्षा और मानकों का प्रशिक्षण प्रदान करती है। FoSTaC के अंतर्गत "स्ट्रीट फ़ूड वेंडिंग" नामक एक विशेष जागरूकता पाठ्यक्रम विकसित किया गया है। अब तक देश भर में 3 लाख से ज़्यादा स्ट्रीट फ़ूड विक्रेताओं को इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा चुका है।

एफएसएसएआई सभी नागरिकों के लिए खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता सुनिश्चित करने हेतु एक राष्ट्रव्यापी पहल, "ईट राइट इंडिया मूवमेंट" चला रहा है। यह देश के खाद्य इकोसिस्टम को बदलने का एक सामूहिक प्रयास है। इस पहल के अंतर्गत भोजन तैयार करने या परोसने वाले स्थानों पर खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए ईट राइट प्रमाणपत्र प्रदान किए जाते हैं।

FSSAI ने फ़ूड स्ट्रीट्स पर लोगों को खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता के बारे में शिक्षित करने के लिए ईट राइट स्ट्रीट फ़ूड हब प्रमाणन कार्यक्रम तैयार किया है। यह एक क्लस्टर-आधारित पहल है। यहाँ खाद्य विक्रेताओं को खाद्य सुरक्षा मानकों को बनाए रखने के लिए शिक्षित किया जाता है। सूचना, शिक्षा और संचार (IEC) सामग्री प्रदर्शित की जाती है, जिससे दृश्यता बढ़ती है, उपभोक्ता विश्वास बढ़ता है और सभी को सुरक्षित और स्वच्छ भोजन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। ईट राइट इंडिया के अंतर्गत 405 ईट राइट स्ट्रीट फ़ूड हब प्रमाणित हैं।

इसके अलावा, दूरदराज के इलाकों में खाद्य पदार्थों की मौके पर ही जाँच और खाद्य सुरक्षा संबंधी जानकारी के प्रसार हेतु, FSSAI ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मोबाइल खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाएँ (MFTL) शुरू की हैं। MFTL की तीन प्रमुख गतिविधियाँ इस प्रकार हैं:

  1. खाद्य वस्तुओं का मौके पर परीक्षण;
  2. खाद्य व्यवसाय संचालकों के लिए प्रशिक्षण
  3. खाद्य व्यापार संचालकों, स्ट्रीट फूड विक्रेताओं, आम जनता, स्कूलों, संस्थानों, संगठनों आदि के बीच खाद्य सुरक्षा जागरूकता। एफएसएसएआई ने अब तक भारत भर में 35 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 305 एमएफटीएल तैनात किए हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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पीके/ केसी/एसके/एसएस

 


(Release ID: 2154423)
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