पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय
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संसद प्रश्न: महाराष्ट्र में लू से संबंधित मौतें और निवारण के उपाय

Posted On: 07 AUG 2025 3:54PM by PIB Delhi

गृह मंत्रालय (एमएचए) के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) से उपलब्ध, 2018-2022 के दौरान महाराष्ट्र में लू (हीट/सन स्ट्रोक) से हुई मौतों के नवीनतम आंकड़े अनुलग्नक-1 में दिए गए हैं।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों के पास राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीआरएफ) और राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष (एसडीएमएफ) के माध्यम से सहायता के लिए संसाधन उपलब्ध हैं। यदि राज्य वित्तीय सहायता का अनुरोध करते हैं, तो केंद्र सरकार राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष (एनडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष (एनडीएमएफ) के लिए प्रासंगिक दिशानिर्देशों के अनुसार उस पर विचार करती है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने देश भर के विभिन्न अनुसंधान केंद्रों के सहयोग से निगरानी और पूर्व चेतावनी प्रणालियों को बेहतर बनाने के लिए कई पहल की हैं। इन प्रयासों ने लू सहित चरम मौसम की घटनाओं के दौरान जान-माल के नुकसान को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इनमें शामिल हैं:

  • मौसमी और मासिक पूर्वानुमान जारी करना, उसके बाद तापमान और लू की स्थिति का विस्तृत पूर्वानुमान जारी करना। समय पर जन-जन तक पहुँच के लिए पूर्व चेतावनी और पूर्वानुमान की जानकारी विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से भी प्रसारित की जाती है।
  • भारत में जिलावार लू की संवेदनशीलता का एटलस तैयार किया गया है ताकि राज्य सरकार के अधिकारियों और आपदा प्रबंधन एजेंसियों को योजना बनाने में मदद मिल सके।
  • भारत के गर्म मौसम के खतरे के विश्लेषण मानचित्र में तापमान, हवा के रुख और आर्द्रता के स्तर पर दैनिक आँकड़े शामिल हैं।
  • गर्मी के मौसम की शुरुआत से बहुत पहले राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय लू की तैयारी संबंधी बैठकों की श्रृंखला आयोजित की जाती है, और मौसम के दौरान समय-समय पर नियमित समीक्षा बैठकें भी होती हैं।

मौसम संबंधी जानकारी केंद्र सरकार के मंत्रालयों, राज्य सरकारों और स्थानीय सरकारी निकायों सहित सभी संबंधित पक्षों को प्रदान की जाती है। इसके अलावा, विदर्भ और मराठवाड़ा के सभी ज़िलों सहित 23 राज्यों में हीट एक्शन प्लान (एचएपी) लागू किए गए हैं, जो विशेष रूप से लू की स्थिति के प्रति संवेदनशील हैं। ये योजनाएँ राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) द्वारा संबंधित राज्य सरकारों के सहयोग से संयुक्त पहल हैं। एनडीएमए द्वारा विकसित कॉमन अलर्ट प्रोटोकॉल (सीएपी) को भी आईएमडी द्वारा चेतावनियों और समय पर अलर्ट प्रसारित करने के लिए लागू किया जा रहा है।

आईएमडी ने मौसम संबंधी तेरह सबसे खतरनाक घटनाओं के लिए वेब-आधारित ऑनलाइन "भारत का जलवायु खतरा और भेद्यता एटलस" भी तैयार किया है, जो व्यापक क्षति और आर्थिक, मानवीय और पशु हानि का कारण बनते हैं। इसे https://imdpune.gov.in/hazardatlas/abouthazard.html पर देखा जा सकता है।  यह एटलस राज्य सरकार के अधिकारियों और आपदा प्रबंधन एजेंसियों को हॉटस्पॉट की पहचान करने, चरम मौसम की घटनाओं से निपटने के लिए योजना बनाने और उचित कार्रवाई करने में मदद करेगा। यह उत्पाद जलवायु परिवर्तन के प्रति सजग बुनियादी ढाँचे के निर्माण में सहायक है। इसके अलावा, भारतीय मौसम विभाग विभिन्न माध्यमों से जनता को मौसम संबंधी जानकारी प्रदान करता है:

  • जनसंचार माध्यम: रेडियो/टीवी, समाचार पत्र नेटवर्क (एएम, एफएम, सामुदायिक रेडियो, निजी टीवी), प्रसार भारती और निजी प्रसारणकर्ता
  • साप्ताहिक और दैनिक मौसम वीडियो
  • इंटरनेट (ईमेल), एफ़टीपी
  • सार्वजनिक वेबसाइट (mausam.imd.gov.in)
  • आईएमडी ऐप्स: मौसम/मेघदूत/दामिनी/रेन अलार्म
  • सोशल मीडिया: फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्रामब्लॉग

X: https://twitter.com/Indiametdept

फेसबुक: https://www.facebook.com/India.Meteorological.Department/

ब्लॉग: https://imdweather1875.wordpress.ß/

इंस्टाग्राम: https://www.instagram.com/mausam_nwfc

यूट्यूब: https://www.youtube.com/channel/UC_qxTReoq07UVARm87CuyQw

2018-2022 के दौरान लू/सन स्टॉक्स से हुई मौतें:

 

क्रम संख्या

वर्ष

मृत्यु की संख्या

1

2018

128

2

2019

159

3

2020

56

4

2021

37

5

2022

90

 

स्रोत: राज्य, भारत में आकस्मिक मृत्यु एवं आत्महत्या, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी), गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार।

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह जानकारी आज राज्यसभा में  लिखित उत्तर में दी।

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